
- पंजाब किंग्स के विकेटकीपर प्रभसिमरन सिंह ने ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ तीसरे अनऑफिशियल वनडे में शानदार शतक बनाया
- प्रभसिमरन सिंह ने 68 गेंदों में 8 चौकों और 7 छक्कों की मदद से 102 रन बनाए और मैच जल्दी जीताया
- उनकी बल्लेबाजी में पावर और तेज शॉट लगाने की क्षमता घरेलू क्रिकेट में सबसे अलग और प्रभावशाली मानी जाती है
Prabhsimran Singh vs Australia 'A': ऐसा लगता है कि पंजाब किंग्स के विकेटकीपर प्रभसिमरन सिंह (Prabhsimran Singh) व्हाइट-बॉल टीम इंडिया के एकदम मुहाने पर जा पहुंचे हैं. इस बार उन्होंने दरवाजा इतना जोर से खटखटाया है कि सेलेक्टरों तक गूंज पहुंचेगी ही पहुंचेगी. यूं तो भारतीय क्रिकेटप्रेमी इस विकेटकीपर-ओपनर बल्लेबाज की क्षमता से अच्छी तरफ से वाकिफ थे, लेकिन शीर्ष स्तर (कम से कम आईपीएल) पर प्रदर्शन और इसमें निरंतरता एक बड़ा सवाल था. बहरहाल, इस बार उन्होंने सुतली खोली है भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलिया ए टीम की. रविवार को कानपुर के ग्रीन पार्क में खेले गए तीसरे अनऑफिशियल वनडे में ऑस्ट्रेलियाई पहले बैटिंग करते हुए 316 रन बनाकर बहुत ही खुश था, लेकिन प्रभसिमरन ने ऐसी मार लगाई कि मैच चार ओवर पहले ही भारत ए ने अपने नाम कर लिया.
यह प्रभसिमरन की स्टाइल है!
एक छोर पर मिस्टर सुनामी अभिषेक शर्मा सिर्फ 22 रन बनाकर लौट गए, लेकिन इस बार तूफान लाने की जिम्मेदारी प्रभसिमरन ने ले ली. और उन्होंने सिर्फ 68 गेंदों पर 8 चौकों और 7 छक्कों से 102 रन बनाकर मैच का परिणाम बहुत पहले ही सुनिश्चित कर दिया. चलिए आप प्रभसिमरन सिंह की 3 बड़ी यूएसपी (यूनीक सेलिंग प्वाइंट्स या खासियत) के बारे में जान लें.

शॉट में गजब की पावर!
अगर एक बार को यह कह दिया जाए कि घरेलू क्रिकेट में इस समय प्रभसिमरन से तेज शॉट शॉट लगाने वाला कोई दूसरा बल्लेबाज नहीं है, तो यह गलत नहीं होगा. कुछ साल पहले वीरेंद्र सहवाग ने इस विकेटकीपर के बारे में यही कहा था. वास्तव में प्रभसिमरन के बल्ले से निकले शॉट सामान्य से कहीं तेजी के साथ बाउंड्री के पार जाते हैं. प्रभसिमरन इतनी पावर से शॉट खेलते हैं कि कई मौकों पर बल्ले का बाहरी किनारा लेकर गेंद थर्ड मैन के ऊपर से छक्के के लिए चली गई.
सर्किल का फायदा उठाने की क्षमता
अब जबकि प्रभसिमरन पारी की शुरुआत करते हैं, तो वह वनडे और टी20 में पावर-प्ले में तब सामने वाली टीम के लिए बड़ा कहर साबित हो सकते हैं, जब तीस गज के घेरे के बाहर सिर्फ दो ही खिलाड़ी होते हैं. उनकी क्षमता ऐसी है कि अगर वह कुछ ही ओवर पिच (खासकर पाटा) पर खड़े हो गए, तो विरोधी टीम का मनोबल तोड़ते हुए मैच का परिणाम काफी पहले ही सुनिश्चित कर सकते हैं
टीम को प्रदान करते हैं अतिरिक्त विकल्प
सभी इससे वाकिफ हैं कि जब टीम का ओपनर विकेटकीपर हो, तो इससे कप्तान को अतिरिक्त बल्लेबाज-बॉलर या ऑलराउंडर खिलाने का विकल्प मिल जाता है. टीम का सर्वश्रेष्ठ संतुलन हासिल करने के लिए यह लगभग अनिवार्य है कि विकेटकीपर बल्लेबाज ओपर हो. ठीक एडम गिलग्रिस्ट की तरह और प्रभसिमरन ने यह बात अगरकर एंड कंपनी को बहुत ही अच्छी तरह से प्रेषित कर दी है. ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ बुरी तरह ठुकाई करते हुए एक सुपर ेसे ऊपर शतक जड़कर.
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