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This Article is From Mar 19, 2017

'अनहोनी को होनी' करने के लिए मशहूर एमएस धोनी नहीं दिला पाए जीत, तो मैच के बाद उठाया यह कदम...

'अनहोनी को होनी' करने के लिए मशहूर एमएस धोनी नहीं दिला पाए जीत, तो मैच के बाद उठाया यह कदम...
एमएस धोनी ने विजय हजारे ट्रॉफी में शतक भी लगाया था...
नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टीम-20 सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ दी थी. इसके बाद उनको आईपीएल टीम की कप्तानी से भी हाथ धोना पड़ा था. उनकी टीम राइजिंग पुणे सुपरजायन्ट्स के प्रबंधन ने उनकी जगह ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ को कमान सौंप दी थी. अब उनके पास घरेलू क्रिकेट में अपने राज्य की टीम का नेतृत्व करके खुद को साबित करने का मौका था, लेकिन झारखंड की टीम सेमीफाइनल में हार गई. अनहोनी को होनी करने के लिए मशहूर रहे धोनी टीम को खिताब नहीं दिला पाए. जाहिर है इससे धोनी निराश रहे होंगे, तभी तो उन्होंने शनिवार को हार के बाद एक जुदा कदम उठाया...

काफी निराश थे धोनी...
एमएस धोनी की कप्तानी में झारखंड की टीम सेमीफाइनल तक तो पहुंची, लेकिन वह इससे आगे नहीं बढ़ पाई और खिताब जीतने का उसका सपना अधूरा रह गया. इससे कप्तान धोनी भी खासे निराश दिखे. सेमी में हार के बाद वह टीम से अलग कार से रवाना हुए, जबकि टीम के साथी बस से गए.

डीडीसीए के एक अधिकारी ने कहा, ‘हां, धोनी मैच के बाद कार से अलग से रवाना हुए. झारखंड की टीम के बाकी खिलाड़ी टीम की बस से गए.’

ट्रेन से किया था सफर..
आपको याद होगा कि धोनी ने इस टूर्नामेंट की शुरुआत में कोलकाता तक पहुंचने के लिए ट्रेन का सहारा लिया था. उन्होंने टीम के साथियों के साथ लंबे समय बाद ट्रेन में सफर किया था और उनकी फोटो भी वायरल हुई थी. वह अब तक टीम के साथ ही आ-जा रहे थे और टीम के होटल में ही ठहरे थे, लेकिन वह इतने निराश हुए कि टीम के बाहर होने पर साथियों के साथ नहीं लौटे. माना जा रहा है कि धोनी टीम की हार से नहीं, बल्कि गेंदबाजों के प्रदर्शन से नाराज थे. वास्तव में जब वह टीम इंडिया के कप्तान थे, तब भी वह गेंदबाजी की समस्या से ही परेशान रहते थे और विरोधी टीमों ने कई बार 300 से अधिक का स्कोर बनाया.

खेली थी तूफानी पारी...
धोनी की कप्तानी में झारखंड टीम ने नई ऊंचाई छूने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में विजय हजारे वनडे ट्रॉफी के सेमीफाइनल में वह 41 रन से हार गई. बंगाल के साथ हुए इस मुकाबले में उसके सामने 330 रनों का विशाल लक्ष्य था, लेकिन एमएस धोनी और इशांक जग्गी की तूफानी पारियों के बावजूद उसे हार का सामना करना पड़ा. धोनी ने टॉस जीतने के बाद बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया. बंगाल ने 50 ओवर में 4 विकेट पर 329 रन बनाए. जबाव में धोनी की टीम झारखंड 50 ओवर में 288 रन ही बना पाई. एमएस धोनी ने 60 गेंदों में 70 रन बनाए. धोनी ने दो चौके और चार छक्के उड़ाए. इशांक जग्गी ने 43 गेंदों में 59 रन (3 चौके, 3 छक्के) बनाए. दोनों के बीच 97 रनों की साझेदारी हुई थी. वैसे इस टूर्नामेंट में धोनी ने एक शतक भी लगाया था और अच्छा प्रदर्शन किया.
(इनपुट भाषा से भी)

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