- भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच ईडन गार्डन्स में खेले जा रहे टेस्ट मैच की पिच दूसरे दिन असमान और खुरदरी हो गई थी
- भारतीय गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने पिच के तेजी से खराब होने पर हैरानी जताते हुए इसे अप्रत्याशित बताया था.
- दूसरे दिन कुल पंद्रह विकेट गिरने से भारत का पलड़ा मजबूत हुआ और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को बड़ी परेशानी हुई.
Morne Morkel Question Eden Garden Pitch: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दो मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला जा रहा है. मैच के दो दिन ही हुए हैं और इसका परिणाम तय होता दिख रहा है. अगर दूसरे दिन खराब रोशनी के चलते खेल जल्दी समाप्त नहीं होता तो टीम इंडिया दूसरे दिन ही यह मैच जीत जाती. पिच पर असमान उछाल है. भारत ने एक विकेट के नुकसान से दूसरे दिन की शुरुआत की थी और दिन का खेल खत्म होने तक अफ्रीकी टीम ने 93 के स्कोर पर 7 विकेट गंवा दिए थे. दूसरे दिन कुल 15 विकेट गिरे. बात फिर भारतीय बल्लेबाजों की करें या अफ्रीकी टीम के बैटर की, दोनों को क्रीज पर समय बिताने में परेशानी हुई. किसी को उम्मीद नहीं थी कि पिच इतनी खराब होगी और जब भारतीय कोच मोर्ने मोर्कल प्रेस के सामने आए तो उन्होंने भी पिच को लेकर हैरानी जताई.
दूसरे दिन स्टंप्स के बाद मीडिया के सामने आए भारतीय गेंदबाजी कोच मोर्नी मोर्कल ने स्वीकार किया कि उनकी टीम इस बात से 'हैरान' थी कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन पिच जरूरत से ज्यादा 'खुरदरी' हो गयी. मैच के दूसरे दिन 15 विकेट गिरे जिसके बाद भारत का पलड़ा मजबूत दिख रहा है.
मोर्कल ने कहा कि भारतीय टीम को भी पिच के इतनी जल्दी इस तरह से खुरदरा होने की उम्मीद नहीं थी. उन्होंने कहा,"देखिए, ईमानदारी से कहूं तो हमने भी यह उम्मीद नहीं की थी कि विकेट इतनी जल्दी खराब हो जाएगी. जब हमने पहले कुछ घंटे देखे तो हम सभी ने सोचा कि यह एक अच्छा विकेट है लेकिन इतनी जल्दी इसका खुरदरा होना अप्रत्याशित था."
उन्होंने कहा कि पिच को लेकर यह अनिश्चितता भारत में खेलने को चुनौतीपूर्ण बनाती है. दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा,"कभी-कभी उपमहाद्वीप में खेलने की यही खूबसूरती होती है. आपको परिस्थितियों के अनुसार जल्दी से ढलने और उसके मुताबिक प्रतिक्रिया देने में सक्षम होना पड़ता है. इस समय हम इसी तरह की चुनौती का सामना कर रहे हैं."
पिच के इस तरह के व्यवहार के बावजूद मोर्केल ने जोर देकर कहा कि भारत ने अपने मजबूत पक्ष का पूरा इस्तेमाल करने की तैयारी की है. उन्होंने कहा,"हमारे पास तेज और स्पिन दोनों में ही बेहतरीन गेंदबाजी है. हम दोनों ही परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं. हमारे लिए बस यही मायने रखता है कि चुनौती का सर्वश्रेष्ठ तरीके से सामना करें."
इस पिच से बल्लेबाजों के लिए तालमेल बिठाना मुश्किल हो रहा है लेकिन मोर्कल ने दक्षिण अफ्रीका के कप्तान बावुमा की बल्लेबाजी का उदाहरण देते हुए कहा कि बल्लेबाज जज्बा दिखा कर यहां रन बना सकते हैं. उन्होंने कहा,"तेम्बा ने आज यह दिखाया कि अगर आप स्ट्राइक रोटेट करेंगे और बेहतर योजना के साथ खेले तो इस पिच पर बल्लेबाजी की जा सकती है."
भारतीय सलामी बल्लेबाज केएल राहुल के पहली पारी के 39 रन अब तक मैच का सर्वोच्च स्कोर हैं और मोर्कल ने कहा कि इस पिच पर बल्लेबाजी के लिए कोई निश्चित तरीका नहीं है. उन्होंने कहा,"मुझे नहीं लगता कि कोई ऐसा तय प्रारूप है जहां आप बस टिके रह सकें. आपको गेंदबाज पर थोड़ा दबाव डालना होगा, स्ट्राइक रोटेट करने पर ध्यान देना होगा और क्रीज पर व्यस्त रहना होगा."
उन्होंने कहा,"हर किसी का तरीका और मजबूत पक्ष अलग-अलग होता है. यह बल्लेबाज पर निर्भर करता है कि वह रन बनाने का अपना सर्वश्रेष्ठ तरीका निकाले, चाहे वह आक्रामक हो, स्वीप करे या सिर्फ स्ट्राइक रोटेट करे."
भारत ने दिन की शुरुआत एक विकेट पर 37 रन से करने के बाद 189 रन तक सभी विकेट गंवा दिए. इसके बाद रविंद्र जडेजा (29 रन पर चार विकेट और कुलदीप यादव (12 रन पर दो विकेट) की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने 93 रन तक दक्षिण अफ्रीका का सात विकेट झटक लिए. दक्षिण अफ्रीका 63 रन से आगे हैं और भारतीय गेंदबाजों के सामने दूसरे पारी में सिर्फ कप्तान तेम्बा बावुमा (78 गेंदों पर नाबाद 29 रन) ही टिक पाए है.
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