
कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने बहुत ही उम्मीदों के साथ इस सीजन में 37वें साल में चल रहे अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) को बहुत ही उम्मीदों के साथ कप्तानी सौंपी थी, लेकिन शुरुआत में उम्मीद जगाने के बाद वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. अभी तक (राजस्थान के खिलाफ मैच) तक रहाणे कोलकाता के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज हैं, लेकिन 11 मैचों के बाद वह बड़ी समस्या में फंस चुके हैं. और अब यह देखने की बात होगी कि केकेआर का प्रबंधन उनके बारे में क्या फैसला करता है. सूत्रों के अनुसार प्रबंधन की उन पर बारीक नजर है. राजस्थान के खिलाफ घरेलू मैदान पर रहाणे ने रविवार को 24 गेंदों पर 1 चौके और 2 छक्कों से 30 रन बनाए, लेकिन इस एक और आउट से रहाणे बड़ी समस्या में घिर गए हैं.
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रहाणे को इलाज ढूंढना ही होगा
रहाणे इस सीजन में खेली 11 पारियों में से 9 बार स्पिनरों का शिकार हुए हैं और यही बात केकेआर प्रबंधन को बहुत ही ज्यादा खटक रही है. स्पिनरों के खिलाफ इस सीजन में रहाणे ने खएली 103 गेंदों पर 118 ही रन बनाए और वह 7 बार आउट हुए. उनका औसत 16.85 का रहा है, तो स्ट्राइक रटे 114.85 का. रहाणे ने करीब 30 प्रतिशत गेंद डॉट बॉल (कोई रन नहीं) खेलीं जो बताता है कि उन्हें स्ट्राइक रोटेट करने में भी खासी परेशानी रही है.
सवाल यह भी बड़ा है कि...
आईपीएल का अंगला सीजन जब शुरू होगा तब, अजिंक्य रहाणे करीब 38 साल के हो चके होंगे. ऐसे में केकेआर प्रबंधन के सामने यह भी एक चुनौतीपूर्ण सवाल है कि वह इसका क्या जवाब निकालता है? इस सीजन में तो उसका क्वालीफाई करना खासा मुश्किल दिख रहा है. ऐसे में सारे तमाम पहलुओं को मिलाकर प्रबंधन को यह तय करना होगा कि रहाणे उसकी पॉलिसी में फिट बैठते हैं या नहीं? देखना होगा कि जब इस साल जनवरी तक विंडो खुलेगी, तो केकेआर प्रबंधन रहाणे को अपने साथ रखता या फिर उन्हें रिलीज कर देता है?
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