विंडीज के दिग्गज क्रिकेट केरोन पोलार्ड ने वीरवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. अब यह 34 साल का क्रिकेटर आपको फिर कभी विंडीज की जर्सी में नहीं दिखायी पड़ेगा. और जैसा प्रदर्शन इस साल उनका जारी आईपीएल (IPL 2022) में रहा है, उसे देखते हुए यह भी हो सकता है कि यह उनका कहीं आखिरी आईपीएल न बन जाए. बहरहाल, पोलार्ड (Kieron Pollard) एक ऐसे बल्लेबाज के रूप में याद किए जाएंगे, जिन्होंने क्रिकेट जगत को हमेशा अपने बल्ले से रोमांच दिया. जब-जब वह मैदान पर बल्ला लिए उतरे, तो क्रिकेट जगत की आंखें उन पर जा टिकीं . यह बात अलग है कि वह ज्यादातर मौकों पर उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. बहरहाल, पोलार्ड (Kieron Pollard) ने अच्छी प्रतिष्ठा बटोरी, लेकिन इसके बावजूद वह एक ऐसा बड़ा मलाल लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा हुए, जो हमेशा उनके ज़हन में चिपका रहेगा. हम इस मलाल के बारे में बात करेंगे, पहले उनसे जुड़ी 5 खास बातें जान लीजिए.
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1. पोलार्ड का बल्लेबाजी औसत तब महज 15 वनडे में 11.30 और 10 टी20 में 17.20 ही था, जब मुंबई इंडियंस ने साल 2010 की नीलामी में उनके लिए 7,50,000 डॉलर जैसी बड़ी रकम चुकायी. इसके अलावा बाकी तीन फ्रेंचाइजी को मात देने के लिए अलग भी भी रकम चुकाई. इसके पीछे थी उनकी 2009 में चैंपियंस लीग में टीएंडटी के लिए न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ खेली 18 गेंदों पर 54 रन की पारी.
2. पोलार्ड ने कुछ महीने बाद ही समरसेट के लिए टी20 खेलने के लिए विंडीज ए टीम और राष्ट्रीय सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से भी नाम वापस ले लिया क्योंकि इससे उन्हें विंडीज के लिए साल पर उपलब्ध रहना पड़ता.अगले कुछ सालों में पोलार्ड ने अपने इंटरनेशनल रिकॉर्ड को खासा सुधारा.
3. साल 2011 विश्व कप में उन्होंने दो अर्द्धशतक बनाए, तो बाद में भारत के खिलाफ शंकट में 110 गेंदों में चेन्नई में 119 रन की पारी खेली. साथ ही, टी20 में भी कुछ आतिशी पाारियां उनके बल्ले से निकलीं. इसमें साल 2012 विश्व कप में 12 गेंदों पर 38 रन की वह पारी भी शामिल ही, जिसने विश्व कप को ऑस्ट्रेलिया से दूर कर दिया.
4. पोलार्ड को साल 2014 में विंडीज वनडे टीम से बाहर कर दिया गया. ऐसा तब हुआ, जब पोलार्ड सहित कुछ और खिलाड़ी भुगतान के मुद्दे पर अपने बोर्ड से टकरा गया. और उन्होंने भारत के दौरे से नाम वापस ले लिया. पोलार्ड फिर 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लौटे. इस दौरान उनकी डिफेंसिव तकनीक में सुधार हुआ, तो पिच पर टिकने का जज्बा भी उनमें दिखा. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुकाबले में 285 रनों का पीछा करते हुए जब विंडीज ने 4 विकेट 21 पर गंवा दिए थे, तब उन्होंने ब्रावो के साथ पांचवें विकेट के लिए 156 रन जोड़े. यह पांचवें विकेट के लिए विंडीज की सर्वश्रेष्ठ साझेदारी है.
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5. पिछले साल पोलार्ड ने टी20 में श्रीलंका के स्पिनर अकिला धनंजय के एक ही ओवर में छह छक्के जड़े और वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह कारनामा करने वाले युवराज सिंह और हर्शेल गिब्स के बाद सिर्फ तीसरे बल्लेबाज बने. साथ ही, पोलार्ड विंडीज के इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्होंने देश के लिए सौ टी20 मैच खेले और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिेकट में इस फौरमेट में क्रिस गेल (552) के बाद सबसे ज्यादा छक्के (234 लगाए हैं)
पोलार्ड ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 123 वनडे खेल और 101 टी20 भी खेले. जहां वनडे में उनका औसत क्षमता से कम 26.01 रहा, तो टी20 में उन्होंने 25.30 का औसत निकाला. पोलार्ड करियर में सिर्फ 27 ही प्रथमश्रेमी मैच खेले. उनकी एक बड़ी इच्छा रही कि व टेस्ट क्रिकेट भी खेलें, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं ही हुआ. और यह उनके करियर का सबसे बड़ा मलाल रहेगा कि वह प्रचंड काबिलियत होने के बावजूद विंडीज के लिए एक अदद टेस्ट नहीं खेल सके.
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