- जेमिमा की नाबाद 127 रनों की पारी से भारत ने वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराया.
- भारत ने पहली बार महिला वनडे वर्ल्ड कप के नॉकआउट में 300 से अधिक का सफल चेज किया और तीसरी बार फाइनल में पहुंचा.
- भारत ने ऑस्ट्रेलिया की वर्ल्ड कप में लगातार पंद्रह जीत का सिलसिला तोड़कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है.
Jemimah Rodrigues Statement: जेमिमा रोड्रिग्स की नाबाद 127 रनों की नाबाद पारी के दम पर भारत ने आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर जीत के साथ फाइनल में जगह बनाई. यह महिला वनडे वर्ल्ड कप के नॉकआउट में पहला मौका है, जब किसी टीम ने 300 से अधिक का सफल चेज किया है. भारत तीसरी बार वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचा है. इसके साथ ही उसने ऑस्ट्रेलिया के वर्ल्ड कप में लगातार 15 जीत के सिलसिले को तोड़ा है. भारत की जीत के बाद जेमिमा की आंखों में आंसू थे. वह अपने इमोशन पर कंट्रोल नहीं कर पाईं. वहीं जीत के बाद उन्होंने फैंस और भगवान का धन्यवाद दिया. जेमिमा ने कहा कि आखिर में वह बस बाइबिल में लिखी हुई उस बात को याद कर रही थी कि चुपचाप खड़े रहो और खुदा मेरे लिये लड़ेगा.
भारत की जीत के बाद ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए जेमिमा ने कहा,"मैं यीशु को धन्यवाद देना चाहती हूं, मैं अकेले ऐसा नहीं कर सकती थी. मैं अपनी मां, पिता, कोच और हर उस व्यक्ति को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया. पिछले महीने यह वास्तव में कठिन था, यह एक सपने जैसा लगता है और यह अभी भी पूरा नहीं हुआ है."
जेमिमा ने कहा है कि उन्हें मैच के सिर्फ पांच मिनट पहले पता चला था कि वह नबंर-3 पर बल्लेबाजी करने जा रही हैं. जेमिमा ने कहा,"मुझे नहीं पता था कि मैं तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर रही हूं. मैच में आने से पांच मिनट पहले, मुझे बताया गया कि मैं तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर रही हूं. यह मेरे बारे में नहीं, मैं भारत के लिए यह मैच जीतना चाहती थी और इसे अंजाम तक पहुंचाना चाहती थी."
जेमिमा ने कहा,"आज का दिन मेरे अर्धशतक या शतक के बारे में नहीं था, भारत को जीत दिलाने के बारे में था. अब तक जो कुछ भी हुआ, वह इसी की तैयारी थी. पिछले साल मुझे इस विश्व कप से बाहर कर दिया गया था. मैं अच्छी फॉर्म में थी. लेकिन चीजें एक के बाद एक घटती गईं और कुछ भी कंट्रोल नहीं हो सका. इस दौरे के दौरान मैं लगभग हर दिन रोयी हूं. मानसिक रूप से ठीक नहीं रहना, चिंता से गुजरना. मुझे पता था कि मुझे दिखाना होगा और भगवान ने हर चीज़ का ख्याल रखा."
शुरुआत में, मैं सिर्फ खेल रही थी और मैं खुद से बात करती रहती हूं. आखिर में बस मैं बाइबिल में लिखी हुई वह बात याद कर रही थी कि चुपचाप खड़े रहो और खुदा मेरे लिये लड़ेगा. मैं वहीं खड़ा रही और वह मेरे लिए लड़े. मेरे अंदर बहुत कुछ बचा हुआ था, लेकिन शांत रहने की कोशिश कर रहा थी. भारत को पांच विकेट से जीतता देख मैं खुद को रोक नहीं सकी."
उन्होंने कहा,"मैं अपनी मां, पिता और कोच और मुझ पर भरोसा रखने वाले हर इंसान को धन्यवाद देना चाहती हूं. यह महीना काफी कठिन था और यह सपने जैसा लग रहा है. दीप्ति लगातार मेरी हौसलाअफजाई करती रही. रिचा आई और मुझे उठा लिया."
जेमिमा ने कहा,"मेरे साथी खिलाड़ी मेरा हौसला बढाते रहे. मैं इस पारी का श्रेय नहीं ले सकती. मैने खुद कुछ नहीं किया. दर्शकों में से हर एक ने मेरी हौसलाअफजाई की और हर रन पर मेरा उत्साह बढाया."
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