अजिंक्य रहाणे (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राहुल द्रविड़ के बाद टीम इंडिया के विश्वसनीय बल्लेबाज के रूप में पहचान बनाते जा रहे अजिंक्य रहाणे क्या क्रिकेट के 'शॉर्ट फॉर्मेट' (खासकर टी-20 में ) के लिहाज से वाकई 'कमजोर' हैं। रांची टी-20 मैच के बाद यह सवाल कई क्रिकेट प्रेमियों के दिमाग में उठ सकता है। मैच में धीमे विकेट पर रहाणे एक हद तक संघर्ष करते दिखे।
शिखर धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी ने टीम इंडिया को जबर्दस्त शुरुआत दी थी। धवन जब आउट हुए तो 7 ओवर में ही स्कोर 75 (औसत 10.71 रन प्रति ओवर ) था। इस समय तक ऐसा लग रहा था कि टीम आसानी से 200 के स्कोर को पार कर लेगी, लेकिन धवन के आउट होते ही टीम रनों की यह गति बरकरार नहीं रख पाई। पहले रोहित शर्मा (36 गेंद पर 43 रन, स्ट्राइक रेट 119.44) और फिर रहाणे (21 गेंद पर 25 रन, स्ट्राइक रेट 119.04) के आउट होने के बाद रनरेट गिरकर नौ रन प्रति ओवर के आसपास आ गया था। वह तो भला हो गुजरात के नए-नवेले खिलाड़ी हार्दिक पांड्या और सुरेश रैना का, जिन्होंने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए टीम के स्कोर को 20 ओवर्स में 196 रन तक पहुंचा दिया। बाद में श्रीलंकाई टीम को 127 रन पर सीमित करते हुए टीम इंडिया ने 69 रन से मैच जीत लिया।
रहाणे को स्ट्राइक रोटेट करने के मामले में कमजोर मानते हैं धोनी
अजिंक्य को लेकर कप्तान धोनी की राय है कि वे भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर के विकेट में तो 'शॉर्टर फॉर्मेट' के क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप के स्लो विकेट पर स्ट्राइक रोटेट करने में उनकी सीमाएं हैं। वैसे भी हवा में रहाणे आमतौर पर शॉट कम खेलते हैं। ऐसे में उनका स्ट्राइक रेट, कोहली, रैना और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों की तुलना में कम रहता है।
टी-20 के आंकड़े करते हैं इसकी पुष्टि, ओवरऑल स्ट्राइक रेट है 116 के आसपास
रहाणे ने अब तक 15 टी-20 मैच में 302 रन (औसत 20.13) बनाए हैं और उनका ओवरऑल स्ट्राइक रेट 116.15 का है, जिसे मौजूदा टी-20 के स्वरूप के लिहाज से बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता। यही नहीं, अब तक की दो ही पारियों में उनका स्ट्राइक रेट 150 के ऊपर रहा है। अगस्त 2011 में उन्होंने मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ 39 गेंद पर 61 रन (स्ट्राइक रेट 156.41) बनाए थे। उनकी एक अन्य पारी में स्ट्राइक रेट जरूर 200 का था, लेकिन सितंबर 2014 में बर्मिंघम में खेली गई उनकी यह पारी बेहद छोटी (चार गेंद पर 8 रन ) थी।
शिखर धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी ने टीम इंडिया को जबर्दस्त शुरुआत दी थी। धवन जब आउट हुए तो 7 ओवर में ही स्कोर 75 (औसत 10.71 रन प्रति ओवर ) था। इस समय तक ऐसा लग रहा था कि टीम आसानी से 200 के स्कोर को पार कर लेगी, लेकिन धवन के आउट होते ही टीम रनों की यह गति बरकरार नहीं रख पाई। पहले रोहित शर्मा (36 गेंद पर 43 रन, स्ट्राइक रेट 119.44) और फिर रहाणे (21 गेंद पर 25 रन, स्ट्राइक रेट 119.04) के आउट होने के बाद रनरेट गिरकर नौ रन प्रति ओवर के आसपास आ गया था। वह तो भला हो गुजरात के नए-नवेले खिलाड़ी हार्दिक पांड्या और सुरेश रैना का, जिन्होंने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए टीम के स्कोर को 20 ओवर्स में 196 रन तक पहुंचा दिया। बाद में श्रीलंकाई टीम को 127 रन पर सीमित करते हुए टीम इंडिया ने 69 रन से मैच जीत लिया।
रहाणे को स्ट्राइक रोटेट करने के मामले में कमजोर मानते हैं धोनी
अजिंक्य को लेकर कप्तान धोनी की राय है कि वे भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर के विकेट में तो 'शॉर्टर फॉर्मेट' के क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप के स्लो विकेट पर स्ट्राइक रोटेट करने में उनकी सीमाएं हैं। वैसे भी हवा में रहाणे आमतौर पर शॉट कम खेलते हैं। ऐसे में उनका स्ट्राइक रेट, कोहली, रैना और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों की तुलना में कम रहता है।
टी-20 के आंकड़े करते हैं इसकी पुष्टि, ओवरऑल स्ट्राइक रेट है 116 के आसपास
रहाणे ने अब तक 15 टी-20 मैच में 302 रन (औसत 20.13) बनाए हैं और उनका ओवरऑल स्ट्राइक रेट 116.15 का है, जिसे मौजूदा टी-20 के स्वरूप के लिहाज से बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता। यही नहीं, अब तक की दो ही पारियों में उनका स्ट्राइक रेट 150 के ऊपर रहा है। अगस्त 2011 में उन्होंने मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ 39 गेंद पर 61 रन (स्ट्राइक रेट 156.41) बनाए थे। उनकी एक अन्य पारी में स्ट्राइक रेट जरूर 200 का था, लेकिन सितंबर 2014 में बर्मिंघम में खेली गई उनकी यह पारी बेहद छोटी (चार गेंद पर 8 रन ) थी।
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