यह ख़बर 30 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

शुरुआत में ड्रेसिंग रूम में सचिन तेंदुलकर को पसंद नहीं था कंप्यूटर

मुंबई:

हाल में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा कि वह शुरुआत में ड्रेसिंग रूम में कंप्यूटर रखने के विचार से सहज नहीं थे, लेकिन बाद में उन्हें बेहतर योजना और रणनीति बनाने में इसकी अहमियत का एहसास हुआ, जिसके बाद उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया।

तेंदुलकर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, मैं पहले ही भारत के लिए 12 से 13 साल खेल चुका था। यह 2002-03 की बात है, जब कंप्यूटर को हमारे ड्रेसिंग रूम में लाया गया। हमें बताया गया कि कंप्यूटर में सभी तरह के आंकड़े रहेंगे और आप जब मर्जी इन्हें देख सकते हैं। मैंने पूछा कि ड्रेसिंग रूम में कंप्यूटर क्या रहा है।

उन्होंने कहा, कंप्यूटर मेरे लिए बल्लेबाजी नहीं करने वाला। यह जहीर खान या हरभजन सिंह के लिए गेंदबाजी भी नहीं करने वाला। लेकिन समय के साथ मुझे एहसास हुआ कि इसमें रखे गए आंकड़ों को कुछ ही सेकेंडों में देखा जा सकता है। अगर मैं देखना चाहता हूं कि 1999 या 2007 में मैंने ऑस्ट्रेलिया में कैसी बल्लेबाजी की, तो यह पांच सेकेंड में उपलब्ध है।

तेंदुलकर ने कहा, अगर मैं सभी स्ट्रेट ड्राइव देखना चाहता हूं, अगर मैं ऑफ साइड के बाहर छोड़ी सभी गेंद को देखना चाहता हूं, तो यह उपलब्ध थी। इसके बाद मैंने इसे स्वीकार किया। इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि नई तकनीक से सामंजस्य बैठाने से उन्हें बेहतर तैयारी करने में मदद मिली। उन्होंने कहा, इसके बाद चीजें बदल गईं। इससे हमें विरोधी के खिलाफ बेहतर रणनीति बनाने में मदद मिली, फिर उनकी कमजोरी या मजबूत पक्ष कुछ भी हों। इससे हमें मदद मिली। यह सिर्फ अनुभव का सवाल है और समय के साथ आप इन सभी चीजों को स्वीकार कर लेते हो। यह हमारे लिए जीवन का हिस्सा बन चुका है।


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