- दक्षिण अफ्रीका ने दूसरे टेस्ट में भारत को हराकर 25 साल बाद भारत में टेस्ट सीरीज जीती है.
- भारत की टीम ने दूसरे टेस्ट में 549 रन के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाई और पांचवें दिन 140 रन पर ऑल आउट हो गई.
- भारत को घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगातार पांच टेस्ट हार का सामना करना पड़ा है.
South Africa Won Test Series in India After 25 Years: ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर ने कौशल और दृढ़ संकल्प की कमी वाले भारतीय बल्लेबाजों को फिर से दिन में तारे दिखाए जिससे दक्षिण अफ्रीका ने दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच में 408 रन की रिकॉर्ड जीत दर्ज करके दो मैच की सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप किया. यह हार भारत के टेस्ट इतिहास में एक और शर्मनाक अध्याय है क्योंकि रन के लिहाज़ से यह उसकी सबसे बड़ी हार है. यह तीसरा अवसर है जबकि किसी टीम ने भारत का उसकी धरती पर सूपड़ा साफ किया. इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने 2000 में 2-0 से जबकि पिछले साल न्यूजीलैंड ने 3-0 से सीरीज जीती थी. इस हार से भारत की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को भी करारा झटका लगा है.
भारत के सामने 549 रन का असंभव लक्ष्य था और उसकी पूरी टीम मैच के पांचवें और अंतिम दिन 140 रन पर आउट हो गई. दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 489 रन बनाए थे जिसके जवाब में भारतीय टीम 201 रन पर आउट हो गई थी. दक्षिण अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 260 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी.
मुख्य कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में, भारत अब तक घरेलू मैदान पर न्यूज़ीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच टेस्ट हार चुका है. पिछले 66 सालों में यह पहला अवसर है जबकि भारतीय टीम घरेलू सरजमीं पर सात टेस्ट में से पांच टेस्ट हार गई. भारत की तरफ से रविंद्र जडेजा ही कुछ संघर्ष कर पाए. उन्होंने 87 गेंदों में 54 रन बनाए.
हार्मर ने पिच मुझे मिल रहे उछाल और टर्न का पूरा फायदा उठाकर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 37 रन देकर छह विकेट तथा मैच में कुल नौ विकेट लिए. एडेन मार्क्रम ने नौ कैच लेकर एक टेस्ट मैच में सर्वाधिक कैच का रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने भारत के अजिंक्य रहाणे के 2015 में लिए गए आठ कैच के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा.
भारत ने सुबह दो विकेट पर 27 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाई जिसके बाद हार्मर ने अपने टर्न और उछाल से भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया. उन्होंने पहले सत्र में नाइटवॉचमैन कुलदीप यादव (05), ध्रुव जुरेल (02) और कप्तान ऋषभ पंत (13) को पवेलियन की राह दिखाई.
बारसापारा की पिच हाल के समय में उपलब्ध कराई गई सर्वश्रेष्ठ भारतीय पिचों में से एक थी, जिसमें उचित तकनीक और अभ्यास से बल्लेबाज रन बनाने में सक्षम थे. इस पिच पर अपनी लेंथ को जानने वाले तेज गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया और चालाक स्पिनरों ने दबदबा बनाया. हार्मर ने सुबह के सत्र में आधे घंटे की कड़ी मेहनत के बाद कुलदीप के डिफेंस में सेंध लगाई और फिर इसी ओवर में जुरेल को भी पवेलियन की राह दिखाई. जुरेल ने पहली स्लिप में खड़े मार्क्रम को कैच का अभ्यास कराया.
पंत ने केशव महाराज पर छक्का लगाया लेकिन हार्मर की उछाल लेती एक गेंद उनके बल्ले को चूमती हुई स्लिप में मार्क्रम के सुरक्षित हाथों में चली गई. साई सुदर्शन ने 139 गेंदों में 14 रन बनाए लेकिन वह छह बार आउट होने से बचे थे और ऐसा लग रहा था कि वह हर गेंद पर आउट हो जाएंगे. भारत के अन्य बल्लेबाज नीतीश कुमार रेड्डी और वाशिंगटन सुंदर भी स्पिनरों के सामने बगलें झांकते हुए नजर आए.
कोलकाता में पहला टेस्ट मैच 30 रन से गंवाने वाली भारतीय टीम की तैयारी में कमी स्पष्ट नजर आ रही थी. भारत का कोई भी खिलाड़ी टेस्ट टीम में अपनी जगह को लेकर आश्वस्त नहीं है और इस हार का उनकी मानसिकता पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है.
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