T20 World Cup 2024 टीम इंडिया डिकोड : वाह के साथ आह की जुगलबंदी में जोखिम भी

T20 World Cup 2024 India Team: : केएल राहुल (KL Rahul) पर ऋषभ पंत (Rishbh Pant) और संजू सैमसन (Sanju Samson) को तरजीह चौंकाता है, समझिए क्यों हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) जोखिम और शुभमन गिल (Shubman Gill) का ना होना अनर्थ

T20 World Cup 2024 टीम इंडिया डिकोड : वाह के साथ आह की जुगलबंदी में जोखिम भी

India's T20 World Cup 2024 Team: सेलेक्टर्स ने केएल राहुल पर संजू सैमसन और ऋषभ पंत को तरजीह देकर सबको चौंका दिया है

T20 World Cup 2024: आईसीसी टी20 विश्व कप 2024की टीम का इंतजार खत्म हुआ. टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया. टीम आपने देख ली होगी. आपने अपनी राय भी बनाई होगी. आइए समझते हैं कि आईपीएल के धूम-धड़ाके के ठीक बाद होने वाले विश्व कप में देश की नुमाइंदगी के लिए जिन चेहरों पर चयनकर्ताओं ने दांव लगाया है उनमें क्या-क्या खास है? कहां-कहां सबकुछ परफेक्ट है, कहां थोड़े सवाल हैं? और कहां सवाल गंभीर हैं? कुल मिलाकर चुनी गई टीम को डिकोड करने की कोशिश करते हैं-

रोहित शर्मा (Rohit Sharma)

मुंबई इंडियन की कप्तानी के लायक नहीं समझा गया एक ऑलटाइम महान क्रिकेटर देश की टीम की कप्तानी करेगा (फैसला पहले ही हो गया था). ये अच्छी बात है. अपमान की भरपाई भी है. लेकिन देश की नुमाइंदगी के लिए चुने जाने का ये दोनों ही कोई पैमाना नहीं है. ये दरअसल रोहित का हक है, जो उन्होंने 50 ओवर के पिछले विश्व कप में अपनी शानदार कप्तानी, बल्लेबाजी और गेम को लेकर अपने विजन के बूते हासिल किया है. जिसकी बदौलत टीम इंडिया सबको रौंदते हुए फाइनल तक पहुंची थी. हालांकि, तब टीम इंडिया का दुर्भाग्य और एक खराब दिन ने हमें चैंपियन बनने से रोक दिया. इसके साथ-साथ रोहित के खेल का बदला हुआ मिजाज और अंजाद भी उनके दावे को पक्का करता है.

हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya)


अगर चुने जाने का पैमाना ही आईपीएल है तो कप्तानी और फॉर्म दोनों पर सवाल हैं. न गेंदबाजी में कहीं कोई प्रभाव दिख रहा है और न ही बल्लेबाजी हालात और टीम की जरूरतों के हिसाब से कर पा रहे हैं. अपने मौजूदा कमजोर दौर से नहीं उबरे तो बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों पर ही दबाव बढ़ेगा.

विराट कोहली (Virat Kohli)

पिछले कुछ समय से व्हाइट बॉल क्रिकेट में प्रदर्शन विराट को शायद विश्व की किसी भी टीम में जगह दिलाता है. ऐसे खिलाड़ी दशकों में एक आते हैं जो जब तक खेलना चाहें तब तक खेलते हैं. और जब खुद को टीम की जरूरतों के हिसाब से नहीं पाते, तो खुद युवाओं के लिए रास्ता भी बनाते हैं.

यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal)

इनके आईपीएल के परफॉर्मेंस में कुछ उतार-चढ़ाव है लेकिन ये युवा बल्लेबाज गेंदबाजों पर चढ़कर खेलने और शॉट्स की वैरायटी की वजह से निश्चित तौर पर अपनी जगह पक्की करता है. जितने कम समय में यशस्वी ने खुद को टेस्ट और टी20 फॉर्मेट में टीम का जरूरी हिस्सा बनाया है, वह बेमिसाल है.

सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav)

पीक पर नहीं हैं, लेकिन कभी भी अकेले दम पर मैच जिताने की क्षमता इन्हें टीम में जगह दिलाती है.

शिवम दुबे (Shivam Dube)

धोनी की देखरेख में निखरा चेन्नई सुपर किंग्स का युवा सनसनी. शिवम स्पिनरों पर जिस तरीके से टूटते हैं और टीम की जरूरतों के हिसाब से अपने को तुरंत ढाल लेते हैं, उसे देखते हुए विश्व कप की टीम इंडिया में इनका स्वागत है.

जडेजा, कुलदीप, चहल, अक्षर- इकॉनमी की बात करें या विकेट टेकिंग एबिलिटी की, चौकड़ी का हर चेहरा कमाल का है बेमिसाल है. लेकिन वेस्टइंडीज की तेज पिचों पर कौन खेलेगा और कितना खेलेगा ये सवाल रहेगा. सिरदर्द अंतिम 11 चुनने में भी होने वाली है कि इन 4 में से किसे रखें और किसे नहीं?

ऋषभ पंत, संजू सैमसन (Rishabh Pant, Sanju Samson)

एक्सीडेंट के बाद मैदान पर वापसी करने वाले पंत बहुत जल्दी लय में आते तो दिख रहे हैं, लेकिन पुराने ऋषभ वाला भरोसा जमने में अभी वक्त लग सकता है. ऐसे में वर्ल्ड कप जैसे बिग इवेंट में इतनी जल्दी मौका देना थोड़ा जोखिम भरा हो सकती है. जबकि संजू सैमसन अपने निरंतर प्रदर्शन के दम पर टीम में जगह बनाने की योग्यता भी रखते हैं और हकदार भी हैं, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट और खासकर बड़े इवेंट में उनका कम एक्सपोजर विश्व कप जैसे प्लेटफॉर्म पर उनपर दबाव डाल सकता है.

संजू और पंत की कीमत पर राहुल को नजरअंदाज किया जाना तमाम क्रिकेट फैंस को अखर सकता है. किसी भी क्रम पर केएल की बल्लेबाजी की योग्यता और साथ में एक बल्लेबाज के तौर पर उनकी क्षमता इस वक्त पंत और सैमसन से हर हाल में बीस जरूर है. रही बात विकेटकीपिंग की तो अब केएल ‘संपूर्ण विकेटकीपर' बन चुके हैं. ये हमने 50-50 विश्व कप में बखूबी देखा था. खासतौर से जब आपने शुभमन गिल को आपने रिजर्व में डाल दिया है, तो ऐसे में केएल की जगह और जरूरी हो जाती है.

जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah)

नाम ही काफी है. चयनकर्ताओं को शायद इन्हें ही चुनने में सबसे कम मशक्कत करनी पड़ी होगी. तेज गेंदबाजी का पूरा दारोमदार यकीनन इन्हीं पर रहना है.

मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj)

पिछले विश्वकप को आधार बनाएं तो टीम में 100 प्रतिशत जगह बनती है. आईपीएल में फॉर्म थोड़ी नासाज जरूर दिख रही है, लेकिन इनके रिकॉर्ड इन्हें टीम से बाहर रखने की इजाजत कतई नहीं देते.

अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh)

हार्दिक पांड्या का हालिया ढीला प्रदर्शन और अपनी असल प्रतिभा से दूर दिख रहे सिराज. ऐसे में बड़े मंच पर कम एक्सपोजर वाले अर्शदीप को जगह देना जोखिम भरा हो सकता है. हालांकि अर्शदीप के 44 इंटरनेशनल T20 के आंकड़े 62 विकेट और 8.64 की इकॉनमी के साथ ठीक-ठाक ही हैं.

शुभमन गिल (Shubman Gill)

आखिर में- सबसे बड़ा अनर्थ!- शुभमन गिल को टीम में न रखकर रिजर्व में डाल देना. हमारे जानकार चयनकर्ता पता नहीं क्यों समझ नहीं पाए कि शुभमन गिल नाम का शख्स अगर फिट है, तो देश के लिए हर फॉरमेट का हर मैच खेलना डिजर्व करता है. क्योंकि इंडियन क्रिकेट में सचिन और विराट की परंपरा का फिलहाल यही एकमात्र उत्तराधिकारी दिखता है.

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