अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने टेस्ट चैलेंज टूर्नामेंट प्रारंभ करने की दिशा में पहल कर एसोसिएट सदस्य देशों के लिए टेस्ट दर्जा हासिल करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। टेस्ट मैचों के इस टूर्नामेंट का आयोजन प्रत्येक चार वर्ष पर सबसे निचले दर्जे की टेस्ट टीम और आईसीसी इंटरकॉन्टिनेंटल कप के विजेता के बीच होगा।
आईसीसी ने गुरुवार को समाप्त हुई बोर्ड की दो-दिवसीय बैठक में टेस्ट चैलेंज आयोजित करने का निर्णय लिया, जिसके तहत एसोसिएट सदस्यों को टेस्ट मैच खेलने का अवसर मिलेगा। बैठक में बोर्ड ने प्रस्ताव रखा कि 31 दिसंबर, 2017 को या उस समय चल रही किसी टेस्ट शृंखला के समाप्त होने पर आईसीसी टेस्ट टीम रैंकिंग में 10वें स्थान पर रहने वाली टीम आगामी आईसीसी इंटरकॉन्टिनेंटल कप की विजेता टीम के खिलाफ घरेलू मैदान पर दो तथा अन्यत्र कहीं दो टेस्ट मैच खेलेगी। यह प्रस्तावित टेस्ट चैलेंज वर्ष 2018 में आयोजित होगा।
अब आईसीसी के इस नए निर्णय का अर्थ यह हुआ कि आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में सबसे निचले पायदानों पर मौजूद बांग्लादेश और जिम्बाब्वे में से किसी एक टीम को पहले टेस्ट चैलेंज के दौरान नीदरलैंड, आयरलैंड या संयुक्त अरब अमीरात जैसे किसी एक देश से टेस्ट दर्जे के लिए भिड़ना होगा।
इसके बाद अगले 10 वर्षों के दौरान दो आईसीसी इंटरकॉन्टिनेंटल कप आयोजित किए जाने की योजना है, जिसमें पहला टूर्नामेंट वर्ष 2015 से 2017 तक तथा दूसरा टूर्नामेंट वर्ष 2019 से 2021 के बीच आयोजित होगा। दूसरा आईसीसी टेस्ट चैलेंज वर्ष 2022 में खेला जाएगा।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा, "आईसीसी टेस्ट चैलेंज के जरिये अब एसोसिएट सदस्यों को टेस्ट क्रिकेट खेलने का अवसर मिल सकेगा, और यह उनके लिए टेस्ट क्रिकेट के दरवाजे खोल देगा..."
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