व्हाइट-बॉल फॉर्मेट में टीम इंडिया ने मेहमान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जीत के साथ आगाज करते हुए तीन मैचों की सीरीज 1-0 से बढ़त बना ली. लेकिन उससे पहले टेस्ट में 0-2 से हुआ सफाया अभी भी करोड़ों भारतीय फैंस को तड़पा रहा है. और आने वाले सालों तक हमेशा ही गम देता रहेगा. और इस हाल ने पिछले साल न्यूजीलैंड के बाद एक बार फिर से इस तथ्य पर मुहर लगा दी कि स्पिन खेलने का कौशल हमारे हाथों से बहुत हद फिसल चुका है. लेकिन इस पर भी किसी को शक है, तो वे लोग इन आंकड़ों पर गौर फरमा सकते हैं, जो इस मामले में टीम इंडिया के हाल को बयां कर रहा है.
स्पिन के खिलाफ भारत V/S विरोधी टीम (जनवरी 2021-15 अक्तूबर 2024)
इस समयावधि में भारत के स्पिनरों के खिलाफ 264 विकेट गिए और औसत 19.53 का रहा. मतलब 264 विकेटों में से भारत का स्पिनरों के खिलाफ हर विकेट 19.33 रन के बाद गिरा. वहीं, इसी दौरान बारत के खिलाफ खेलीं विरोधी टीमों के 195 विकेट गिरे और उनका औसत 33.99 का रहा
पिछली 5 घरेलू टेस्ट में हार में प्रदर्शन
बात पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए सफाए से अभी तक की है. इन पांच टेस्ट में स्पिनरों के खिलाफ भारत के 65 विकेट गिरे, तो औसत 26.29 का रहा. वहीं इसी दौरान न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीकी के कुल मिलाकर भारत से 3 कम 62 विकेट स्पिनरों के खिलाफ आउट हुए. और औसत रहा 20.26 का. ऐसे में आप अच्छी तरह समझ सकते हैं कि भारतीय बल्लेबाजों का पिछले कुछ सालों में स्पिन खेलने के कौशल में कितनी गिरावट हुई है. और खास तौर पर अपनी जमीं पर तो प्रदर्शन और ज्यादा चिढ़ाने वाला है.
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