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This Article is From Nov 22, 2017

'इसलिए' द्रविड़ की तारीफ भी नहीं बदल सकी भुवनेश्वर कुमार के 'विकल्प' का 'यह बड़ा फैसला'!

टीम इंडिया में शामिल किए गए तमिलनाडु के ऑलराउंडर विजय शंकर ने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर का आगाज नागपुर से किया था. अब पांच साल बाद फिर से नागपुर उनके लिए खुशियां लेकर आया है.लेकिन सवाल यह है कि क्या उन्हें मौका मिलेगा?

'इसलिए' द्रविड़ की तारीफ भी नहीं बदल सकी भुवनेश्वर कुमार के 'विकल्प' का 'यह बड़ा फैसला'!
विजय शंकर (भारतीय टीम के नए सदस्य, फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
खुद विजय शंकर को भी नहीं था 'बदलाव' पर भरोसा
साल 20014-15 के प्रदर्शन से खींचा ध्यान
क्या नागपुर में मिलेगी शंकर को 'विजय'?
नई दिल्ली:

कुछ फैसले खुशी से लिए जाते हैं, तो कुछ मजबूरी से, लेकिन इसमें से कोई सा भी फैसला अगर मंजिल तक पहुंचा देता है, तो सारा अफसोस और दर्द खत्म हो जाता है.नागपुर टेस्ट के लिए तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार के विकल्प व टीम इंडिया के नए सदस्य 27 साल के विजय शंकर पर यह बात अच्छी तरह से लागू होती है.भुवनेश्वर की जगह जब विजय शंकर के नाम का ऐलान हुआ, तो एक बार को क्रिकेटप्रेमी चौंक गए. विश्वास खुद विजय को भी अपने चयन पर नहीं हुआ, लेकिन पिछले कुछ सालों के प्रदर्शन पर नजर डाली जाए, तो कहा जा सकता है कि विजय का चयन टीम में बनता है.
 

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इसके बावजूद उन्हें भरोसा नहीं था कि तेज गेंदबाजी भी उन्हें आगे बढ़ा पाने में मदद करेगी, लेकिन अपने पिता, छोटे भाई और कोच की मदद से उन्होंने खुद को पूरी तरह से तेज गेंदबाजी में रचा-बसा लिया. साल 2014-15 का घरेलू सीजन के जरिए विजय शंकर ने अपनी आवाज राष्ट्रीय चयनकर्ताओं तक पहुंचायी.

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