रवि शास्‍त्री ने कुछ देशों को दी चेतावनी, ' BCCI की मौजूदा स्थिति से फायदा उठाने की कोशिश न करें'

रवि शास्‍त्री ने कुछ देशों को दी चेतावनी, ' BCCI की मौजूदा स्थिति से फायदा उठाने की कोशिश न करें'

रवि शास्‍त्री ने बीसीसीआई की आईसीसी से मोटे राजस्व की मांग का समर्थन किया है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • अनिल कुंबले के कोच बनने के पहले टीम निदेशक थे रवि शास्त्री
  • कहा-बीसीसीआई जल्‍द ही अपनी पुरानी स्थिति में आ जाएगा
  • कहा-बोर्ड अपने हक का एक-एक पैसा आईसीसी से मांगे
नई दिल्ली:

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में चल रही मौजूदा स्थिति का कुछ देश फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि यह देश ऐसा करके बड़ी गलती कर रहे हैं.  शास्त्री ने इसके साथ ही बीसीसीआई को सलाह दी कि सबसे बड़ा राजस्व पैदा करने वाला बोर्ड होने के कारण वह आईसीसी से उस एक-एक पैसे की मांग करे जिसका वह हकदार है. गौरतलब है कि अनिल कुंबले के मुख्य कोच बनने से पहले शास्त्री भारतीय टीम के टीम निदेशक थे.

 उन्होंने कुछ क्रिकेट बोर्डों को आगाह किया किया कि यह संस्था (बीसीसीआई) यहां बनी रहेगी. शास्त्री ने क्रिकबज वेबसाइट को दिए इंटरव्‍यू में किसी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘मेरी कुछ लोगों को चेतावनी है. यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रहेगी. बीसीसीआई बहुत जल्द उस स्थिति में आएगा जिसके लिये वह बना है और इसलिए बीसीसीआई का वर्तमान मसलों पर गौर करना महत्वपूर्ण है.’उनका सीधा संदर्भ इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका से था. बीसीसीआई में सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त लोढ़ा समिति की सिफारिशों के बाद आमूलचूल बदलाव चल रहे हैं जिसके कारण अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और अन्य को बाहर होना पड़ा. शास्त्री ने बीसीसीआई की आईसीसी से मोटे राजस्व की मांग का भी समर्थन किया क्योंकि भारत के बिना उसके लिये इतना अधिक लाभ हासिल करना बेहद मुश्किल होगा. उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि आईसीसी की बैठक के लिये जो समिति दुबई गयी थी उसने आईसीसी बोर्ड के सामने यह मसला रखा. मुझे खुशी है कि (विक्रम) लिमये, अनिरूद्ध (चौधरी)और अमिताभ (चौधरी) ने बीसीसीआई के दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से वहां जाकर रखा. मेरा मानना है कि भारत आईसीसी टूर्नामेंट से मिलने वाले हर पैसे का हकदार है क्योंकि वह विश्व क्रिकेट को सबसे अधिक राजस्व दे रहा है. ’

शास्त्री ने बीसीसीआई का समर्थन करने के लिये श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) की तारीफ की तथा बांग्लादेश और जिम्बाब्वे के दूसरे खेमे में जाने पर हैरानी और निराशा जताई. उन्होंने कहा कि वह यह सब इसलिए नहीं कह रहे हैं कि उन्हें बीसीसीआई से वित्तीय लाभ मिलता है. शास्त्री ने कहा, ‘यह बकवास है. मैं दुनिया भर में काम करता हूं. अगर आज मैं कुछ हूं तो इसलिए क्योंकि बीसीसीआई ने मुझे मौके दिये लेकिन एक कमेंटेटर के तौर पर नहीं. मैं उसकी बात कर रहा हूं जो बीसीसीआई ने एक खिलाड़ी, एक क्रिकेटर के रूप में मेरे लिए किया. लोगों को अपनी सोच साफ कर देनी चाहिए. यह एक क्रिकेट बोर्ड की सबसे बड़ी भूमिका होती है.’ (भाषा से भी इनपुट)


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