
- एशिया कप 2025 में यूएई, ओमान और हांगकांग जैसी टीमें क्वालीफाई करके हिस्सा लेंगी
- यूएई टीम के लेफ्टी स्पिनर सिमरनजीत सिंह पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले अमृतधारी सिख खिलाड़ी हैं
- अमृतधारी सिख वे होते हैं जिन्होंने अमृत संस्कार दीक्षा ली होती है और धर्म की आचार संहिता का पालन करते हैं
अगले कुछ ही दिनों में शुरू होने जा रहे एशिया कप (Asia Cup 2025) में यूएई, ओमान और हांगकांग ऐसी टीमें हैं, जो क्वालीफाई करके इस मेगा टूर्नामेंट तक पहुंची हैं. अफगानिस्तान, पाकिस्तान और यूएई टीमें सक्रिय हैं और फिलहाल यूएई में ही ट्राई सीरीज (United Arab Emirates T20I Tri-Series 2025) में व्यस्त हैं. इन एसोसिएट्स टीमों के कई खिलाड़ियों के चर्चे हैं, लेकिन लेफ्टी स्पिनर सिमरनजीत सिंह (Simranjeet Singh) के अलग ही वजह से चर्चा में हैं. सिमरन जीत ने शुक्रवार को अफगानिस्तान (AFG vs UAE) के खिलाफ चार ओवरों में 23 रन देकर 1 ही विकेट लिया. यूएई टीम में कई भारतीय मूल के खिलाड़ी हैं, लेकिन सिमरनजीत सिंह का मूल भारत से भी आगे जाता है.
A four-wicket haul that changed the game 👏
— FanCode (@FanCode) May 8, 2025
With impressive figures of 4/30, that also included a maiden, Simranjeet Singh dismantled Scotland's batting lineup, playing a pivotal role in UAE's commanding win.#SCOvUAE #ICCCWCLeague2 #FanCode pic.twitter.com/NrN9PGlrUt
बात यह है कि सिमरनजीत सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले पहले अमृतधारी सिख हैं. क्रिकेट में कई सिख खिलाड़ी हुए हैं, जो भारत सहित अलग-अलग देशों के लिए खेले हैं, लेकिन पहले कोई भी अमृतधारी सिख अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला. सिमरनजीत सिंह फिलहाल चल रही ट्राई सीरीज का हिस्सा हैं और वह एशिया कप खेलने जा रहे हैं.
जानें अमृतधारी सिखों में क्या होता है अलग
अमृतधारी सिख वो खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अमृत संस्कार दीक्षा ली है. यह दीक्षा खालसा में शामिल होने के लिए दी जाती है. अमृतधारी सिख धर्म की आचार संहिता से बंधे होते हैं. यहां पांच अहम बाते हैं, जिन पर अमल करने के लिए अमृतधारी सिख बाध्य हैं.
1. जहां अमृतधारी सिख शाकाहारी होने को प्राथमिकता देते हैं, तो वहीं वे मीट भी खा सकते हैं. सिवाय किसी प्रथा के लिए इस्तेमाल होने वाले हलाल मीट को छोड़कर.
2. वहीं, धर्म की आचार-संहिता के तहत सिखों को वित्तीय फायदे के लिए शादी करने की इजाजत नहीं है.
3. वहीं, अमृतधारी सिखों को गरीबों की मदद करने के लिए गुरु के नाम पर अपनी आमदनी का दसवां हिस्सा दान करना होगा
4. अमृतधारी सिख को शराब पीने और जुआ खेलने की इजाजत नहीं है
5. अमृतधारी सिख किसी भी तरह से अपने बाल नहीं कटवा सकते. और इन्हें अपने बालों में अनिवार्य रूप से लकड़ी का कंघा लगाना होगा. साथ ही, उन्हें अपनी दाईं कलाई में स्टील का कड़ा पहनना होगा. और अनिवार्य रूप से कॉटन कपड़े का शॉर्ट भी पहनना होगा. वहीं, अमृतधारी सिख कृपाण (छोटी तलवार) भी अपने साथ रखते हैं
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