
- ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक टीम ने कुछ समय पहले तिहाड़ जेल का दौरा किया.
- 4 अफसरों की ब्रिटिश टीम यह देखने आई कि ब्रिटेन से भगोड़ों को भारत भेजा गया तो कैसी सुविधा-सुरक्षा मिलेगी.
- विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे भगोड़े जान का खतरा बताकर भारत न भेजे जाने की दलीलें दे रहे हैं.
भारत में करोड़ों के घपले-घोटाले करके कई अपराधी ब्रिटेन में छिपे हुए हैं. नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे कई भगोड़े अपराधी ब्रिटेन की अदालतों में केस लड़कर अपने भारत प्रत्यर्पण का विरोध कर रहे हैं. लेकिन हाल ही में एक ऐसा घटनाक्रम हुआ है, जिससे इन जैसे अपराधियों को वापस भारत भेजे जाने की संभावना मजबूत हुई है.
नीरव मोदी, माल्या ने बताया था खतरा
विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े अपराधी ब्रिटेन की अदालतों में दलील दे रहे हैं कि अगर उन्हें भारत वापस भेजा गया तो उनकी जान को खतरा हो सकता है. नीरव मोदी ने तो कहा था कि भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर या तो वह मारा जाएगा या खुदकुशी कर लेगा. इन अपराधियों की ऐसी ही दलीलों को देखते हुए ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक टीम कुछ समय पहले दिल्ली के तिहाड़ जेल आई थी.
अंतरराष्ट्रीय मानकों के करीब मिले इंतजाम
सूत्र बताते हैं कि ब्रिटिश टीम ने तिहाड़ की हाई सिक्योरिटी वार्ड देखे. वहां कैदियों से भी बात की. बताया जा रहा है कि टीम ने जेल की व्यवस्थाओं को अच्छा बताया और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के करीब है. सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने टीम को भरोसा दिलाया कि अगर जरूरत पड़ी तो तिहाड़ जेल में हाई प्रोफाइल कैदियों के लिए अलग से सुरक्षित जगह बनाई जा सकती है. इसमें उनकी खास जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा और उन्हें कोई खतरा नहीं होगा.
ब्रिटेन ने भारत से मांगी थी गारंटी
बता दें कि ब्रिटेन की अदालत ने हाल ही में भारत से भगोड़ों के प्रत्यर्पण पर रोक लगाई थी. अदालत का कहना था कि तिहाड़ में इन कैदियों को हिंसा या यातना का खतरा हो सकता है. इसी वजह से आर्म्स डीलर संजय भंडारी और 750 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोपी अवस्थी दंपती को प्रत्यर्पित करने से मना कर दिया गया था. इसके बाद ब्रिटेन ने भारत से लिखित गारंटी मांगी थी कि तिहाड़ में किसी भी कैदी के साथ बुरा व्यवहार नहीं होगा. भारत सरकार ने यह गारंटी भी दी है.
भारत के 178 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस समय भारत के 178 प्रत्यर्पण अनुरोध अलग-अलग देशों में लंबित हैं. इनमें से लगभग 20 ब्रिटेन में ही अटके हुए हैं. इन मामलों में विजय माल्या, नीरव मोदी और कई खालिस्तानी नेताओं के नाम शामिल हैं. ब्रिटिश टीम का तिहाड़ का यह दौरा भारत के लिए अच्छा माना जा रहा है. उम्मीद है कि अब ब्रिटेन से भगोड़ों को भारत लाने में मदद मिलेगी.
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