
- दिल्ली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था को किया गया कड़ा
- मुख्यमंत्री आवास और जनसेवा सदन दोनों जगह दिल्ली पुलिस के साथ CRPF की भी तैनाती
- सीएम रेखा गुप्ता की सुरक्षा को Z से Z प्लस कैटेगरी कर दिया गया है
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बीते दिन जनसुनवाई के दौरान हुए हमले के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव कर दिया गया है. अब उनके आवास और जनसेवा सदन दोनों स्थानों पर दिल्ली पुलिस के साथ-साथ सीआरपीएफ (CRPF) की भी तैनाती कर दी गई है.हमले के बाद दिल्ली सीएम की सुरक्षा को Z से Z प्लस कैटेगरी में कर दिया गया था. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि सीएम आवास में रिनोवेशन का काम करने वाले मजदूरों, जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, उनको मुख्यमंत्री जनसेवा सदन में एंट्री नहीं दी जा रही है.

सुरक्षा में क्या-क्या बदलाव हुए?
मुख्यमंत्री आवास पर CRPF की तैनाती की गई है. जनसेवा सदन में आने वाले शिकायतकर्ताओं की प्रोफाइलिंग की जाएगी कि वे कौन हैं, कहां से आए हैं और क्या शिकायत लेकर आए हैं, इसकी जानकारी पहले से ली जाएगी. साथ ही मुख्यमंत्री और शिकायतकर्ता के बीच निश्चित दूरी सुनिश्चित की जाएगी ताकि कोई भी व्यक्ति सीधे संपर्क में न आ सके. सभी शिकायतकर्ताओं की एंट्री से पहले चेकिंग की जाएगी. सुरक्षा एजेंसियों ने जनसुनवाई के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल को फिर से डिज़ाइन किया है ताकि किसी भी तरह के संभावित हमले को पहले ही टाला जा सकें.
कल हुए हमले के बाद गृह मंत्रालय ने रेखा गुप्ता की सुरक्षा को Z श्रेणी से बढ़ाकर Z+ कर दिया, जो SPG के बाद किसी भी वीआईपी के लिए सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा मानी जाती है. जिसमें कुल 55 जवान तैनात रहते हैं, जिनमें स्थानीय पुलिस, अर्द्धसैनिक बल और NSG के कमांडो शामिल होते हैं.
दिल्ली सीएम पर आखिर हमला कैसे हुआ था?
बुधवार को जनसेवा सदन में एक शख्स ने खुद को शिकायतकर्ता बताकर मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की और अचानक उन पर हमला कर दिया. आरोपी की पहचान राजकोट निवासी राजेशभाई खिमजीभाई साकरिया के रूप में हुई है, जिसे तुरंत पकड़ लिया गया. दिल्ली पुलिस 5 दिन की रिमांड के दौरान आरोपी राजेश भाई खिमजी भाई को राजकोट ले जा सकती है. इसके अलावा सीएन क्रिएट करने की भी बात सामने आ रही है.
आखिर सुरक्षा के बावजूद चूक कैसे हुई?
गौर करने वाली बात ये भी है कि दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता को पहले से ही Z कैटेगरी की सुरक्षा हासिल थी, जिसमें कई सुरक्षाकर्मी, कमांडो, एस्कॉर्ट और स्थायी गार्ड शामिल होते हैं. इसके बावजूद जनसुनवाई के दौरान सुरक्षा में चूक सामने आई, जिसे अब गंभीरता से लिया गया है. जनसेवा सदन मुख्यमंत्री के कैंप ऑफिस के रूप में काम करता है, जहां हर बुधवार को सुबह 8 से 10 बजे तक जनसुनवाई होती है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं