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फेड के रेट कट के फैसले से ग्लोबल मार्केट में तेजी, भारतीय शेयर बाजार में रैली की उम्मीद

US Fed Rate Cut: फेड के फैसले के बाद वॉल स्ट्रीट में बुधवार रात तेजी दिखी. वहीं एशिया के मार्केट भी लगभग 0.4 प्रतिशत ऊपर खुले.कम ब्याज दरें उभरती अर्थव्यवस्थाओं जैसे भारत को फायदा देती हैं, क्योंकि इससे विदेशी निवेशक यहां पैसा लगाने के लिए ज्यादा आकर्षित होते हैं.

फेड के रेट कट के फैसले से ग्लोबल मार्केट में तेजी, भारतीय शेयर बाजार में रैली की उम्मीद
Federal Reserve Interest Rate Cuts: फेड चेयर जेरोम पॉवेल ने आगे रेट कट पर साफ संकेत तो नहीं दिया, लेकिन उन्होंने ये माना कि अमेरिका के जॉब मार्केट में डाउनसाइड रिस्क है.
नई दिल्ली:

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी मीटिंग में 25 बेसिस पॉइंट की रेट कट कर दी है. इससे दुनिया भर के बाजारों में पॉजिटिव सेंटिमेंट देखा जा रहा है और इसका सीधा असर आज भारतीय शेयर बाजार पर भी दिख सकता है. लगातार तीन दिन की गिरावट के बाद आज निफ्टी और सेंसेक्स में तेजी के साथ शुरुआत होने की उम्मीद है.

एशिया और वॉल स्ट्रीट दोनों मजबूत

फेड के फैसले के बाद वॉल स्ट्रीट में बुधवार रात तेजी दिखी. वहीं एशिया के मार्केट भी लगभग 0.4 प्रतिशत ऊपर खुले. फेड के  बयानों के बाद डॉलर इंडेक्स गिर गया और 21 अक्टूबर के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा.फेड चेयर जेरोम पॉवेल ने आगे रेट कट पर साफ संकेत तो नहीं दिया, लेकिन उन्होंने ये माना कि अमेरिका के जॉब मार्केट में डाउनसाइड रिस्क है. इस बयान ने निवेशकों को राहत दी.

बता दें कि कम ब्याज दरें उभरती अर्थव्यवस्थाओं जैसे भारत को फायदा देती हैं, क्योंकि इससे विदेशी निवेशक यहां पैसा लगाने के लिए ज्यादा आकर्षित होते हैं.

निफ्टी और सेंसेक्स में पिछले तीन दिन की गिरावट

पिछले तीन ट्रेडिंग सेशन में निफ्टी और सेंसेक्स दोनों करीब 1.6 प्रतिशत टूटे थे. इसकी वजह फेड को लेकर अनिश्चितता और अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर क्लियरिटी न होना रही.

दिसंबर में अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय मार्केट से करीब 1.56 अरब डॉलर की बिकवाली की है, जो नवंबर की 425 मिलियन डॉलर की तुलना में लगभग चार गुना ज्यादा है. पूरे 2025 में एफपीआई की कुल बिकवाली लगभग 18 अरब डॉलर तक पहुंच चुकी है, जो अब तक की सबसे ज्यादा है.

घरेलू मार्केट में शॉर्ट टर्म में रैली की संभावना

फेड की रेट कट से घरेलू मार्केट में शॉर्ट टर्म में रैली की संभावना बन सकती है. लेकिन लॉन्ग टर्म में बाजार की दिशा दो फैक्टर से तय होगी. पहला दिसंबर क्वार्टर के रिजल्ट और दूसरा भारत-अमेरिका ट्रेड डील की स्थिति. अगर इन दोनों में पॉजिटिव खबर आती है तो बाजार को मजबूती मिल सकती है.

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