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IRCTC, RVNL, RailTel समेत इन रेलवे शेयर्स में आज क्यों आई तेजी? आपसे है सीधा कनेक्‍शन

इस तेजी में आगामी केंद्रीय बजट और हाल ही में किराया बढ़ोतरी की घोषणा का अहम योगदान माना जा रहा है. खास बात ये है कि यह रैली केंद्रीय बजट से लगभग एक महीने पहले आई है, जिससे सेक्टर में उत्साह और बढ़ गया.

IRCTC, RVNL, RailTel समेत इन रेलवे शेयर्स में आज क्यों आई तेजी? आपसे है सीधा कनेक्‍शन

रेलवे रेलवे से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में फिलहाल शानदार तेजी देखने को मिल रही है. IRCTC, RVNL, Jupiter Wagons, BEML और IRFC जैसे शेयरों में 18% तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इस तेजी में आगामी केंद्रीय बजट और हाल ही में किराया बढ़ोतरी की घोषणा का अहम योगदान माना जा रहा है. खास बात ये है कि यह रैली केंद्रीय बजट से लगभग एक महीने पहले आई है, जिससे सेक्टर में उत्साह और बढ़ गया.

कितने बढ़े शेयर्स?

रेलवे से जुड़े ये शेयर्स मंगलवार (23 दिसंबर, 2025) सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर अपने पिछले बंद (सोमवार, 22 दिसंबर, 2025) के मुकाबले बढ़त के साथ कारोबार करते नजर आए - 

  • Jupiter Wagons का शेयर 14.93% की शानदार बढ़ोतरी के साथ 356.80 रुपए पर कारोबार कर रहा था. इससे पहले सोमवार को कंपनी के शेयर में 18.56 फीसदी का उछाल देखा गया था. 
  • RVNL का शेयर 2.26% की बढ़ोतरी के साथ 340 रुपए पर ट्रेड कर रहा था. 
  • BEML का शेयर 3.19% की बढ़ोतरी के साथ 1,853.10 रुपए पर ट्रेड कर रहा था. 
  • IRFC का शेयर 2.31% की बढ़ोतरी के साथ 119.70 रुपए पर कारोबार कर रहा था. 
  • IRCTC का शेयर 0.12 की बढ़ोतरी के साथ 682.50 रुपए पर ट्रेड कर रहा था. 

क्यों आई रेलवे शेयरों में तेजी?

भारतीय रेलवे ने 26 दिसंबर, 2025 से अपने किराया स्ट्रक्चर में बदलाव करने की घोषणा की है. नए किराए के तहत, नॉन-AC कोच में 500 किमी तक यात्रा करने वाले यात्रियों को 10 रुपए ज्यादा देने होंगे. हालांकि, किराए में यह बदलाव सबअर्बन सर्विसेज और मंथली सीजन टिकटों पर लागू नहीं होगा. इस बीच साधारण क्लास में 215 किमी तक की यात्रा के लिए भी किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है.

रेलवे के लिए 10-12% बढ़ सकता कैपेक्स

निवेशक फिलहाल बजट 2026–27 की तरफ भी देख रहे हैं. बाजार का मानना है कि सरकार रेलवे के लिए इस बार 10%–12% कैपेक्स बढ़ सकती है. यह बजट रेलवे के आधुनिकीकरण के अगले चरण में इस्तेमाल होगा. इसमें 300-400 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें चलाना और कवच (Kavach) सुरक्षा सिस्टम के लिए अलॉटमेंट दोगुना करना शामिल है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि बजट से पहले इस तरह की रैली आम बात है. बजट को अक्सर पॉलिसी उपायों, कैपिटल खर्च की योजनाओं और प्रोजेक्ट घोषणाओं की संभावना के चलते सेक्टर-स्पेसिफिक शेयरों के लिए एक ट्रिगर के तौर पर देखा जाता है.

Disclaimer: यह खबर केवल सामान्य जानकारी के मकसद से दी गई है. इसमें दिए गए विचार, आंकड़े और विश्लेषण किसी भी प्रकार की निवेश सलाह नहीं हैं. शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है और स्टॉक्स की कीमतों में उतार-चढ़ाव आ सकता है. इसलिए अपनी समझ से निवेश करें.

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