भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ वर्षों में बड़ी तेजी देखने को मिली है. इसके पीछे की वजह बाजार में रिटेल निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी होना है.रिटेल निवेशक बाजार में एक स्मार्ट निवेशक की तरह काम कर रहे हैं और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और अन्य बड़े निवेशकों से कहीं आगे दिखाई देते हैं.उदाहरण के लिए एग्जिट पोल के नतीजों के कारण 3 जून को शेयर बाजार में बड़ी तेजी हुई. एनएसई के डेटा के अनुसार, इस दिन रिटेल निवेशकों ने 8,588 करोड़ रुपये की बिकवाली की.वहीं, एफआईआई और म्यूचुअल फंड्स ने इस दौरान 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश किया था.
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के दिन 4 जून को जब निफ्टी 5.9 प्रतिशत गिर गया. उस दौरान रिटेल निवेशकों ने 21,178 करोड़ रुपये की बंपर खरीदारी की थी. वहीं, इस दिन एफआईआई ने 12,511 करोड़ रुपये और म्यूचुअल फंड्स ने 6,249 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी.
5 जून को रिटेल निवेशकों ने 3,006 करोड़ रुपये की खरीदारी की. वहीं, विदेशी निवेशकों की ओर से 6,481 करोड़ रुपये की बिकवाली की गई. हालांकि, इस दिन म्यूचुअल फंड्स ने 2,672 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
बाजार के जानकारों का कहना है कि पिछले हफ्ते बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन अब ये समझना होगा कि इस बुल मार्केट को रिटेल निवेशक और एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल) लीड कर रहे हैं. एफआईआई की ओर से की जा रही बिकवाली को आसानी से रिटेल निवेशक खरीद रहे हैं. 4 जून को 21,179 करोड़ रुपये की खरीदारी रिटेल निवेशकों की ओर से की गई थी.
इस ट्रेंड से ऐसा लगता है कि ये सिलसिला लंबे समय तक जारी रहेगा. भारत में एसआईपी का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ रहा है. औसत मासिक एसआईपी का आंकड़ा करीब 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
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