
भारत का स्मार्टफोन निर्यात अब नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. चालू वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में भारत ने 13.4 अरब डॉलर के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए हैं. यह पिछले साल की इसी अवधि में हुए 8.5 अरब डॉलर के मुकाबले लगभग 59 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़त है.
इस तेजी के पीछे सबसे बड़ी वजह है पीएलआई (Production Linked Incentive) स्कीम के तहत आईफोन का बढ़ता प्रोडक्शन और निर्यात.
एप्पल के आईफोन ने बढ़ाई भारत की चमक
भारत से हुए कुल स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में एप्पल का आईफोन अकेले 10 अरब डॉलर से ज्यादा का हिस्सा रखता है. यानी कुल निर्यात का 75 प्रतिशत से भी अधिक योगदान सिर्फ आईफोन का रहा है.
सितंबर 2025 में अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात तीन गुना बढ़ गया और कुल एक्सपोर्ट 1.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया. यह अब तक का सबसे ज्यादा मासिक निर्यात रहा है. तुलना करें तो सितंबर 2024 में ये आंकड़ा 923 मिलियन डॉलर था, यानी साल भर में 87 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई.
सिर्फ अमेरिका को निर्यात की बात करें तो सितंबर 2024 के 258 मिलियन डॉलर से बढ़कर सितंबर 2025 में ये 900 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया. यानी अमेरिका अब भारत के कुल स्मार्टफोन एक्सपोर्ट का 52 प्रतिशत हिस्सा रखता है.
पीएलआई स्कीम का बड़ा रोल, सैमसंग की हिस्सेदारी घटी
उद्योग के मुताबिक, यह तेजी पूरी तरह से पीएलआई योजना की वजह से संभव हुई है.एप्पल के लिए यह स्कीम मार्च 2026 तक जारी है, जबकि सैमसंग के लिए यह वित्त वर्ष 2024-25 में ही खत्म हो चुकी है.इसी वजह से सैमसंग के स्मार्टफोन निर्यात में इस साल गिरावट दर्ज की गई है.
हालांकि, एप्पल के वेंडर कंपनियां भारत में लगातार अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ा रही हैं. हाल ही में दो नए आईफोन असेंबली प्लांट भी शुरू किए गए हैं, जिससे आने वाले महीनों में और एक्सपोर्ट बढ़ने की उम्मीद है.
अमेरिका बना भारत के लिए सबसे बड़ा मार्केट
भारत से स्मार्टफोन निर्यात में अब अमेरिका का रोल सबसे अहम हो गया है.सितंबर में कुल निर्यात का आधे से ज्यादा हिस्सा अमेरिका को गया.उद्योग जानकारों के मुताबिक, अगस्त और सितंबर आमतौर पर कम निर्यात वाले महीने होते हैं, क्योंकि इस दौरान दुनियाभर के ग्राहक नए मॉडलों के लॉन्च और पुराने वर्जन पर डिस्काउंट का इंतजार करते हैं.लेकिन इस बार भारत ने ट्रेंड बदल दिया है और सितंबर में ही रिकॉर्ड निर्यात किया है.
भारत में स्मार्टफोन निर्यात की यह तेजी बनी रहेगी या नहीं?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में स्मार्टफोन निर्यात की यह तेजी बनी रहेगी या नहीं, यह कई चीजों पर निर्भर करेगा जैसे कि सरकारी नीतियों में निरंतरता, अमेरिका-चीन ट्रेड रिलेशन और ग्लोबल टैरिफ बदलाव.फिलहाल, इलेक्ट्रॉनिक्स खासकर स्मार्टफोन सेक्टर, भारत के निर्यात में एक रेयर ब्राइट स्पॉट साबित हो रहा है.अगर यही रफ्तार बनी रही तो आने वाले महीनों में भारत दुनिया के टॉप मोबाइल एक्सपोर्टिंग देशों में अपनी जगह और मजबूत कर सकता है.
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