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मौन व्रत के बाद प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान, नीतीश को जिताने वाली लाखों महिलाओं को बनाएंगे 'हथियार'

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिवसीय मौन अनशन पर बैठे थे. गांधी की ऐतिहासिक कर्मभूमि पर किया गया यह मौन अनशन चुनावी हार के बाद आत्ममंथन का संकेत माना जा रहा है.

मौन व्रत के बाद प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान, नीतीश को जिताने वाली लाखों महिलाओं को बनाएंगे 'हथियार'
मौन व्रत के बाद प्रशांत किशोर की बड़ी घोषणा, बिहार संकल्प यात्रा करेंगे
  • बिहार चुनाव में हार के बाद प्रशांत किशोर ने जनता के बीच जाकर बिहार संकल्प यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया है
  • 15 जनवरी से शुरू होने वाली इस यात्रा में वे राज्य के 1 लाख 18 वार्डों की महिलाओं से मिलेंगे और फॉर्म भरवाएंगे
  • प्रशांत किशोर ने जन सुराज से जुड़े लोगों से एक हजार रुपये का योगदान देने की अपील की है
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पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रशांत किशोर टूटे नहीं हैं, उन्‍होंने फिर एक बार जनता के बीच जाने का फैसला किया है. जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिवसीय मौन अनशन के बाद बड़ी घोषणा की है. जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि वे 15 जनवरी से बिहार संकल्प यात्रा की शुरुआत करेंगे. इस यात्रा के दौरान वे राज्य के 1 लाख 18 हज़ार वार्डों में उन महिलाओं से मुलाक़ात करेंगे, जिन्हें सरकार द्वारा 10 हजार रुपये की राशि मिली है. इसके साथ ही उन्हें बिहार सरकार की ओर से दिए जाने वाले 2 लाख रुपये के लाभ के लिए फॉर्म भरवाने का काम भी करेंगे.

PK ने लोगों से मांगे 1-1 हजार रुपये

पीके ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति जन सुराज से जुड़ा है, तो वह संगठन को एक हजार रुपये का योगदान दे सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 20 वर्षों में अर्जित अपनी अचल संपत्ति (दिल्ली स्थित घर को छोड़कर) वे बिहार की इस योजना के लिए दान कर रहे हैं. पीके ने आगे कहा कि आज से भविष्य में मिलने वाली उनकी कुल आय का 90 प्रतिशत वे बिहार संकल्प यात्रा और इससे जुड़ी सामाजिक योजनाओं पर खर्च करेंगे.

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गांधी की कर्मभूमि पर PK का मौन

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिवसीय मौन अनशन पर बैठे थे. गांधी की ऐतिहासिक कर्मभूमि पर किया गया यह मौन अनशन चुनावी हार के बाद आत्ममंथन का संकेत माना जा रहा है. बिना भाषण और बयान के पीके गुरुवार को सुबह से पूर्ण मौन में थे, जबकि आश्रम परिसर के बाहर समर्थकों की भीड़ लगी थी और अंदर प्रवेश रोक दिया गया था. उनके इस शांत कदम को राजनीतिक गलियारों में आने वाले दिनों की बड़ी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. इस बैठक में जन सुराज के सभी बड़े नेता मौजूद रहें.

मौन व्रत पर बैठने से एक दिन पहले एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ राहुल कंवल को दिये खास इंटरव्‍यू में प्रशांत किशोर ने माना था कि बिहार चुनाव में उनसे कुछ न कुछ तो गलती हुई, जिसका वो मंथन कर रहे हैं. साथ ही उन्‍होंने कहा कि अब उनका पूरा फोकस बिहार की राजनीति पर होगा, वह किसी पार्टी के लिए कंसल्‍टेंसी नहीं करेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा, 'अब मैं किसी पार्टी के लिए कंसल्‍टेंसी नहीं करूंगा, सिर्फ बिहार पर फोकस होगा. अगर जरूरत पड़ेगी, तो हम जनता से पैसे मांगेंगे. लोगों से चंदा मांगेंगे. क्राउडफंडिंग करेंगे. अभी तक चल रहा है, वैसे ही आगे भी चलेगा. अगर पैसा नहीं होगा, तो कम पैसे में बिहार चुनाव लड़ेंगे. लेकिन बिहार की जनता को छोड़कर नहीं जाएंगे.' बता दें कि जन सुराज पार्टी को बिहार विधानसभा चुनाव में एक सीट भी नहीं मिली. 

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