"Washing Machine": जांच एजेंसियों के 'दुरुपयोग' पर विपक्ष ने बीजेपी पर किया वार

एक अखबार के पहले पन्ने का एक कटआउट साझा करते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, "वॉशिंग मशीन फ्रंट पेज बनाती है".

नई दिल्ली:

राजनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग की ओर इशारा करने वाली अखबार की रिपोर्ट के सामने आने के बाद अब विपक्ष के नेताओं ने BJP सरकार पर चौतरफा हमला बोला है. द इंडियन एक्सप्रेस की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 में केंद्र में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से प्रमुख विपक्षी नेताओं को घेरने के लिए जांच एजेंसियों का ज्यादा इस्तेमाल किया गया है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यूपीए सरकार के 10 साल के शासन के दौरान CBI जांच के दायरे में आने वाले 60 फीसदी राजनीतिक नेता विपक्ष के थे, जबकि NDA के 8 साल के शासन में यह बढ़कर 95 फीसदी हो गए हैं. खबर के सामने आने के बाद अखबार के पहले पन्ने का एक कटआउट साझा करते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, "वॉशिंग मशीन फ्रंट पेज बनाती है".

यहां वॉशिंग मशीन संदर्भ सबसे पहले तृणमूल प्रमुख और पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी द्वारा यह कहने के लिए इस्तेमाल किया गया था कि काला धन और भ्रष्टाचार के आरोपों से दागी राजनीतिक नेता बीजेपी में प्रवेश करते ही 'सफेद' हो जाते हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साहिर लुधियानवी द्वारा लिखी गई पंक्तियों के जरिए ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा, '‘गैरों पर सितम…अपनों पे करम… ऐ हुक्मरान ये ज़ुल्म न कर'.

राष्ट्रीय जनता दल(RJD) ने ट्वीटर पर अखबार का कटआउट शेयर करते हुए लिखा, ''NDA-2 शासनकाल में पक्षपाती तोते CBI ने 95% विपक्षी नेताओं पर केस दर्ज किए है. ताकि BJP को मदद कर सके? खूंखार गुंडों, अपराधियों और भ्रष्टाचारियों की पार्टी भाजपा के नेताओं पर कोई छापा नहीं. भ्रष्ट भाजपाइयों ने देश की सबसे बड़ी एजेंसी का ‘थाने' से भी बुरा हाल बना दिया है.शर्मनाक!"

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