बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार बंद पड़ी चीनी मिल को शुरू करने के लिए पहल करेगी. मुख्यमंत्री ने अपनी ‘समाधान यात्रा' के क्रम में बुधवार को गोपालगंज जिले में विभिन्न विभागों की विकास योजनाओं की प्रगति के संबंध में जिलास्तरीय समीक्षात्मक बैठक की. कुमार ने कहा, ‘‘गन्ना किसानों ने बंद पड़ी सासामुसा चीनी मिल के पास अपने बकाये का भुगतान नहीं होने के संबंध में जानकारी दी है. किसानों के बकाये का भुगतान हो सके इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे.''
उन्होंने कहा, ‘‘बंद पड़ी चीनी मिल को फिर से शुरू करने के लिये सरकार पहल करेगी.'' मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिल को चालू करने की प्रक्रिया के साथ गन्ना किसानों के अविलंब भुगतान के संबंध में नियम भी बनाए जाएंगे. गोपालगंज जिले में सासामुसा चीनी मिल को अपनी उपज की आपूर्ति करने वाले गन्ना किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और उन्हें बकाया राशि से अवगत कराया था.
कुमार ने किसानों को आश्वासन दिया कि उन्हें जल्द ही उनका बकाया मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि सासामुसा चीनी मिल प्रबंधन द्वारा गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करने की दिशा में कदम नहीं उठाये गये तो मिल को जब्त कर सरकार किसानों के बकाये का भुगतान करने की दिशा में निर्णय लेगी.
अस्सी के दशक की शुरुआत में बिहार देश के कुल चीनी उत्पादन में 28 प्रतिशत का योगदान देता था. इसका वर्तमान योगदान घटकर मात्र 2.5 प्रतिशत रह गया है. आजादी के बाद बिहार में चीनी मिल की संख्या 35 थी जो अब घटकर केवल 11 रह गई है.
चालू चीनी मिल बगहा, हरिनगर, नरकटियागंज, मझौलिया, सासामुसा, गोपालगंज, सिधवलिया, हसनपुर, लौरिया और सुगौली में हैं. राज्य में कुल 17 चीनी मिल ऐसी हैं जो चालू नहीं हैं. मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को पटना में अपनी ‘समाधान यात्रा' का समापन करेंगे. यह यात्रा पांच जनवरी को पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि नगर से शुरू हुई थी.
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