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बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्ती, कर्मचारियों पर कार्रवाई में हुआ 500 प्रतिशत का इजाफा

आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी 5 कार्रवाई हुई हैं. इनमें ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता नागेंद्र कुमार के ठिकानों पर हुई चर्चित रेड भी शामिल है. इस कार्रवाई में 25 लाख की ज्वेलरी, 17 लाख 60 हजार रुपए कैश भी बरामद हुए थे.

बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्ती, कर्मचारियों पर कार्रवाई में हुआ 500 प्रतिशत का इजाफा
(फाइल फोटो)
  • बिहार में अगस्त 2025 में भ्रष्टाचार के 72 मामले दर्ज किए गए जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक हैं
  • राजस्व विभाग और पुलिस में क्रमशः 20 और 16 भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए हैं
  • 69 आरोपियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया और 22 लाख रुपए से अधिक की रकम बरामद हुई है
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पटना:

बिहार में भ्रष्टाचारी अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई में तेजी आई है. सिर्फ अगस्त महीने में 2024 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. 2024 में पूरे साल में विजिलेंस ने 15 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं इस साल अगस्त तक 72 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. इनमें राजस्व विभाग के 20 और पुलिस के 16 मामले शामिल हैं. यह आंकड़ा पिछले 5 साल में सर्वाधिक हैं. ब्यूरो के कामकाज में हुए बदलावों की वजह से यह आंकड़ें बढ़े हैं. 

मामले दर्ज करने से लेकर सजा दिलाने तक में बनाया रिकॉर्ड

2020 में 37, 2021 में 58, 2022 में 72, 2023 में 36, 2024 में 15 और 2025 में अगस्त तक 72 मामले दर्ज हुए हैं. इनमें 69 आरोपियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. इस दौरान 22 लाख 14 हजार रुपए भी बरामद किए गए हैं.

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आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी 5 कार्रवाई हुई हैं. इनमें ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता नागेंद्र कुमार के ठिकानों पर हुई चर्चित रेड भी शामिल है. इस कार्रवाई में 25 लाख की ज्वेलरी, 17 लाख 60 हजार रुपए कैश भी बरामद हुए थे. इस साल सजा दिलाने के मामले में भी ब्यूरो ने रिकॉर्ड बनाया है. इससे पहले किसी भी साल में अधिकतम 18 आरोपियों को सजा दिलाई गई थी, इस साल अगस्त में ही यह आंकड़ा पूरा कर लिया गया है. 

कैसे बढ़ी मामलों की संख्या?

ब्यूरो ने इस साल कई बदलाव किए हैं. शिकायत के लिए जारी किया गया नंबर पहले सिर्फ ऑफिस के समय फंक्शन करता था. अब 24 घंटे फोन लाइन एक्टिव रहता है. पहले जहां एक दिन में 4 से 5 शिकायतें आती थी, वहीं अब 25 से 30 शिकायती कॉल आ रहे हैं. इसके अलावा अब मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है. यहां भी शिकायतें आ रही हैं. ब्यूरो के अधिकारी इन शिकायतों को वेरिफाई कर कार्रवाई कर रहे हैं.

एक्टिविटी ट्रैकर से मॉनिटर हो रही गतिविधि

बोर्ड ने एक एक्टिविटी कैलेंडर भी बनाया है जिसके जरिए हर दिन हुई कार्रवाई को मॉनिटर किया जाता है. किस एरिया में कितनी कार्रवाई हुई और कहां कार्रवाई नहीं हो पा रही, इसे भी ब्यूरो के अधिकारी मॉनिटर करते हैं. जिस इलाके से कम शिकायतें आ रही हैं, ब्यूरो के अधिकारी वहां कैंप कर रहे हैं.

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सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बढ़ा रहे जागरूकता

ब्यूरो का सोशल मीडिया पेज पिछले 10 साल से बंद था. ब्यूरो ने नया पेज तैयार किया, उस पर मीम, कैची वीडियो पोस्ट किए जा रहे हैं. ब्यूरो को इससे जागरूकता फैलाने में मदद मिल रही है. साथ ही ब्यूरो ने उन लोगों को सम्मानित किया जिनकी शिकायत पर कार्रवाई हुई. साथ ही ट्रैप की कार्रवाई में शामिल पुलिसकर्मी, अदालती कार्रवाई करने वाले अधिवक्ता का भी सम्मान किया.

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के महानिदेशक जीएस गंगवार लोगों की भागीदारी को इस सफलता का कारण मानते हैं. वे बताते हैं, "लोगों को शिकायत करने के लिए प्रेरित करना हमारे लिए सबसे अधिक जरूरी था क्योंकि भ्रष्टाचार को बिना आम लोगों के सहयोग के समाप्त नहीं किया जा सकता इसलिए हमने यह सुनिश्चित किया कि कोई शिकायत करे तो उसका ब्यूरो में विश्वास बढ़े. इसके अलावा हमने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए भी प्रयास किया. हमारा लक्ष्य है कि इस साल सौ से अधिक मामले दर्ज हो और दोषियों को सजा भी मिले." 

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