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कौन हैं 'हम मोदी संगे रहब' गाने वाले रितेश पांडे, जिनको PK ने अपनी फेवरिट सीट से दिया टिकट

Bihar Elections: रितेश पांडे (Ritesh Pandey) भोजपुरी गायक हैं और काफी लोकप्रिय हैं. वह इसी साल जन सुराज से जुड़े थे और करहगर सीट पर पिछले कुछ वक्‍त से तैयारी कर रहे थे. 

कौन हैं 'हम मोदी संगे रहब' गाने वाले रितेश पांडे, जिनको PK ने अपनी फेवरिट सीट से दिया टिकट
  • जनसुराज ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 51 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है.
  • रोहतास जिले की करहगर विधानसभा सीट से भोजपुरी गायक रितेश पांडे को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है.
  • रितेश पांडे के फेसबुक पर 2 लाख फॉलोअर हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के लिए गाना गाया था.
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नई दिल्‍ली :

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में जनसुराज दल ने अपने 51 उम्‍मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने रोहतास जिले की करहगर विधानसभा सीट से रितेश पांडे (Ritesh Pandey) को उम्‍मीदवार बनाया है. यह वही सीट है, जहां से प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के चुनाव लड़ने की काफी चर्चा थी. हालांकि पार्टी ने यहां से रितेश पांडे को चुनाव मैदान में उतारकर उन चर्चाओं को विराम दे दिया है. रितेश पांडे भोजपुरी गायक हैं और इस इलाके में काफी लोकप्रिय हैं. वह इसी साल जन सुराज से जुड़े थे और करहगर सीट पर पिछले कुछ वक्‍त से तैयारी कर रहे थे. 

प्रशांत किशोर ने हाल ही में एक इंटरव्‍यू में साफ कहा था कि अगर वह चुनाव लड़ेंगे तो अपने जन्‍मस्‍थान या अपने कर्मस्‍थान से. करगहर उनका जन्‍मस्‍थान है. हालांकि अब यह साफ हो गया है कि वे यहां से चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं. 

कौन हैं रितेश पांडे?

रितेश पांडे के फेसबुक पर 2 लाख फॉलोअर हैं. पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा के लिए गाना गाया था.  "हम मोदी संगे रहब" गाने को करीब 80 लाख लोगों ने देखा था. यह गाना अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब वायरल हुआ था. इंस्टाग्राम पर उनके 25 लाख फॉलोअर हैं और यूट्यूब पर उनके साढ़े 4 लाख फॉलोअर हैं. 

जातिगत समीकरणों का रखा ध्‍यान 

पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन में जातिगत समीकरणों का पूरा ख्याल रखा है. जनसुराज पार्टी ने 7 अनुसूचित जाति, 17 अति पिछड़ों, 11 पिछड़े, 8 अल्पसंख्यक और 8 सामान्य वर्ग के कैंडिडेट्स को टिकट दिया गया है. बिहार की राजनीति में तीसरे ध्रुव की तरह उभर रहे पीके ने एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए चुनावी समीकरणों को काफी जटिल बना दिया है.

प्रशांत किशोर ने अपनी लिस्ट में सबसे ज्यादा 17 अति पिछड़ों को टिकट दिया है. कुल टिकटों में इनकी हिस्सेदारी 34 फीसदी है. वहीं 16 फीसदी मुसलमानों को भी उम्‍मीदवार बनाया गया है.  

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