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झूठ की राजनीति, मुंगेरीलाल के सपने... तेजस्वी के चुनावी वादे पर छिड़ा 'संग्राम', सम्राट चौधरी से लेकर चिराग पासवान ने क्या कुछ कहा, पढ़ें

तेजस्वी यादव के ताजा बयान पर चिराग पासवान ने भी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी को अब जनता याद आई, AC कमरे से निकलकर सपने दिखा रहे हैं.

झूठ की राजनीति, मुंगेरीलाल के सपने...  तेजस्वी के चुनावी वादे पर छिड़ा 'संग्राम', सम्राट चौधरी से लेकर चिराग पासवान ने क्या कुछ कहा, पढ़ें
तेजस्वी यादव के वादे पर सम्राट चौधरी और चिराग पासवान ने किया पलटवार
  • तेजस्वी यादव ने बिहार की सभी जीविका दीदी को स्थायी सरकारी नौकरी और 30 हजार रुपये का वेतन देने का वादा किया है.
  • तेजस्वी ने केंद्र और राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए योजनाओं में कमीशन खाने की बात कही है
  • उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तेजस्वी के वादों को झूठा बताया और उनके परिवार पर बिहार को लूटने का आरोप लगाया
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पटना:

बिहार की राजनीति में आज हलचल तब मच गई जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने “जीविका दीदी” को लेकर एक बड़ा ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो राज्य की सभी जीविका दीदी को स्थायी सरकारी नौकरी दी जाएगी और उनका वेतन ₹30,000 प्रति माह होगा. तेजस्वी का यह बयान न केवल राजनीतिक बहस का मुद्दा बना बल्कि विपक्ष के निशाने पर भी आ गया. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अब बदलाव का समय आ गया है. डबल इंजन की सरकार से लोग त्रस्त हैं. हमने निर्णय लिया है कि जितनी भी जीविका दीदी हैं, उन्हें स्थायी सरकारी नौकरी देंगे और उनका वेतन ₹30,000 रुपये प्रति माह करेंगे.  साथ ही, हर जीविका समूह को दो साल तक मुफ्त ऋण और हर महीने ₹2,000 का भत्ता दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार आने पर मां–बहन मान योजना के तहत हर परिवार की महिलाओं को सालाना ₹30,000 की सहायता दी जाएगी. हम बेटी योजना और मां योजना भी शुरू करेंगे ताकि हर घर आत्मनिर्भर बन सके.  उनके इस ऐलान पर सूबे के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और एनडीए में उनके सहयोगी चिराग पासवान ने टिप्पणी की है. 

तेजस्वी का हमला केंद्र और राज्य सरकार पर

तेजस्वी यादव ने केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार पर सीधा हमला बोला।उन्होंने कहा —“इन लोगों ने हमारी ‘माँ-बहन योजना' के काट में सिर्फ ₹10,000 रिश्वत की तरह बाँट दिए। अब अमित शाह बताएं कि 10 हजार में कौन सा रोजगार शुरू हो सकता है? सरकार हर योजना में टेंडर करके कमीशन खाती है। हम इसे खत्म करेंगे और बिहार को भ्रष्टाचार-मुक्त बनाएंगे।”

तेजस्वी ने दावा किया कि उनकी सरकार आने पर हर घर में सरकारी नौकरी देने का ऐतिहासिक निर्णय लागू किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जीविका समूहों को बिना ब्याज के ₹5 लाख तक का ऋण दिया जाएगा ताकि वे छोटे रोजगार शुरू कर सकें.बिहार की 1.5 से 2 लाख जीविका दीदी हमारी ताकत हैं. हम उन्हें सिर्फ सम्मान नहीं, अधिकार देंगे. 

तेजस्वी यादव के इन वादों पर सूबे के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का पलटवार किया है. सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार को लूटने वाला परिवार अब वादों की नौटंकी कर रहा है. ये वही लोग हैं जिन्होंने पहले दो करोड़ 70 हजार लोगों को सरकारी नौकरी देने का झूठा वादा किया था. 15 साल में इनके माताजी और पिताजी ने बिहार को लूटा है. पूरा परिवार बिहार को बर्बाद करने का काम कर चुका है. 

उन्होंने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता जानती है कि ये लोग सिर्फ गप मारने और सपना दिखाने वाले हैं. जो खुद कुछ नहीं कर पाए, वो अब दूसरों को रोजगार देने की बात कर रहे हैं. सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि एनडीए सरकार ने “जीविका” योजना को सशक्त बनाया, जबकि महागठबंधन के नेता अब उसी पर राजनीति कर रहे हैं. 

तेजस्वी यादव के ताजा बयान पर चिराग पासवान ने भी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी को अब जनता याद आई, AC कमरे से निकलकर सपने दिखा रहे हैं.पहले सरकार में आ जाएं, फिर ऐसी बातें करें. महागठबंधन में जिस तरह से अंदरूनी झगड़ा चल रहा है, पहले उसे सुलझाएं. तेजस्वी यादव मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं. चिराग पासवान ने कहा कि तेजस्वी सिर्फ चुनाव के वक्त सक्रिय होते हैं. आज इतने दिनों के बाद जनता को संबोधित कर रहे हैं. इतने समय कहां थे? AC कमरे में बैठकर अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की योजनाएँ बना रहे थे. 

क्या “जीविका दीदी” बनेंगी चुनावी गेमचेंजर?

बिहार में जीविका योजना के तहत करीब 1.5 से 2 लाख महिलाएं विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं. ग्रामीण इलाकों में यह वर्ग राजनीतिक रूप से प्रभावशाली माना जाता है. तेजस्वी यादव का यह कदम सीधे तौर पर महिला मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तेजस्वी यादव ने जिस “मां–बहन–बेटी योजना” की बात की है, वह महिला सशक्तिकरण को लेकर एक सामाजिक–राजनीतिक एजेंडा तैयार करने की कोशिश है. हालांकि एनडीए खेमे का तर्क है कि बिना वित्तीय रोडमैप के ऐसे वादे अव्यवहारिक हैं. लेकिन चुनावी मौसम में बिहार में वादों की राजनीति का यह नया दौर शुरू हो चुका है.

तेजस्वी यादव का यह ऐलान भले ही चुनावी रणनीति के तहत किया गया हो, लेकिन इसने बिहार की राजनीति में नई हलचल जरूर पैदा कर दी है. जहां एक ओर तेजस्वी “बदलाव और रोजगार” की बात कर रहे हैं, वहीं भाजपा और एनडीए नेता इसे “झूठे सपनों की सियासत” बता रहे हैं.अब देखना होगा कि क्या “जीविका दीदी” तेजस्वी यादव के लिए बिहार की राजनीति की निर्णायक शक्ति बनेंगी,या फिर यह घोषणा भी चुनावी वादों की लंबी सूची में शामिल होकर रह जाएगी. 

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