
- योगी आदित्यनाथ ने आरएसएस के शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में हलाल सर्टिफिकेशन पर कड़ा रुख अपनाया.
- योगी ने कहा कि यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन को बैन कर दिया गया है.
- योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर राम और कृष्ण के प्रति नकारात्मक बयानबाजी करने का आरोप लगाया.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।UP CM Yogi Adityanath Viral Speech: मौका था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में गोरखपुर संभाग द्वारा आयोजित 'विचार-परिवार कुटुंब स्नेह मिलन' और 'दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव' कार्यक्रमों का. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ यहां पहुंचे तो ऐसा भाषण दिया कि हर ओर इसकी चर्चा है. कांग्रेस से लेकर सपा तक बिफरी हुई है.
योगी के बयान

- आप जब कोई सामान खरीदते हैं तो उसमें एक चीज जरूर देखिए. क्या उसमें हलाल सर्टिफिकेशन तो नहीं लिखा हुआ है. यानी हर वस्तु में हलाल सर्टिफिकेशन. हमने यूपी में इसे बैन किया है. मुझे लगता है कि आज यूपी में कोई उसे खरीदने का या बेचने का दुस्साहस नहीं करेगा. लेकिन आप आश्चर्य करेंगे कि साबुन का भी हलाल, कपड़े का भी हलाल, दीये-सलाई का भी हलाल, मैं भौंचक था. एक अधिकारी बोला इसमें...मैंने बोला देखो ये षडयंत्र है.
- मैंने कहा माचिस झटका वाला है. आप एक झटके में लगाएंगे तभी आग जलेगी. आप हलाल करते रहेंगे तो कभी जलेगी ही नहीं माचिस. तो मैंने कहा इससे बड़ा झूठ क्या हो सकता है.
- जब हमने कार्रवाई प्रारंभ की तो 25,000 करोड़ रुपये देश के अंदर हलाला सर्टीफिकेशन से होता है और भारत सरकार की या राज्य सरकार की किसी भी एजेंसी ने उन्हें मान्यता नहीं दी है. ये सारा का सारा पैसा आतंकवाद के लिए, लव जिहाद के लिए और धर्मांतरण के लिए दुरुपयोग होता है. इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई प्रारंभ की है.
- छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप और राणा सांगा जैसे महान योद्धाओं ने 'राजनीतिक इस्लाम' के खिलाफ लड़ाई लड़ी.उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटिश और फ्रांसीसी उपनिवेशवाद की चर्चा तो अक्सर होती है, लेकिन सनातन धर्म पर सबसे बड़ा प्रहार करने वाले 'राजनीतिक इस्लाम' का जिक्र कम ही किया जाता है.
- समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और विपक्षी खेमे के सदस्यों ने राम मंदिर पर सवाल उठाए, लेकिन संघ के स्वयंसेवक मंदिर निर्माण के अपने संकल्प पर अडिग रहे. संघ ने प्रतिबंधों को सहन किया और उसके स्वयंसेवकों ने लाठीचार्ज और गोलियों का सामना किया, और आज, भव्य श्रीराम मंदिर उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
- अखिलेश न केवल 'राम द्रोही' हैं, बल्कि 'कृष्ण द्रोही' भी हैं. अगर अखिलेश यादव प्रजापति (मिट्टी के बर्तन बनाने वाले) समुदाय का दर्द समझते, तो वह ऐसा 'बचकाना बयान' नहीं देते.इसलिए कहा जाता है कि गद्दी तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं. इसके लिए प्रयास करने पड़ते हैं. और कुछ लोगों की आदत होती है कि उनका बचपना जीवन भर उनके साथ रहता है. वे ऐसे कृत्य करते हैं, और अब भी कर रहे हैं. उन्होंने (अखिलेश यादव) कहा था कि दीये जलाने की क्या जरूरत है? दूसरे शब्दों में उन्हें दीपावली से नफरत है. अब तक हम यही सोचते थे कि उन्हें अयोध्या में रामजन्मभूमि और अन्य हिंदू तीर्थस्थलों से नफरत है.
- अखिलेश यादव ने कहा था कि वह सैफई में दुर्योधन की मूर्ति लगाएंगे. हम तो भगवान कृष्ण के मथुरा और वृंदावन को सजाएंगे क्योंकि ये हमारे संस्कार हैं. कंस और दुर्योधन आपको प्रिय हैं, आप उन्हें स्थापित कर सकते हैं.
- कांग्रेस ने पहले भगवान राम और भगवान कृष्ण को नकार दिया था और आज दुनिया भगवान रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आती है और मंत्रमुग्ध हो जाती है.
क्या है हलाल सर्टिफिकेट, सीएम योगी के बयान के समर्थन में मौलाना तो कांग्रेस-सपा क्यों नाराज
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं