
- उमा भारती ने स्पष्ट किया कि वह 2029 के लोकसभा चुनावों में झांसी से चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं.
- उनकी राजनीति में कोई व्यक्तिगत रुचि नहीं है और वे गाय तथा गंगा के संरक्षण में पूरी निष्ठा से काम कर रही हैं.
- उमा भारती ने 2 शर्तें रखीं, जिसमें भाजपा का आग्रह और सांसद अनुराग शर्मा को कोई परेशानी न होना शामिल हैं.
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बुधवार को अपने राजनीतिक इरादों को स्पष्ट कर दिया. उन्होंने ऐलान किया कि वह 2029 के लोकसभा चुनावों में झांसी से चुनाव लड़ेंगी. मीडिया से रूबरू उमा भारती ने कहा कि उनकी इच्छा लोकसभा चुनावों में हिस्सा लेने की है लेकिन तभी जब पार्टी उनसे कहेगी. आपको बता दें कि उमा भारती, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल यानी साल 2014 से 2019 तक में बतौर कैबिनेट मंत्री अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं.
'मैं हाशिए पर नहीं हूं'
उमा भारती ने कहा, 'अगर मैं चुनाव लड़ती हूं तो झांसी से लड़ूंगी. मेरी इच्छा लोकसभा चुनावों में भाग लेने की है. अगर पार्टी कहेगी तो मैं चुनाव लड़ूंगी, मैं इंकार नहीं करूंगी.' उन्होंने आगे कहा, 'राजनीति में मैं हाशिए पर नहीं हूं. मैं गाय और गंगा के काम के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम कर रही हूं. इसके अलावा मेरी राजनीति में कोई व्यक्तिगत रुचि नहीं है.'
अपनी इस टिप्पणी के तुरंत बाद उमा भारती ने एक्स पर लिखा कि उनके बयान को जो उन्होंने ललितपुर रेलवे स्टेशन पर एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान कैजुअली कहा था कि वह झांसी से चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं. उन्होंने लिखा, '18 अक्टूबर, 2025 को जब मैं टिकमगढ़ से ललितपुर ट्रेन पकड़ने आई तो वहां मैंने भाजपा के अधिकारियों और झांसी व ललितपुर के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. मैंने कैजुअली कहा कि मैं 2029 के चुनाव झांसी से लड़ूंगी.'
चुनाव के लिए 2 शर्तें
उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं लेकिन इसके साथ ही उन्होंने दो शर्तें भी बता दीं. उमा की पहली शर्त है कि बीजेपी को आधिकारिक तौर पर चुनाव लड़ने के लिए उनसे पूछना होगा और दूसरी झांसी के वर्तमान सांसद अनुराग शर्मा को उनके निर्णय के कारण कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.
उमा ने इसके साथ ही ऐलान किया कि वह गोवर्धन दिवस यानी 29 अक्टूबर के मौके पर गाय संरक्षण अभियान की शुरुआत करेंगी. यह अभियान डेढ़ साल तक चलेगा और इसमें ग्राम पंचायतों और किसानों की भागीदारी होगी. उन्होंने कहा, 'गायें केवल तब जीवित रह सकती हैं जब किसान उन्हें पालना चाहें. हर लाडली बहन को दो गायें दी जानी चाहिए क्योंकि बहनें इन्हें सच्चाई और निष्ठा से देखभाल कर सकती हैं.'
गाय और गंगा के लिए समर्पित!
साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव रखा कि गौशालाओं में केवल बीमार या अनुपयुक्त गायें ही रहनी चाहिए, जबकि स्वस्थ गायों का पालन किसान करें. उन्होंने कहा कि गाय पालन करने वाले किसानों को मासिक 10,000 रुपये की आर्थिक मदद और भूमि समर्थन मिलना चाहिए. भारती ने यह भी बताया कि अरब देशों में गाय संरक्षण के लिए एक फंड बनाया जा रहा है. उन्होंने पहले ही केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और एमपी के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के साथ गाय कल्याण सुधार पर चर्चा की है.
उमा भारती ने 4 नवंबर को प्रयागराज में गंगा सफाई अभियान शुरू करने की भी घोषणा की है जिसमें देशभर के प्रमुख लोग भाग लेंगे. उन्होंने कहा, 'गाय और गंगा आत्मनिर्भर भारत के दो स्तंभ हैं. रासायनिक प्रदूषण को रोकने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना जरूरी है ताकि खेतों के रसायन सीधे गंगा में न जाएं.'
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