- बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने 202 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार का गठन किया है
- EWS, SC-ST वर्ग के लगभग 60 प्रतिशत मतदाताओं का एनडीए गठबंधन को समर्थन
- सर्वर्ण मतदाताओं में से 7 प्रतिशत ने एनडीए को वोट दिया जबकि महागठबंधन को केवल दो प्रतिशत
बिहार विधानसभा का चुनाव खत्म हो चुका है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार का गठन भी हो चुका है. इस बार के चुनाव में एनडीए ने 202 सीटों पर बंपर जीत के साथ सत्ता में वापसी की है. इस बार के चुनाव में एनडीए गठबंधन को बंपर वोट भी मिले हैं. अकेले एनडीए गठबंधन ने 47 फीसदी वोट हासिल किया है.
Ascendia के डेटा के अनुसार एनडीए को ईबीसी, एससी-एसटी के 60 फीसदी आबादी का वोट मिला है. दूसरी तरफ महागठबंधन को इसके कोर वोटर मुस्लिम और यादव के 60 फीसदी वोटरों का समर्थन मिला है. जहां तक सभी समुदायों का वोटों का मामला है तो उसमें महागठबंधन को भी सभी तबके का समर्थन मिला जरूर है लेकिन वो एनडीए के बराबर नहीं है.

सवर्णों का बड़ा तबका एनडीए के साथ
Ascendia के अनुसार एनडीए को मिले 47 फीसदी वोटों में से 7 फीसदी वोट सर्वर्णों का मिला है. दूसरी तरफ महागठबंधन को मिले कुल 38 प्रतिशत वोट में से केवल 2 फीसदी सामान्य मतदाताओं का साथ मिला. अन्य को जो कुल 16 फीसदी वोट मिले हैं उसमें उनको 2 फीसदी सवर्ण वोटर्स ने अपना मत दिया. यानी अगर डेटा का विश्लेषण करें तो सवर्णों का बड़ा तबका वोट देने के मामले में एनडीए को चुना.
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यादवों के लिए नो इफ, नो बट केवल आरजेडी
जहां तक राज्य में यादव मतदाताओं के वोट का सवाल है तो इसमें उन्होंने महागठबंधन को चुना है. कुल 38 फीसदी मतों का 10 फीसदी हिस्सा महागठबंधन को गया है. आरजेडी के सीएम फेस रहे तेजस्वी यादव ने इस गठबंधन की अगुवाई की थी. एनडीए को मिले कुल 47 फीसदी वोट में से 3 फीसदी यादव मतदाताओं ने वोट किया जबकि अन्य को 16 फीसदी में से महज 1 फीसदी यादवों ने वोट दिया.
गैर यादव ओबीसी का रुझान जानिए
राज्य के गैर यादव ओबीसी वोटर ने एकमुश्त एनडीए को अपना वोट दिया. कुल 47 प्रतिशत मतों का 7 फीसदी गैर ओबीसी आबादी ने एनडीए को समर्थन दिया. उसी तरह महागठबंधन को मिले कुल 38 फीसदी मतों में से तीन प्रतिशत ने महागठबंधन को वोट देना पसंद किया जबकि केवल एक फीसदी ने अन्य को वोट किया, जिनको कुल 16 प्रतिशत वोट मिला है.
ईबीसी का भरोसा एनडीए पर
बिहार की ईबीसी आबादी ने सबसे ज्यादा भरोसा एनडीए गठबंधन पर किया. 47 प्रतिशत मिले वोटों में से 15 फीसदी ईबीसी आबादी ने एनडीए गठबंधन को वोट दिया. महागठबंधन को मिले 38 प्रतिशत वोट में से महज 6 फीसदी ने मत दिया. अन्य को कुल 16 फीसदी मिले मतों में केवल 1 फीसदी हिस्सा ही ईबीसी वोटर का उनके खाते में आया है.
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एससी-एसटी का रुझान किसकी ओर?
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति ने भी एनडीए को सबसे ज्यादा समर्थन दिया. एनडीए को मिले कुल 47 प्रतिशत वोट में से एससी-एसटी के 13 प्रतिशत लोगों ने सत्तारूढ़ गठबंधन को वोट दिया. महागठबंधन को कुल मिले वोटों में केवल 4 प्रतिशत एससी-एसटी ने वोट किया. अन्य को मिले कुल 16 फीसदी वोट हिस्सेदारी में कुल 5 फीसदी एससी-एसटी ने वोट किया है.
मुस्लिम महागठबंधन के साथ
जहां तक बाद मुस्लिम मतदाताओं की है तो उन्होंने खुलकर महागठबंधन को वोट किया. महागठबंधन को मिले कुल 37 प्रतिशत मत में से 13 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं का हिस्सा था. एनडीए के 47 प्रतिशत वोट के हिस्से में महज 2 प्रतिशत मुस्लिमों ने एनडीए के पक्ष में वोट किया. अन्य को मिले कुल 16 फीसदी हिस्से में 3 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने अन्य को वोट किया.
बिहार चुनाव में एनडीए का जलवा
अगर सभी वोट प्रतिशत को जोड़ते हैं तो एनडीए का हिस्सा महागठबंधन की तुलना में करीब 9 फीसदी ज्यादा बैठ रहा है. एनडीए को जहां राज्य में 47 प्रतिशत वोट मिले वहीं महागठबंधन को कुल 38 फीसदी ही वोट मिले. अन्य को 16 फीसदी वोटों से संतोष करना पड़ा.
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