
- किशनगंज के छोटेलाल महतो पिछले 20 सालों से लगातार लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन अब तक नहीं जीते.
- सिलेंडर की डिलीवरी करने वाले छोटेलाल बिहार के किशनगंज से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
- छोटेलाल पहले भी कई दिग्गज नेताओं जैसे तसलीमुद्दीन और सैय्यद शाहनवाज हुसैन के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं.
चुनाव में हर बार ऐसे उम्मीदवार भी दांव आजमाते हैं, जिनकी जीतने की उम्मीद भले ही कम हो लेकिन हौसले बुलंद होते हैं. बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. तैयारी को लेकर सभी राजनितिक पार्टियां जी जान से पूरी मेहनत में जुटी हैं. किशनगंज जिले में विधानसभा चुनाव दूसरे चरण में 11 नवंबर को चुनाव होना है. हमेशा की तरह इस बार भी किशनगंज के छोटेलाल महतो ने चुनावी मैदान में उतरने के लिए कमर कस ली है. गैस सिलेंडर की डिलीवरी करने वाले छोटे लाल पिछले 20 साल से लगातार लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. नगर निकाय चुनाव में भी वह अपना भाग्य अजमा चुके हैं. वो बात अलग है कि वह अब तक जीत नहीं सके.
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20 साल से लड़ रहे चुनाव, अब तक नहीं मिली जीत
किशनगंज शहर के रहने वाले छोटेलाल महतो 23 साल की उम्र में राजनीति मैदान में उतरे थे. वह एक छोटे से मकान में रहते हैं और गैस सिलेंडर की डिलीवरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं. छोटेलाल ने बताया कि उन्होंने साल 2000 में 23 साल की उम्र में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया था. लेकिन उम्र होने की वजह से उनका नामांकन रद्द हो गया था. इसके बाद से वह लगातार लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ते आ रहे हैं.

इन दिग्गजों के खिलाफ छोटेलाल ने लड़ा चुनाव
छोटेलाल ने सीमांचल के गांधी के नाम से मशहूर रहे स्वर्गीय तसलीमुद्दीन के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था. सिलेंडर की डिलीवरी करने वाले छोटे लाल महतों पूर्व केंद्रीय मंत्री सैय्यद शाहनवाज हुसैन समेत कई दिग्गज नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि उन्हें अब तक सफलता नहीं मिली है. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है.
छोटेलाल का कहना है, " 2004 से लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं. जीत नहीं मिली है लेकिन कभी हार नहीं मानी. इसबार भी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. जनता काफी मदद करती है और चंदा देकर हमें मैदान में उतारती है. हम लोगों के घर गैस सिलेंडर पहुंचाते हैं. लोग मेरे जैसा नेता चाहते हैं. इसबार हमें कामयाबी जरूर मिलेगी. जनता अपने वोट से जीत दर्ज कराएगी."
पत्नी मुर्गी-अंडा बेचकर जुटाती है पैसा
छोटे लाल का कहना है कि चुनाव लड़ने के लिए जनता इन्हें चंदा देती है. इसके अलावा उनकी पत्नी बकरी, मुर्गी और अंडा बेचकर चुनाव लड़ने के लिए रुपए इकट्ठा करती है. छोटेलाल की पत्नी का मानना है कि सामाजिक कार्यकर्ता छोटेलाल लोगों के दुख और मुसीबत के वक्त साथ रहते हैं. उन्हें भरोसा है कि एक बार जनता उनको जरूर मौका देगी.

वही छोटे लाल का कहना है कि जब तक जिंदा रहेंगे, चुनाव लड़ेंगे. मानव सेवा उनकी प्राथमिकता है. छोटे लाल गैस डिलीवरी करने के साथ हर मजबूर लोगों की मदद में भी आगे रहते हैं. उनकी सेवा को देखते हुए ही जनता ने उनसे चुनाव लड़ने की मांग की थी. इसके बाद से वह चुनाव लड़ते आ रहे हैं. छोटे लाल का कहना है कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो गरीबों की आंखों के आंसू पोछने के साथ ही वह विकास और रोजगार के क्षेत्र में भी काम करेंगे.
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