- बिहार के चंपारण जिले के रामनगर त्रिवेणी नहर में एक मछुआरे को दुर्लभ प्रजाति की मछली मिली.
- मछली मिलने की खबर तेजी से फैल गई और दूर-दूर से लोग मछली को देखने के लिए आने लगे.
- वन विभाग की टीम ने मछली को सुरक्षित पकड़कर रामनगर के गंडक नदी में छोड़ दिया.
बिहार के चंपारण जिले के बगहा में एक मछुआरे के हाथ दुर्लभ प्रजाति की मछली लग गई. फिर क्या दुर्लभ प्रजाति की मछली मिलने की खबर आग की तरह फैल गई. मछली को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आने लगे. दरअसल, पश्चिम चंपारण जिला के रामनगर के त्रिवेणी नहर में एक मछुआरे ने मछली के शिकार के दौरान अपने जाल में एक दुर्लभ प्रजाति की मछली फंसा लिया. दुर्लभ प्रजाति की मछली मिलने की जानकारी आग की तरह अन्य गांवों में फैल गई. फिर क्या देखते ही देखते कई लोगों का तांत लगना शुरू हो गया. मछली की एक झलक पाने के लिए दूर-दूर से लोग आने लगे. यहां तक की सूचना पर वन विभाग की टीम भी पहुंच गई.

वन विभाग की टीम ने सकर माउथ दुर्लभ मछली का सफल रेस्क्यू किया और उसे सुरक्षित गंडक नदी में छोड़ दिया. दरअसल अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाने वाली सकर माउथ, जिसे भारत में कैट फिश भी कहा जाता है, उसका रामनगर में मिलना सबको आश्चर्य जनक लगा. लिहाजा मछुआरा समेत गांव के लोग चौंक गए. वहीं वन विभाग की टीम को जैसे ही इसकी खबर लगी, बिना देर किए वो कैट फिश को लेने के लिए आ गए और उसे नदी में छोड़ दिया.
वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (VTR) अंतर्गत रामनगर रेंजर विजय ने बताया ये सकर माउथ कैटफिश है. प्रसाद ने पुष्टि करते हुए बताया की दुर्लभ मछली को कब्जे में लेकर गंडक नदी में छोड़ दिया गया.
आखिर कैसे त्रिवेणी नहर में पहुंची ये मछली
नेपाल स्थित हिमालय की चोटी से निकलने वाली नारायणी गंडक नदी से चम्पारण में तिरहूत, दोन समेत त्रिवेणी जैसे प्रमुख नहरों में पानी सप्लाई किया जाता है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि नेपाल के काली गंडकी जिसे भारत में प्रवेश करते गंडक नदी के नाम से जाना जाता है, इस नदी के रास्ते कैट फिश रामनगर के त्रिवेणी नहर तक पहुंची होगी.
रिपोर्ट - बिंदेश्वर कुमार
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