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मगध में सियासी विरासत की जंग: जानिए क्यों जीतनराम मांझी, लवली आनंद, जगदीश शर्मा जैसे दिग्गजों की प्रतिष्ठा लगी है दांव पर

बिहार विधानसभा चुनाव के इस चरण में मगध क्षेत्र सियासी प्रतिष्ठा का केंद्र बन गया है. यहां कई दिग्गज नेता अपने परिजनों को विधायक बनाने के लिए सक्रिय हैं.

मगध में सियासी विरासत की जंग: जानिए क्यों जीतनराम  मांझी, लवली आनंद, जगदीश शर्मा जैसे दिग्गजों की प्रतिष्ठा लगी है दांव पर
  • मगध में केंद्रीय मंत्री और पूर्व सांसद अपने परिवार के सदस्यों को MLA बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं
  • मांझी, लवली आनंद, गोपाल नारायण सिंह जैसे दिग्गज नेताओं की राजनीतिक प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर लगी हुई है
  • नवीनगर, औरंगाबाद, ओबरा, जैसे प्रमुख क्षेत्रों में नेताओं के बेटे, बहू और भतीजे चुनाव मैदान में हैं
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पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव के इस दौर में मगध क्षेत्र सियासी प्रतिष्ठा की सबसे बड़ी परीक्षा बन गया है. यहां केन्द्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सांसद अपने परिजनों को विधायक बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं. बेटा, बहू, भाई और भतीजे को टिकट दिलाने के बाद अब उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए जनसंपर्क अभियान से लेकर रणनीतिक बैठकों तक, हर स्तर पर प्रयास जारी हैं. इस चुनावी समर में जीतनराम मांझी, लवली आनंद, गोपाल नारायण सिंह, धीरेन्द्र अग्रवाल, चंदेश्वर चंद्रवंशी, जगदीश शर्मा और डॉ अरुण कुमार जैसे दिग्गजों की साख दांव पर लगी है. मगध की कई सीटें इन नेताओं के लिए सिर्फ चुनावी नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी हैं. यह चुनाव न सिर्फ जनप्रतिनिधियों के चयन का माध्यम है, बल्कि राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश भी है.

नेताओं की प्रतिष्ठा से जुड़ी सीटें और उम्मीदवारों की स्थिति

नवीनगर में जदयू से चेतन आनंद मैदान में हैं, जो सांसद लवली आनंद और पूर्व सांसद आनंद मोहन के पुत्र हैं. चेतन पहले शिवहर से राजद विधायक रह चुके हैं. अब नए क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए लवली आनंद की प्रतिष्ठा दांव पर है. वहीं, राजद से आमोद चंद्रवंशी उम्मीदवार हैं.

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औरंगाबाद में पूर्व राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह अपने बेटे त्रिविक्रम नारायण सिंह को विधायक बनाना चाहते हैं. वे खुद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और बेटे की जीत के लिए सक्रिय हैं.

ओबरा में पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांति सिंह के पुत्र ऋषि कुमार राजद से उम्मीदवार हैं. उनके सामने एलजेपी आर से डॉ प्रकाश चंद्र हैं. कांति सिंह की प्रतिष्ठा बेटे की वापसी पर टिकी है.

जीतनराम मांझी की दो सीटों पर प्रतिष्ठा

गया के सांसद और केन्द्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की प्रतिष्ठा इमामगंज और बाराचटटी सीटों पर दांव पर है. इमामगंज से उनकी बहू दीपा मांझी हम सेक्युलर से उम्मीदवार हैं. यह सीट मांझी परिवार की परंपरागत सीट रही है. दूसरी तरफ, राजद से रीतु प्रिया चौधरी मैदान में हैं.

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बाराचटटी से मांझी की समधिन ज्योति देवी हम सेक्युलर से उम्मीदवार हैं. इस सीट पर भी मांझी और ज्योति देवी दोनों पहले जीत चुके हैं. राजद ने यहां भगवती देवी की पोती तनुश्री मांझी को उतारा है, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

जहानाबाद में तीन पूर्व सांसदों की प्रतिष्ठा दांव पर

जहानाबाद में जदयू के पूर्व सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी खुद चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, राजद से पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के पुत्र राहुल शर्मा मैदान में हैं. जन सुराज से अभिराम शर्मा भी चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

पूर्व सांसद डाॅ अरूण कुमार की तीन जगहों पर प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. घोषी में बेटा, टेकारी में भाई और अतरी में भतीजा चुनाव मैदान में है. अरूण कुमार मगध में अकेले ऐसे राजनीतिज्ञ हैं, जिनके परिवार का तीन सदस्य विधायक का चुनाव लड़ रहा है.

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गया सदर में धीरेंद्र अग्रवाल की साख

गया सदर से पूर्व सांसद धीरेंद्र अग्रवाल जन सुराज से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला बीजेपी के डॉ प्रेम कुमार और कांग्रेस के अखौरी ओंकार नाथ से है. धीरेंद्र अग्रवाल की प्रतिष्ठा इस चुनाव में उनके राजनीतिक पुनरागमन पर टिकी है.

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