
Jhanjharpur Vidhan Sabha Seat: बिहार की राजनीति में झंझारपुर विधानसभा क्षेत्र एक ऐसा नाम है, जो दशकों से 'मिश्रा परिवार' की मजबूत पकड़ और विरासत का प्रतीक रहा है. यह वही क्षेत्र है, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने 1972 से लेकर 1990 तक लगातार 5 बार विधानसभा चुनाव जीते और इस क्षेत्र को बिहार की राजनीति के नक्शे पर एक विशिष्ट पहचान दिलाई. पिता की इस विरासत को उनके बेटे नीतीश मिश्रा ने आगे बढ़ाया, जो वर्तमान में बिहार सरकार में मंत्री हैं. फिलहाल, 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर झंझारपुर में राजनीति गरमाने लगी है.
नीतीश मिश्रा ने 16 अक्टूबर को भरा पर्चा
झंझारपुर विधानसभा क्षेत्र से NDA ने इस बार भी नीतीश मिश्रा को टिकट दिया है. 16 अक्टूबर को उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. नीतीश मिश्रा के नामांकन सभा में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बिहार सरकार के मंत्री हरि सहनी, यूपी के मंत्री संजय सिंह गंगवाड़ और एनडीए के अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे.

नीतीश मिश्रा की नामांकन सभा में यूपी के डिप्टी सीएम सहित अन्य बड़े नेता.
मैथिली संस्कृति और परंपरा से ओतप्रोत है इलाका
झंझारपुर बिहार के मधुबनी जिले में स्थित है और यह झंझारपुर संसदीय सीट का हिस्सा है. यह सीट वर्ष 1951 में स्थापित की गई थी और यह एक सामान्य श्रेणी की सीट है. इसमें झंझारपुर और लखनौर सामुदायिक विकास खंड, साथ ही मधेपुर प्रखंड की 7 ग्राम पंचायतें शामिल हैं. यह क्षेत्र मैथिली संस्कृति और परंपरा से ओतप्रोत है. माना जाता है कि "झंझारपुर" नाम मैथिली शब्द 'झांझर' से लिया गया है.
झंझारपुर में करीब सवा तीन लाख वोटर
जनसंख्या के लिहाज से 2024 की अनुमानित जनसंख्या 5,48,571 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 2,83,670 और महिलाओं की संख्या 2,64,901 है. निर्वाचन आयोग के अनुसार 30 सितंबर 2024 की संदर्भ तिथि पर कुल 3,18,968 मतदाता दर्ज हैं, जिनमें 1,67,411 पुरुष और 1,51,552 महिलाएं शामिल हैं.
9 बार कांग्रेस, तीन बार जदयू ने हासिल की जीत
1951 में स्थापित झंझारपुर विधानसभा क्षेत्र ने अब तक 17 चुनाव देखे हैं. इनमें से 9 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की. जदयू ने तीन बार, राजद ने दो बार, जबकि भाजपा, जनता पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को एक-एक बार सफलता मिली है.
मैथिली कवि विद्यापति से जुड़ा है झंझारपुर
झंझारपुर की सांस्कृतिक पहचान इसे विशेष बनाती है. यह क्षेत्र छठ और सामा-चकेवा जैसे त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है. साहित्य और संगीत में भी इसका योगदान उल्लेखनीय है. पास का लखनौर गांव प्रसिद्ध मैथिली कवि विद्यापति की कहानियों और लोककथाओं से जुड़ा हुआ है.
कमला नदी इलाके की जीवनरेखा
धार्मिक दृष्टिकोण से, झंझारपुर में बाबा विदेश्वर स्थान एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है. कमला नदी, जो नेपाल से निकलकर बिहार में बहती है, इस क्षेत्र की जीवनरेखा मानी जाती है. विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा के दिन कमला घाट में स्नान का धार्मिक महत्व है.
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