
- बीजेपी के अनुराग ठाकुर ने प्रशांत किशोर के बिहार चुनाव न लड़ने पर युद्ध से पहले भागने वाला जनरल बताया
- अनुराग ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने जीतने की संभावना के आधार पर टिकट बांटे हैं और धर्म जाति के आधार पर नहीं दिया
- प्रशांत किशोर ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि संगठनात्मक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे
जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के बिहार में आगामी चुनाव (Bihar Election) न लड़ने के फैसले पर बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने सवाल उठाए हैं. भाजपा के लिए प्रचार करने आज पटना पहुंचे अनुराग ठाकुर ने प्रशांत किशोर को युद्ध से पहले ही भाग जाने वाला 'जनरल' बताया. एनडीटीवी से खास बातचीत के दौरान अनुराग ठाकुर ने कहा- जनरल भाग गया, अब सेना का क्या होगा? प्रशांत किशोर ने बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से पूछा गया कि बिहार चुनाव के लिए भाजपा के 101 उम्मीदवारों में एक भी मुस्लिम क्यों नहीं है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ' हमारा पूरा फोकस ज्यादा से ज्यादा सीटों पर दर्ज करना है. इसलिए हम जीतने की संभावना के आधार पर टिकटों का बंटवारा कर रहे हैं. हम सबका साथ, सबका विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं. हम धर्म और जाति के आधार पर लोगों को सुविधाएं नहीं देते, जो जीत सकता है उसे टिकट मिलता है.'
क्यों PK नहीं लड़ रहे चुनाव?
राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पीके किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, इस बारे में अटकलों पर विराम लगाते हुए उन्होंने ने बुधवार को एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. यह ऐलान काफी हैरान करने वाला था. प्रशांत किशोर ने कहा, 'जन सुराज ने फैसला किया है कि मुझे संगठनात्मक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और चुनाव नहीं लड़ना चाहिए.'
150 सीटों का टारगेट
चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए की निश्चित हार की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू को 25 सीटें जीतने के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा. उन्होंने कहा, 'एनडीए निश्चित रूप से खत्म होने वाला है और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में वापसी नहीं करेंगे.' जन सुराज के लिए बड़ा टारगेट सेट करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए '150 सीटों से कम' कुछ भी 'हार' होगी.
इससे पहले, भाजपा ने कहा था कि प्रशांत किशोर ने चुनाव न लड़ने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि उनके अंदर के 'व्यापारी और पूर्व चुनाव प्रचारक' को एहसास हो गया है कि हालात उनके पक्ष में नहीं हैं. भाजपा के शहजाद पूनावाला ने कहा, 'प्रशांत किशोर एक बहुत ही चतुर व्यवसायी हैं और उन्हें चुनाव प्रचार का भी अच्छा खासा अनुभव है. शायद, उनके अंदर के व्यवसायी और पूर्व चुनाव प्रचारक को एहसास हो गया है कि ज़मीनी हालात उनके या उनकी पार्टी के पक्ष में नहीं हैं और अगर वह यह चुनाव हार गए, तो भविष्य में उनके व्यवसाय को कोई खरीदार नहीं मिलेगा.'
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