बेंगलुरु के साफ्टवेयर इंजीनियर आनंद प्रकाश को हैकिंग में महारथ हासिल है.
- इतना कमाया कि अच्छी खासी फ्लिपकार्ट की नौकरी छोड़ दी
- बड़ी कंपनियों की साइबर सिक्योरिटी में सेंध लगाने में माहिर
- कंपनियों को उनकी खामियों की जानकारी भी दे देते हैं
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बेंगलुरु:
24 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर आनंद प्रकाश ने हैकिंग के जरिए इतने रुपये कमा लिए कि अपनी अच्छी खासी फ्लिपकार्ट की नौकरी छोड़ दी. पिछले तीन चार वर्षों से दुनिया के तीन बड़े हैकर्स में आनंद प्रकाश की गिनती हो रही है. ई-कॉमर्स से जुड़ी कंपनियों और वेबसाइटों के सुरक्षा तंत्र को भेदने की कला हैकिंग कहलाती है.
हाल ही में उबर ने उन्हें लगभग 9 लाख रुपये का इनाम दिया तो फेसबुक ने 10 लाख रुपये का. आनंद के मुताबिक वे अब तक 50 से ज्यादा कंपनियों के साइबर सुरक्षा तंत्र की खामियां निकालकर काफी रकम काम चुके हैं. एक अंदाजा के मुताबिक उन्होंने तीन करोड़ रुपये से भी ज्यादा रकम कमाई है. हालांकि इस बारे में आधिकारिक तौर पर आनंद प्रकाश ने पुष्टि नहीं की.
आनंद के मुताबिक वे बड़ी कंपनियों की साइबर सिक्योरिटी को भेदने की कोशिश करते हैं. कामयाब होने पर उस कंपनी को इस खामी की जानकारी देते हैं. कंपनी उस खामी को, जिसे कंप्यूटर की भाषा में बग कहा जाता है, दूर करती है. फिर वह अनंद से कहती है कि वह चेक करके बताए कि खामी दूर हुई या नहीं. जब आनंद पुष्टि कर देते हैं तो कंपनी खुश होकर इनाम देती है जो कि लाखों में होता है.
हालांकि आनंद का कहना है कि इस बात का उन्हें मलाल है कि वे बैंकों के साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी चुनौतियों को दूर नहीं कर पा रहे. जब वे कोशिश शुरू करते हैं तो बैंक की तरफ से कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जाती है.
हाल ही में आनंद की शादी हुए है. उनकी पत्नी भी आईटी इंजीनियर हैं. अब वे अपनी पत्नी को हैकिंग के रहस्य सिखा रहे हैं. आनंद के पिता का राजस्थान में व्यापार है.
हाल ही में उबर ने उन्हें लगभग 9 लाख रुपये का इनाम दिया तो फेसबुक ने 10 लाख रुपये का. आनंद के मुताबिक वे अब तक 50 से ज्यादा कंपनियों के साइबर सुरक्षा तंत्र की खामियां निकालकर काफी रकम काम चुके हैं. एक अंदाजा के मुताबिक उन्होंने तीन करोड़ रुपये से भी ज्यादा रकम कमाई है. हालांकि इस बारे में आधिकारिक तौर पर आनंद प्रकाश ने पुष्टि नहीं की.
आनंद के मुताबिक वे बड़ी कंपनियों की साइबर सिक्योरिटी को भेदने की कोशिश करते हैं. कामयाब होने पर उस कंपनी को इस खामी की जानकारी देते हैं. कंपनी उस खामी को, जिसे कंप्यूटर की भाषा में बग कहा जाता है, दूर करती है. फिर वह अनंद से कहती है कि वह चेक करके बताए कि खामी दूर हुई या नहीं. जब आनंद पुष्टि कर देते हैं तो कंपनी खुश होकर इनाम देती है जो कि लाखों में होता है.
हालांकि आनंद का कहना है कि इस बात का उन्हें मलाल है कि वे बैंकों के साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी चुनौतियों को दूर नहीं कर पा रहे. जब वे कोशिश शुरू करते हैं तो बैंक की तरफ से कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जाती है.
हाल ही में आनंद की शादी हुए है. उनकी पत्नी भी आईटी इंजीनियर हैं. अब वे अपनी पत्नी को हैकिंग के रहस्य सिखा रहे हैं. आनंद के पिता का राजस्थान में व्यापार है.
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