फोर्ड फीगो एस्पायर
नई दिल्ली:
फोर्ड फीगो एस्पायर लॉन्च के लिए तैयार है। इस कार को चलाने के दौरान मैंने सबसे पहले जो चीज़ नोटिस की वो था इसका डिज़ाइन। फोर्ड फीगो एस्पायर डिज़ाइन, एक्सटीरियर फील और फिनिशिंग में मारुति सुज़ुकी स्विफ्ट डिज़ायर और ह्युंडै एक्सेंट से कहीं बेहतर नज़र आई।
वहीं, होंडा की अमेज़ इसके सामने एक औसत डिज़ाइन वाली कार कही जा सकती है। ये कहना गलत नहीं होगा कि फोर्ड फीगो एस्पायर में एक सेक्स-अपील है। हालांकि, एक कार के लिए सेक्स-अपील जैसे शब्द का इस्तेमाल करना आपको चौंका सकता है।
फोर्ड ने ऑफिशियल लॉन्च के पहले ही अपने नए प्रोडक्ट को पब्लिक में दिखाने में कोई शर्म महसूस नहीं की। देश के कई शॉपिंग मॉल में कंपनी ने मार्केटिंग स्ट्रैटेजी के तहत डिस्प्ले एरिया बनाया हुआ है जहां इस कार की झलक देखने को मिल सकती है। फोर्ड ने कुछ ऐसा ही 'इको स्पोर्ट' के लॉन्च के वक्त भी किया था।
मैं कई बार मॉल में बने फोर्ड के उन डिस्प्ले एरिया में गया जहां कई तरह के लाइट्स की चकाचौंध में फीगो एस्पायर काफी आकर्षक लगती थी, लेकिन ये बताते हुए मुझे खुशी हो रही है कि नेचुरल लाइट में भी ये कार उतनी ही आकर्षक है।
मेरी राय में, अपने सेगमेंट में फीगो एस्पायर सबसे ज़्यादा संतुलित अनुपात वाली कार है। इस मामले में ये टाटा ज़ेस्ट और होंडा अमेज़ से कहीं बेहतर है। गाड़ी में लगा फ्रंट ग्रिल सेक्शन इस कार को और भी खूबसूरत बनाता है। ये काफी हद तक एस्टन मार्टिन के फ्रंट ग्रिल की तरह नज़र आता है। मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि अगर लुक की बात की जाए, तो ये कार सब-कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट में सबसे खबूसूरत और आकर्षक है।
फोर्ड ने इस सेगमेंट में मेहनत करने में थोड़ा ज़्यादा वक्त जरूर लिया, लेकिन आखिर में कंपनी ने एक बेहतरीन प्रोडक्ट बाज़ार में उतारा है। आने वाले समय में फोर्ड का ये प्रोडक्ट काफी डिमांड में आ सकता है, क्योंकि साल के अंत तक फीगो एस्पायर का हैचबैक भी लॉन्च कर दिया जाएगा। कंपनी का मानना है कि इन दिनों बाज़ार में ढेरों संभावनाएं हैं और इसके लिए वो अपने ग्राहकों को बेहतर से बेहतर प्रोडक्ट देने की तैयारी कर रही है।
मुझे वैसी कारें बेहद पसंद हैं, जिसके केबिन में ज़्यादा से ज़्यादा स्टोरेज स्पेस होता है और इस मामले में भी इस कार ने मुझे निराश नहीं किया। इस कार में ना सिर्फ ढेर सारे कप-होल्डर्स दिए गए हैं, बल्कि बड़े बोतल को रखने के लिए डोर पॉकेट्स भी दिए गए हैं, ये काफी उपयोगी हैं। गाड़ी में लगा ग्लव बॉक्स भी बड़ा है जिसमें छुट्टे पैसे, मोबाइल फोन और छोटे-मोटे सामान रख सकते हैं। इस कार की केबिन में आपको पर्याप्त जगह मिलेगी।
मेरी लंबाई औसत भारतीयों की लंबाई से थोड़ी ज़्यादा है। इसलिए ड्राइविंग पोजि़शन के लिए सीट को एडजस्ट करने की जरूरत पड़ी। लेकिन, ड्राइविंग सीट एडजस्ट करने के बाद भी मेरे पीछे मेरी लंबाई को कोई भी शख्स बिना किसी शिकायत के आराम से बैठ सकता है। अगर फीट स्पेस की लिहाज से देखा जाए तो होंडा अमेज़ ज़्यादा बेहतर है, क्योंकि अमेज़ की सीट की बनावट और सीट रेल के बीच की जगह फीगो एस्पायर की तुलना में ज्यादा फ्लैट है।
'अस्पायर' के फ्रंट सीट बहुत अच्छे से डिज़ाइन किए गए हैं। मैं अपनी कार में सीट को थोड़ा नीचा रखता हूं इसलिए ये अच्छा लगा कि इस कार के टॉप के दो वेरिएंट में हाईट-एडजस्टमेंट की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन जब सीट को नीचे करने के बाद मुझे लगा कि सीट कुशन और बॉडी के नीचले हिस्से के बीच एक जगह बनती है जो पीठ के दर्द से जुझ रहे लोगों के लिए लंबी ड्राइविंग के दौरान तकलीफदेह साबित हो सकती है। अब बात कार के बूट स्पेस की तो कार में 359 लीटर का बूट स्पेस है जिसमें करीब तीन मीडियम साइज़ के बैग को आराम से रखा जा सकता है।
इस कार के सारे वेरिएंट में डुअल-टोन इंटीरियर (Beige-Black Combination) दिया गया है जो केबिन को एक अच्छा फील दे रहा है। इसमें इस्तेमाल किया गया 'बेज' कलर थोड़ा चमकीला है। अगर ये थोड़ा डार्क होता तो और बेहतर होता। कंपनी ने गाड़ी के इंटीरियर को जापानी कारों के लेवल तक पहुंचाने की थोड़ी कोशिश जरूर की है।
गाड़ी में इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक भी औसत से थोड़ा बेहतर फील दे रही है। कार के सारे वेरिएंट में ड्राइवर साइड एयरबैग दिया गया है जबकि टॉप एंड वेरिएंट में 6 एयरबैग लगाए गए हैं। एक सब-कॉम्पैक्ट कार में 6 एयरबैग आपको शायद ही मिले, ये आश्चर्यजनक है। क्योंकि मैंने Titanium Plus वर्ज़न ड्राइव किया इसलिए मैं 'माई फोर्ड डोक' को टेस्ट नहीं कर पाया। 'माई फोर्ड डोक' में आप अपने फोन को माउंट कर नेविगेशन और म्यूज़िक का मज़ा ले सकते हैं।
फोर्ड फीगो एस्पायर तीन इंजन ऑप्शन के साथ उपलब्ध है जिसमें 1.2-लीटर पेट्रोल, 1.5-लीटर डीज़ल और 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन शामिल है। जिसमें 1.5-लीटर पेट्रोल में 6-स्पीड डुअल क्लच ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन की सुविधा है। हमारी ड्राइव कुछ घंटो के लिए सीमित थी लेकिन फिर भी मैंने 1.2-लीटर पेट्रोल और 1.5-लीटर डीज़ल दोनों ही ड्राइव किया। सबसे पहले शुरुआत करते हैं 1.2-लीटर पेट्रोल वेरिएंट से।
फोर्ड ने इस वेरिएंट में 1196cc का इंजन लगाया है जो मौजूदा 'फिगो' में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इस इंजन में कंपनी ने कई बड़े बदलाव किए हैं। इंजन में माइलेज बेहतर बनाने पर काम किया गया है। 86.8 बीएचपी सुनने में तो अच्छा लगता है लेकिन जब बाच ड्राइविंग की हो तो इसका एक्सपीरियेंस कुछ खास नहीं होता। इस इंजन का टॉर्क 112Nm@4000rpm है, जो हेवी-ट्रैफिक के दौरान थोड़ी दिक्कत पैदा कर सकता है।
सिटी में ड्राइव करने वाले ड्राइवर की तरह मैंने भी 50 Kmpl की स्पीड पर पांचवी गियर पर शिफ्ट कर गया, लेकिन थोड़ी ही देर बाद मैं परेशान होकर मैं तीसरे गियर पर शिफ्ट कर गया। कुछ ऐसा ही हुआ जब मैं चौथे गियर में 40 Kmpl की स्पीड पर चल रहा था। दिक्कत की बात ये थी कि ये सब एक खुले नेशनल हाईवे पर हो रहा था। मैं इस इंजन के साथ थोड़ा और ड्राइव करना चाहूंगा तकि मैं बेहतर फीडबैक दे सकूं। लेकिन इतना तय है कि इस इंजन के साथ ओवरटेकिंग करना कुछ ज़्यादा ही कैल्क्युलेटेड होगा।
1.5-लीटर डीज़ल पेट्रोल इंजन के बिल्कुल उलटा है। इसका इंजन 8-वॉल्व का है जिसका इस्तेमाल फिएस्टा में भी किया जाता है। ये 98.6 बीएचपी और 215Nm की ताकत देता है। इस इंजन का रिस्पॉन्स काफी बेहतर है। कार में लगे गियरबॉक्स से भी कुछ ज़्यादा शिकायत नहीं है, लेकिन अगर गियरशिफ्ट थोड़ा और बेहतर होता और क्लच थोड़ा और हल्का होता तो ये और अच्छा हो सकता था।
जिस बात से मुझे सबसे ज़्यादा निराशा हुई वो है इस कार का सस्पेंशन सेटअप। दरअसल, इसने मुझे काफी कंफ्यूज़ कर दिया। मैं काफी दिनों से फोर्ड के प्रोडक्ट देखता आ रहा हूं। मैं आइकॉन, पर्व क्लासिक और मोंडो को काफी पसंद करता था। इन कारों में जो चीज़ सबसे अच्छी थो वो थी इनकी हैंडलिंग बैलेंस। 'अस्पायर' ने इस चीज़ को पूरी तरह से बदल दिया है, जो कि फोर्ड के चाहने वालों को निराश करेगी। वैसे को सिटी ड्राइविंग के हिसाब से छोटे-मोटे गड्ढों के लिए इस कार का सस्पेंशन ठीक है, लेकिन हाई-स्पीड में कार को मोड़ने की स्थिति में सस्पेंशन को और बेहतर बनाया जा सकता था।
ये एक ऐसी कार है जिसका इस्तेमाल आप घर से ऑफिस जाने के लिए कर सकते हैं। गाड़ी की स्टीयरिंग भी आपको बहुत अच्छी नहीं लगेगी। लेकिन, कंपनी ने इस कार में काफी अच्छा काम किया है और पैकेजिंग के हिसाब ये कार बेहतरीन है। गाड़ी की डायनेमिक्स ने भी मुझे थोड़ा निराश किया है, लेकिन फिर भी इस गाड़ी से उम्मीद की जा सकती है। कुल मिलकार ये एक अच्छी सिटी कार बन सकती है।
विशिष्टता :
इंजन: 1.5-litre डीज़ल / 1.2-litre पेट्रोल
पावर: 98.6 बीएची @ 3,750rpm / 86.8 बीएचपी @ 6,300rpm
टॉर्क: 215Nm @ 1,750-3,000rpm / 112Nm @ 4,000rpm
ट्रांसमिशन: 5-स्पीड मैनुअल
वहीं, होंडा की अमेज़ इसके सामने एक औसत डिज़ाइन वाली कार कही जा सकती है। ये कहना गलत नहीं होगा कि फोर्ड फीगो एस्पायर में एक सेक्स-अपील है। हालांकि, एक कार के लिए सेक्स-अपील जैसे शब्द का इस्तेमाल करना आपको चौंका सकता है।
फोर्ड ने ऑफिशियल लॉन्च के पहले ही अपने नए प्रोडक्ट को पब्लिक में दिखाने में कोई शर्म महसूस नहीं की। देश के कई शॉपिंग मॉल में कंपनी ने मार्केटिंग स्ट्रैटेजी के तहत डिस्प्ले एरिया बनाया हुआ है जहां इस कार की झलक देखने को मिल सकती है। फोर्ड ने कुछ ऐसा ही 'इको स्पोर्ट' के लॉन्च के वक्त भी किया था।
मैं कई बार मॉल में बने फोर्ड के उन डिस्प्ले एरिया में गया जहां कई तरह के लाइट्स की चकाचौंध में फीगो एस्पायर काफी आकर्षक लगती थी, लेकिन ये बताते हुए मुझे खुशी हो रही है कि नेचुरल लाइट में भी ये कार उतनी ही आकर्षक है।
मेरी राय में, अपने सेगमेंट में फीगो एस्पायर सबसे ज़्यादा संतुलित अनुपात वाली कार है। इस मामले में ये टाटा ज़ेस्ट और होंडा अमेज़ से कहीं बेहतर है। गाड़ी में लगा फ्रंट ग्रिल सेक्शन इस कार को और भी खूबसूरत बनाता है। ये काफी हद तक एस्टन मार्टिन के फ्रंट ग्रिल की तरह नज़र आता है। मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि अगर लुक की बात की जाए, तो ये कार सब-कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट में सबसे खबूसूरत और आकर्षक है।
फोर्ड ने इस सेगमेंट में मेहनत करने में थोड़ा ज़्यादा वक्त जरूर लिया, लेकिन आखिर में कंपनी ने एक बेहतरीन प्रोडक्ट बाज़ार में उतारा है। आने वाले समय में फोर्ड का ये प्रोडक्ट काफी डिमांड में आ सकता है, क्योंकि साल के अंत तक फीगो एस्पायर का हैचबैक भी लॉन्च कर दिया जाएगा। कंपनी का मानना है कि इन दिनों बाज़ार में ढेरों संभावनाएं हैं और इसके लिए वो अपने ग्राहकों को बेहतर से बेहतर प्रोडक्ट देने की तैयारी कर रही है।
मुझे वैसी कारें बेहद पसंद हैं, जिसके केबिन में ज़्यादा से ज़्यादा स्टोरेज स्पेस होता है और इस मामले में भी इस कार ने मुझे निराश नहीं किया। इस कार में ना सिर्फ ढेर सारे कप-होल्डर्स दिए गए हैं, बल्कि बड़े बोतल को रखने के लिए डोर पॉकेट्स भी दिए गए हैं, ये काफी उपयोगी हैं। गाड़ी में लगा ग्लव बॉक्स भी बड़ा है जिसमें छुट्टे पैसे, मोबाइल फोन और छोटे-मोटे सामान रख सकते हैं। इस कार की केबिन में आपको पर्याप्त जगह मिलेगी।
मेरी लंबाई औसत भारतीयों की लंबाई से थोड़ी ज़्यादा है। इसलिए ड्राइविंग पोजि़शन के लिए सीट को एडजस्ट करने की जरूरत पड़ी। लेकिन, ड्राइविंग सीट एडजस्ट करने के बाद भी मेरे पीछे मेरी लंबाई को कोई भी शख्स बिना किसी शिकायत के आराम से बैठ सकता है। अगर फीट स्पेस की लिहाज से देखा जाए तो होंडा अमेज़ ज़्यादा बेहतर है, क्योंकि अमेज़ की सीट की बनावट और सीट रेल के बीच की जगह फीगो एस्पायर की तुलना में ज्यादा फ्लैट है।
'अस्पायर' के फ्रंट सीट बहुत अच्छे से डिज़ाइन किए गए हैं। मैं अपनी कार में सीट को थोड़ा नीचा रखता हूं इसलिए ये अच्छा लगा कि इस कार के टॉप के दो वेरिएंट में हाईट-एडजस्टमेंट की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन जब सीट को नीचे करने के बाद मुझे लगा कि सीट कुशन और बॉडी के नीचले हिस्से के बीच एक जगह बनती है जो पीठ के दर्द से जुझ रहे लोगों के लिए लंबी ड्राइविंग के दौरान तकलीफदेह साबित हो सकती है। अब बात कार के बूट स्पेस की तो कार में 359 लीटर का बूट स्पेस है जिसमें करीब तीन मीडियम साइज़ के बैग को आराम से रखा जा सकता है।
इस कार के सारे वेरिएंट में डुअल-टोन इंटीरियर (Beige-Black Combination) दिया गया है जो केबिन को एक अच्छा फील दे रहा है। इसमें इस्तेमाल किया गया 'बेज' कलर थोड़ा चमकीला है। अगर ये थोड़ा डार्क होता तो और बेहतर होता। कंपनी ने गाड़ी के इंटीरियर को जापानी कारों के लेवल तक पहुंचाने की थोड़ी कोशिश जरूर की है।
गाड़ी में इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक भी औसत से थोड़ा बेहतर फील दे रही है। कार के सारे वेरिएंट में ड्राइवर साइड एयरबैग दिया गया है जबकि टॉप एंड वेरिएंट में 6 एयरबैग लगाए गए हैं। एक सब-कॉम्पैक्ट कार में 6 एयरबैग आपको शायद ही मिले, ये आश्चर्यजनक है। क्योंकि मैंने Titanium Plus वर्ज़न ड्राइव किया इसलिए मैं 'माई फोर्ड डोक' को टेस्ट नहीं कर पाया। 'माई फोर्ड डोक' में आप अपने फोन को माउंट कर नेविगेशन और म्यूज़िक का मज़ा ले सकते हैं।
फोर्ड फीगो एस्पायर तीन इंजन ऑप्शन के साथ उपलब्ध है जिसमें 1.2-लीटर पेट्रोल, 1.5-लीटर डीज़ल और 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन शामिल है। जिसमें 1.5-लीटर पेट्रोल में 6-स्पीड डुअल क्लच ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन की सुविधा है। हमारी ड्राइव कुछ घंटो के लिए सीमित थी लेकिन फिर भी मैंने 1.2-लीटर पेट्रोल और 1.5-लीटर डीज़ल दोनों ही ड्राइव किया। सबसे पहले शुरुआत करते हैं 1.2-लीटर पेट्रोल वेरिएंट से।
फोर्ड ने इस वेरिएंट में 1196cc का इंजन लगाया है जो मौजूदा 'फिगो' में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इस इंजन में कंपनी ने कई बड़े बदलाव किए हैं। इंजन में माइलेज बेहतर बनाने पर काम किया गया है। 86.8 बीएचपी सुनने में तो अच्छा लगता है लेकिन जब बाच ड्राइविंग की हो तो इसका एक्सपीरियेंस कुछ खास नहीं होता। इस इंजन का टॉर्क 112Nm@4000rpm है, जो हेवी-ट्रैफिक के दौरान थोड़ी दिक्कत पैदा कर सकता है।
सिटी में ड्राइव करने वाले ड्राइवर की तरह मैंने भी 50 Kmpl की स्पीड पर पांचवी गियर पर शिफ्ट कर गया, लेकिन थोड़ी ही देर बाद मैं परेशान होकर मैं तीसरे गियर पर शिफ्ट कर गया। कुछ ऐसा ही हुआ जब मैं चौथे गियर में 40 Kmpl की स्पीड पर चल रहा था। दिक्कत की बात ये थी कि ये सब एक खुले नेशनल हाईवे पर हो रहा था। मैं इस इंजन के साथ थोड़ा और ड्राइव करना चाहूंगा तकि मैं बेहतर फीडबैक दे सकूं। लेकिन इतना तय है कि इस इंजन के साथ ओवरटेकिंग करना कुछ ज़्यादा ही कैल्क्युलेटेड होगा।
1.5-लीटर डीज़ल पेट्रोल इंजन के बिल्कुल उलटा है। इसका इंजन 8-वॉल्व का है जिसका इस्तेमाल फिएस्टा में भी किया जाता है। ये 98.6 बीएचपी और 215Nm की ताकत देता है। इस इंजन का रिस्पॉन्स काफी बेहतर है। कार में लगे गियरबॉक्स से भी कुछ ज़्यादा शिकायत नहीं है, लेकिन अगर गियरशिफ्ट थोड़ा और बेहतर होता और क्लच थोड़ा और हल्का होता तो ये और अच्छा हो सकता था।
जिस बात से मुझे सबसे ज़्यादा निराशा हुई वो है इस कार का सस्पेंशन सेटअप। दरअसल, इसने मुझे काफी कंफ्यूज़ कर दिया। मैं काफी दिनों से फोर्ड के प्रोडक्ट देखता आ रहा हूं। मैं आइकॉन, पर्व क्लासिक और मोंडो को काफी पसंद करता था। इन कारों में जो चीज़ सबसे अच्छी थो वो थी इनकी हैंडलिंग बैलेंस। 'अस्पायर' ने इस चीज़ को पूरी तरह से बदल दिया है, जो कि फोर्ड के चाहने वालों को निराश करेगी। वैसे को सिटी ड्राइविंग के हिसाब से छोटे-मोटे गड्ढों के लिए इस कार का सस्पेंशन ठीक है, लेकिन हाई-स्पीड में कार को मोड़ने की स्थिति में सस्पेंशन को और बेहतर बनाया जा सकता था।
ये एक ऐसी कार है जिसका इस्तेमाल आप घर से ऑफिस जाने के लिए कर सकते हैं। गाड़ी की स्टीयरिंग भी आपको बहुत अच्छी नहीं लगेगी। लेकिन, कंपनी ने इस कार में काफी अच्छा काम किया है और पैकेजिंग के हिसाब ये कार बेहतरीन है। गाड़ी की डायनेमिक्स ने भी मुझे थोड़ा निराश किया है, लेकिन फिर भी इस गाड़ी से उम्मीद की जा सकती है। कुल मिलकार ये एक अच्छी सिटी कार बन सकती है।
विशिष्टता :
इंजन: 1.5-litre डीज़ल / 1.2-litre पेट्रोल
पावर: 98.6 बीएची @ 3,750rpm / 86.8 बीएचपी @ 6,300rpm
टॉर्क: 215Nm @ 1,750-3,000rpm / 112Nm @ 4,000rpm
ट्रांसमिशन: 5-स्पीड मैनुअल
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