विज्ञापन
This Article is From Nov 23, 2018

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभाओं में बाधा कौन, क्या कांग्रेस के अंदर ही रची जा रही है साजिश?

मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार अब अंतिम दौर में पहुंच रहा है, मगर कांग्रेस है कि अपने अंतर्द्वद्व से उबर नहीं पा रही है

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभाओं में बाधा कौन, क्या कांग्रेस के अंदर ही रची जा रही है साजिश?
ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)
भोपाल: मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार अब अंतिम दौर में पहुंच रहा है, मगर कांग्रेस है कि अपने अंतर्द्वद्व से उबर नहीं पा रही है. इसका खुलासा करने के लिए प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया को समय पर हेलीकॉप्टर उपलब्ध न कराना, हेलीकॉप्टर का एक स्थान पर पहुंचकर ईंधन खत्म हो जाने की घटनाएं पर्याप्त मानी जा सकती हैं. राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रादेशिक नेताओं में सबसे ज्यादा मांग युवा सांसद सिंधिया की हो रही है. विभिन्न उम्मीदवारों ने अपने-अपने क्षेत्र में सिंधिया की सभाएं कराने का आग्रह पार्टी की प्रदेश इकाई से किया है. एक तरफ जहां पार्टी के दीगर नेताओं की मांग कम है तो दूसरी ओर सिंधिया ज्यादा सभाएं करने की स्थिति में स्वयं को नहीं पा रहे हैं. इसी के चलते कांग्रेस के नेताओं में आपसी द्वंद्व बढ़ गया है. 

राज्य के स्टार प्रचारकों को सुविधाएं पार्टी मुहैया कराती है. बात बीते मंगलवार की है, सिंधिया को कोतमा में पार्टी प्रत्याशी सुनील सर्राफ और मानपुर में ज्ञानवती के प्रचार के लिए जाना था. सिंधिया भोपाल के हवाईअड्डे पर एक घंटे से ज्यादा देर तक हेलीकॉप्टर का इंतजार करते रहे. वह यहां से पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल की अंत्येष्टि में शामिल होने सिहावल पहुंचे. वहां उन्हें बताया गया कि ईंधन खत्म हो रहा है. लिहाजा, कोतमा नहीं पहुंच सकते. इसके चलते सिंधिया को एक घंटे से ज्यादा वक्त सिहावल में ईंधन के इंतजाम के चलते इंतजार करना पड़ा.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 : ज्योतिरादित्य सिंधिया को है किसकी 'नजर' का डर!

सूत्रों का कहना है कि सिंधिया को सवा तीन बजे कोतमा पहुंचना था, मगर इससे ज्यादा समय सिहावल में ही हो गया. नतीजतन, वे कोतमा नहीं गए, सिहावल से सीधे मानपुर पहुंचे और अंधेरा होने की आशंका के चलते वे मानपुर विधानसभा से कोतमा नहीं जा सके और उमरिया लौट गए.

इस तरह कोतमा की सभा नहीं हो पाई. सभा में पहुंचे लोग निराश होकर लौटे. सिंधिया के न पहुंचने से कई कांग्रेस नेता नाराज हो गए. यह वह विधानसभा क्षेत्र है, जहां कांग्रेस ने विधायक का टिकट काटकर एक युवा व नए चेहरे को मैदान में उतारा है. जिसका टिकट कटा है, वह कांग्रेस के एक दिग्गज नेता का करीबी है. लिहाजा, कोतमा की सभा रद्द कराने में कांग्रेस के भीतर ही साजिश रचे जाने की बू आ रही है. 

सूत्रों की मानें तो हेलीकॉप्टर उमरिया में खड़ा करने के बाद पायलट रात को लापता हो गए. वे उमरिया से एक गुप्त स्थान पर रुकने चले गए, सिंधिया ने जब पायलट की खबर ली तो पता ही नहीं चला, देर रात को पता चला कि पायलट उमरिया से 40 किलोमीटर दूर बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के एक आलीशान होटल में ठहरे हैं. पायलट को बांधवगढ़ में कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता ने रुकवाया और सिंधिया इससे अनजान रहे. 

खत्म होगा MP में कांग्रेस का वनवास? ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कैसे 2013 से अलग है 2018 की राह

कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से एक बात लगातार कहते आ रहे हैं कि कांग्रेस की गुटबाजी को उन्होंने कम कर दिया है. यह सच भी हो सकता है, मगर चुनाव के समय पार्टी में जो कुछ चल रहा है, वह किसी भी सूरत में अच्छा तो नहीं माना जा सकता. 

सिंधिया की कोतमा सभा रद्द होने के संदर्भ में पार्टी की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है. जहां तक ईंधन की बात है तो कई दफा ऐसा होता है कि जिला प्रशासन हेलीकॉप्टर और जहाज को उतरने की अनुमति देने में बिलंब करता है, जिससे हेलीकॉप्टर और जहाज को अतिरिक्त समय तक उड़ते रहना होता है, जिससे ईंधन कम हो जाता है.

VIDEO: 'मेरा मोह किसी पद के साथ नहीं'
कांग्रेस के भीतर अब भी गुटबाजी और एक-दूसरे का रास्ता रोकने की मुहिम बदस्तूर जारी है. यह बात दीगर है कि कोई नेता खुलकर नहीं बोल रहा है. मगर सिंधिया को प्रदेश इकाई से वैसा सहयोग नहीं मिल रहा है, जैसा मिलना चाहिए. यह मामला अब पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंच गया है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com