दिल्ली में आयोजित राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट में पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए 4 लाख करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की गई है. इस मुद्दे पर एनडीटीवी ने केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की. सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि भारत के विकास की कहानी में पूर्वोत्तर राज्य न सिर्फ महत्वपूर्ण योगदान देंगे बल्कि वो नेतृत्व करेंगे. प्रधानमंत्री जी के संकल्प के आधार पर पिछले 10 साल से काम हुई है. पूर्वोत्तर के सभी राज्य 12 प्रतिशत की गति से विकास कर रहे हैं. जो कि दुनिया के विकास दर से लगभग 5 गुणा अधिक हैं. हर क्षेत्र में पूर्वोत्तर के राज्य तेजी से विकास कर रहे हैं.
सिंधिया ने कहा कि आज़ादी के छह दशकों के बाद भी, लगातार सरकारें यहां की अपार संभावनाओं को पहचानने में विफल रहीं. एक ऐसी भूमि जिसने कभी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 20% का योगदान दिया था. वे पिछड़ता चला गया लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल इस क्षमता को समझा, बल्कि इसे अपनाया.
पूर्वोत्तर राज्यों में विकास की आपार संभावना: सिंधिया
उत्तर पूर्व के राज्यों के विकास की बात करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इन राज्यों में काफी अधिक संभावना है. उदाहरण के लिए इन राज्यों में हाइड्रो पावर की क्षमता 60 हजार मेगावाट से लेकर 1 लाख मेगावाट तक है लेकिन अभी उत्पादन हो रहा है मात्र 2500 मेगावाट. हम जो निवेश करने जा रहे हैं उसमें हाइड्रोपावर का भी बहुत बड़ा योगदान है.
'एक्ट ईस्ट, एक्ट फर्स्ट एंड एक्ट फास्ट पीएम मोदी का संकल्प है
नॉर्थ ईस्ट को लेकर हम कह सकते हैं कि यह भारत का खजाना है. बस उस खजाने के लाभ क्षेत्र की जनता और भारत की जनता को मिले. अगरतल्ला और गुवाहाटी से एक इंटरनेशनल गेटवे हम बनाने की कोशिश कर रहे हैं. सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच काफी व्यापक है उत्तर पूर्व को लेकर. पीएम मोदी की नीति है कि 'एक्ट ईस्ट, एक्ट फर्स्ट एन्ड एक्ट फास्ट'.
- पीएम मोदी का संकल्प है पूर्वोत्तर राज्य भारत के विकास में नेतृत्व करेंगे.
- पिछले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों की विकास दर 12%, वैश्विक दर से 5 गुना अधिक है.
- आजादी के बाद सरकारें पूर्वोत्तर की 20% GDP योगदान वाली क्षमता को पहचानने में विफल रहीं.
- हाइड्रोपावर क्षमता 60,000-1,00,000 मेगावाट, वर्तमान उत्पादन केवल 2,500 मेगावाट.
- अगरतला और गुवाहाटी को अंतरराष्ट्रीय गेटवे बनाने की योजना.
- पीएम की नीति है. 'एक्ट ईस्ट, एक्ट फर्स्ट, एक्ट फास्ट'.
नॉर्थ ईस्ट भारत का खजाना है: ज्योतिरादित्य सिंधिया
नॉर्थ ईस्ट को लेकर हम कह सकते हैं कि यह भारत का खजाना है. बस उस खजाने के लाभ क्षेत्र की जनता और भारत की जनता को मिले. अगरतल्ला और गुवाहाटी से एक इंटरनेशनल गेटवे हम बनाने की कोशिश कर रहे हैं. सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच काफी व्यापक है उत्तर पूर्व को लेकर. पीएम मोदी की नीति है कि 'एक्ट ईस्ट, एक्ट फर्स्ट एंड एक्ट फास्ट'.
रोजगार सृजन के मुद्दे पर चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि उत्तर पूर्व के राज्यों की पूरी आबादी 4 करोड़ है. सभी राज्यों का औसत साक्षरता 85 प्रतिशत है. कुछ राज्यों में 95 प्रतिशत साक्षरता दर है. 65 प्रतिशत जनता 30 साल की आयु से कम है. हमारे पास डेमोग्राफिक डिविडेंड हैं, युवाओं का बल है. 50 प्रतिशत तक भी अगर निवेश हो जाता है तो रोजगार के कितने अवसर खुलेंगे इसका अनुमान हम नहीं लगा सकते हैं.
सुरक्षा के मुद्दे पर सिंधिया ने क्या कहा?
सुरक्षा के मुद्दे पर सिंधिया ने कहा कि सुरक्षा, सुगमता, उर्जा, उत्सुकता जैसे शब्दों से ही आप इन राज्यों की चर्चा कर सकते हैं. अगर पृथ्वी पर कोई स्वर्ग है तो आज मेरा उत्तर पूर्व क्षेत्र है. इन राज्यों के युवाओं से बात करने के बाद लगता है कि भारत का भविष्य सुरक्षित है.
भारत के अन्य राज्यों के लोगों के साथ संपर्क को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सिंधिया ने कहा कि प्रधानमत्री की सोच सिर्फ निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर तक सीमित नहीं है. एक-एक राज्य को दूसरे राज्य के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ना भी उनकी सोच है. सभी राज्यों की हम बात कर रहे हैं. तमिलनाडु काशी संगम की विचारधारा आप देख ही सकते हैं.
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