वाराणसी:
वाराणसी में भाजपा के पक्ष में मतदाताओं को गोलबंद करने का प्रयास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोडशो किया, जिसमें लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा. प्रधानमंत्री ने प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर और काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना भी की और मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. मंदिर दर्शन की उनकी ये यात्रा बनारस शहर के कैंट और दक्षिणी विधानसभा से होकर गुजरी जो रोड शो में तब्दील हो गई. ये वो दोनों सीटें हैं, जहां बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष था.
प्रधानमंत्री मोदी जब विश्वनाथ मंदिर पहुंचे तो वहां की भीड़ में उनकी नज़र श्यामदेव राय चौधरी पर पड़ी. चौधरी शहर दक्षिणी से बीजेपी के विधायक थे, लेकिन इस बार बीजेपी ने ज़्यादा उम्र के आधार पर उनका टिकट काट दिया. इसके बाद से ही श्यामदेव राय चौधरी और उनके समर्थक नाराज़ चल रहे थे. पार्टी की ओर से उनको मनाने की कोशिश भी चल रही थीं. काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के लिए जाते वक्त सबकी निगाहें तो प्रधानमंत्री मोदी पर थीं, लेकिन खुद पीएम मोदी की नजरें कहीं और थीं. इसका पता तब चला जब वो मंदिर के पास गाड़ी से उतरे और भीड़ में से श्यामदेव राय चौधरी का हाथ खींचकर अपने साथ लेकर चल दिए.
बाद में श्यामदेव राय चौधरी ने बताया, मैं किनारे भीड़ में खड़ा था. लगता है मोदी जी ने मुझे अपनी गाड़ी पर से ही देख लिया था और जब वो हमारे बगल से गुजरे तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर खींच लिया और कहा कि आइए दादा दर्शन करके आते हैं. अंदर गए दर्शन किया, कोई खास बात नहीं हुई.
श्यामदेव राय चौधरी इसी इलाके से सात बार बीजेपी के विधायक रहे हैं, लेकिन इस बार टिकट कटने से नाराज़ हो गए. जब नाराजगी की वजह से सीट बीजेपी के हाथ से जाने जैसी हालत हो गई तब उन्हें मनाने की कोशिश हुई. आज के इस वाकये के बाद दादा का दिल भी पसीजा सा लगता है. वो कहते हैं, अब पीएम ने जो सहृदयता दिखाई है, वो तो बड़ी बात है. प्रत्याशी का चेहरा भले ही न पहचानते हों, लेकिन पीएम हैं, कमल है और पार्टी है, तो प्रचार जरूर करेंगे. जाहिर है पीएम ने रूठे 'श्याम' को मनाने की बेहद साधी चाल चली, जो निशाने पर भी लगती दिख रही है.
वाराणसी में प्रधानमंत्री का रोडशो उस दिन हुआ जिस दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में छठे चरण के लिए 49 सीटों पर वोटिंग हो रही थी. भाजपा का मानना है कि एक घंटे तक चले इस रोडशो से उसे 8 मार्च को होने वाले अंतिम चरण के चुनाव में 40 सीटों पर काफी फायदा होगा. रोडशो के दौरान प्रधानमंत्री की झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम बनारस की सड़कों पर उमड़ पड़ा. लोग 'सुबह बनारस, शाम बनारस : मोदी तेरे नाम बनारस', 'मोदी, मोदी' जैसे नारे लगा रहे थे. प्रधानमंत्री हाथ उठाकर और हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन कर रहे थे.
पीएम मोदी ने वाराणसी के टाउनहॉल मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कि गंगा मां की तरह ये काशी बहती रहे, कभी स्थिर न हो, यही मेरी दिली इच्छा है. प्रधानमंत्री ने कहा, आपका प्यार और आशीर्वाद मुझे यहां बार-बार खींचकर ले आता है. काशी अपने आप में मानव जाति के लिए एक संदेश है. मानवता का प्रतीक है. यहां से अनेक महापुरुषों के नाम जुड़े हैं, अनेक गाथाएं जुड़ी हैं, हमें इसका कायाकल्प करना है.
उन्होंने कहा, हमने एलईडी बल्ब के दाम कम किए तो इससे लोगों का पैसा बच रहा है. गंगा घाट पर एलईडी लाइट लगने से वहां की चमक बढ़ गई है. साथ ही हम बनारस में सब स्टेशन बनाने का काम कर रहे हैं, ताकि बिजली की कोई दिक्कत नहीं हो. (कुछ अंश एजेंसियों से)
प्रधानमंत्री मोदी जब विश्वनाथ मंदिर पहुंचे तो वहां की भीड़ में उनकी नज़र श्यामदेव राय चौधरी पर पड़ी. चौधरी शहर दक्षिणी से बीजेपी के विधायक थे, लेकिन इस बार बीजेपी ने ज़्यादा उम्र के आधार पर उनका टिकट काट दिया. इसके बाद से ही श्यामदेव राय चौधरी और उनके समर्थक नाराज़ चल रहे थे. पार्टी की ओर से उनको मनाने की कोशिश भी चल रही थीं. काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के लिए जाते वक्त सबकी निगाहें तो प्रधानमंत्री मोदी पर थीं, लेकिन खुद पीएम मोदी की नजरें कहीं और थीं. इसका पता तब चला जब वो मंदिर के पास गाड़ी से उतरे और भीड़ में से श्यामदेव राय चौधरी का हाथ खींचकर अपने साथ लेकर चल दिए.
बाद में श्यामदेव राय चौधरी ने बताया, मैं किनारे भीड़ में खड़ा था. लगता है मोदी जी ने मुझे अपनी गाड़ी पर से ही देख लिया था और जब वो हमारे बगल से गुजरे तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर खींच लिया और कहा कि आइए दादा दर्शन करके आते हैं. अंदर गए दर्शन किया, कोई खास बात नहीं हुई.
श्यामदेव राय चौधरी इसी इलाके से सात बार बीजेपी के विधायक रहे हैं, लेकिन इस बार टिकट कटने से नाराज़ हो गए. जब नाराजगी की वजह से सीट बीजेपी के हाथ से जाने जैसी हालत हो गई तब उन्हें मनाने की कोशिश हुई. आज के इस वाकये के बाद दादा का दिल भी पसीजा सा लगता है. वो कहते हैं, अब पीएम ने जो सहृदयता दिखाई है, वो तो बड़ी बात है. प्रत्याशी का चेहरा भले ही न पहचानते हों, लेकिन पीएम हैं, कमल है और पार्टी है, तो प्रचार जरूर करेंगे. जाहिर है पीएम ने रूठे 'श्याम' को मनाने की बेहद साधी चाल चली, जो निशाने पर भी लगती दिख रही है.
वाराणसी में प्रधानमंत्री का रोडशो उस दिन हुआ जिस दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में छठे चरण के लिए 49 सीटों पर वोटिंग हो रही थी. भाजपा का मानना है कि एक घंटे तक चले इस रोडशो से उसे 8 मार्च को होने वाले अंतिम चरण के चुनाव में 40 सीटों पर काफी फायदा होगा. रोडशो के दौरान प्रधानमंत्री की झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम बनारस की सड़कों पर उमड़ पड़ा. लोग 'सुबह बनारस, शाम बनारस : मोदी तेरे नाम बनारस', 'मोदी, मोदी' जैसे नारे लगा रहे थे. प्रधानमंत्री हाथ उठाकर और हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन कर रहे थे.
पीएम मोदी ने वाराणसी के टाउनहॉल मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कि गंगा मां की तरह ये काशी बहती रहे, कभी स्थिर न हो, यही मेरी दिली इच्छा है. प्रधानमंत्री ने कहा, आपका प्यार और आशीर्वाद मुझे यहां बार-बार खींचकर ले आता है. काशी अपने आप में मानव जाति के लिए एक संदेश है. मानवता का प्रतीक है. यहां से अनेक महापुरुषों के नाम जुड़े हैं, अनेक गाथाएं जुड़ी हैं, हमें इसका कायाकल्प करना है.
उन्होंने कहा, हमने एलईडी बल्ब के दाम कम किए तो इससे लोगों का पैसा बच रहा है. गंगा घाट पर एलईडी लाइट लगने से वहां की चमक बढ़ गई है. साथ ही हम बनारस में सब स्टेशन बनाने का काम कर रहे हैं, ताकि बिजली की कोई दिक्कत नहीं हो. (कुछ अंश एजेंसियों से)
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