
पूर्व सपा नेता अमर सिंह
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश का चुनाव अब अंतिम दौर में पहुंच रहा है. लिहाजा घमासान करने के लिये पार्टियों से इतर योद्धा भी चुनावी महासमर में कूद पड़े हैं. ऐसे ही एक योद्धा अमर सिंह हैं जो समाजवादी पार्टी की बेरुखी से बेहद आहात हैं, लिहाजा अब उनसे बदला लेने के लिए पीएम मोदी की तरफ आसरा लगाए बैठे हैं. साथ ही समाजवादी पार्टी पर हमला करने के लिए जहां भी मौक़ा मिलता है वहां वह शुरू हो जाते हैं.
इस चुनाव में अमर सिंह किसी पार्टी का प्रचार तो नहीं कर रहे हैं लेकिन जब बनारस में मीडिया ने उनसे पूछा कि चुनाव बाद होली किस पार्टी की मनेगी तो अमर सिंह की वाणी से बोल फूटने लगे, "जो देश से प्यार करे राष्ट्र से प्यार करे जो राजनीति को अपनी रोजी रोटी का धंधा न बनाये जो अकूत काले धन का संग्रह न करे जो स्वच्छता और सुचिता की बात करे जो भारत माता को डाइन न कहे जो कश्मीर को जहां रोज हमारे जवानों की शहादत हो रही है जो कश्मीर को पकिस्तान का अंग न कहे ऐसा डाल चिह्नित करिये और उसे जनसमर्थन दीजिये.
मीडिया से रूबरू होने के बाद अमर सिंह मंदिर दर्शन करने गए. हर जगह लोग उनको घेर रहे थे. वो भले ही इस चुनाव में कोई भागीदारी नहीं कर रहे हों और वो बीजेपी के प्रवक्ता भी न हों बावजूद इसके उनके बोल भाजपा के पक्ष में ही नजर आ रहे थे. चुनाव में अमर सिंह सुर्खियां न बनें ऐसा हो नहीं सकता, लिहाजा जब बनारस में एक बार फिर उन्हें मीडिया ने घेरा तो उन्हें बाहरी कहकर समाजवादी पार्टी से निकाले जाने का दंश साफ़ नजर आया और उन्हें मोदी में कृष्ण नजर आ गये."
उन्होंने कहा, जो कारनामे करते हैं जो बाहरी कहते हैं मैं भाजपा का कोई प्रवक्ता नहीं लेकिन कृष्ण तो यूपी में पैदा हुए मथुरा वृन्दाबन में और बस गए गुजरात में तो उन्हें गुजरात ने तो बाहरी नहीं कहा. मोदी जी गुजरात से आकर बनारस में चुनाव लड़े तो एक गौरव दिया. कश्मीर से कन्याकुमारी तक सब एक हैं कोई कहीं से चुनाव लड़ सकता है तो बाहरी कहने वालों को जवाब मिलना चाहिए. उत्तर प्रदेश के चुनाव में अमर सिंह भले ही सक्रीय रूप से शिरकत न कर रहे हों पर अमर सिंह की अमर वाणी से साफ़ है कि वो क्या चाहते हैं.
इस चुनाव में अमर सिंह किसी पार्टी का प्रचार तो नहीं कर रहे हैं लेकिन जब बनारस में मीडिया ने उनसे पूछा कि चुनाव बाद होली किस पार्टी की मनेगी तो अमर सिंह की वाणी से बोल फूटने लगे, "जो देश से प्यार करे राष्ट्र से प्यार करे जो राजनीति को अपनी रोजी रोटी का धंधा न बनाये जो अकूत काले धन का संग्रह न करे जो स्वच्छता और सुचिता की बात करे जो भारत माता को डाइन न कहे जो कश्मीर को जहां रोज हमारे जवानों की शहादत हो रही है जो कश्मीर को पकिस्तान का अंग न कहे ऐसा डाल चिह्नित करिये और उसे जनसमर्थन दीजिये.
मीडिया से रूबरू होने के बाद अमर सिंह मंदिर दर्शन करने गए. हर जगह लोग उनको घेर रहे थे. वो भले ही इस चुनाव में कोई भागीदारी नहीं कर रहे हों और वो बीजेपी के प्रवक्ता भी न हों बावजूद इसके उनके बोल भाजपा के पक्ष में ही नजर आ रहे थे. चुनाव में अमर सिंह सुर्खियां न बनें ऐसा हो नहीं सकता, लिहाजा जब बनारस में एक बार फिर उन्हें मीडिया ने घेरा तो उन्हें बाहरी कहकर समाजवादी पार्टी से निकाले जाने का दंश साफ़ नजर आया और उन्हें मोदी में कृष्ण नजर आ गये."
उन्होंने कहा, जो कारनामे करते हैं जो बाहरी कहते हैं मैं भाजपा का कोई प्रवक्ता नहीं लेकिन कृष्ण तो यूपी में पैदा हुए मथुरा वृन्दाबन में और बस गए गुजरात में तो उन्हें गुजरात ने तो बाहरी नहीं कहा. मोदी जी गुजरात से आकर बनारस में चुनाव लड़े तो एक गौरव दिया. कश्मीर से कन्याकुमारी तक सब एक हैं कोई कहीं से चुनाव लड़ सकता है तो बाहरी कहने वालों को जवाब मिलना चाहिए. उत्तर प्रदेश के चुनाव में अमर सिंह भले ही सक्रीय रूप से शिरकत न कर रहे हों पर अमर सिंह की अमर वाणी से साफ़ है कि वो क्या चाहते हैं.
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अमरिंद्र सिंह, वाराणसी, उत्तर प्रदेश चुनाव 2017, Khabar Assembly Polls 2017, UP Assembly Poll 2017, Amar Singh, Varanasi