फाइल फोटो
लखनऊ:
यूपी में पांचवें चरण के मतदान में दो सीटें ऐसी भी हैं जिन पर प्रतीकात्मक महत्व और प्रतिष्ठा के लिहाज से सबकी निगाहें हैं. उसकी बड़ी वजह भी है. दरअसल इस बार अयोध्या सीट कुछ अन्य कारणों से चर्चित है. दरअसल 1980 के दशक के बाद से पहली बार यहां पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने एक मुस्लिम प्रत्याशी बज्मी सिद्दीकी को चुनावी मैदान में उतारा है. यह इसलिए अहम है क्योंकि कम से कम पिछले तीन दशकों में पहली बार मुख्य धारा के दल ने किसी मुस्लिम प्रत्याशी को यहां से टिकट दिया है. यानी बसपा ने परंपरा को तोड़ते हुए यहां से मुस्लिम प्रत्याशी उतारा है. उल्लेखनीय है कि अयोध्या सीट इसलिए खासी चर्चित मानी जाती है क्योंकि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद यहीं से शुरू हुआ और इसने भारतीय राजनीति पर खासा असर डाला.
दो रानियों और एक वजीर की लड़ाई
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी की सीट पर इस बार मामला बेहद रोचक है. इस सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस नेता संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह को टिकट दिया है. कांग्रेस की तरफ से संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह मैदान में हैं. हालांकि सपा-कांग्रेस गठबंधन के तहत सपा ने यहां से विवादित नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति को चुनावी मैदान में उतारा हैं. हालांकि गठबंधन के तहत अमिता सिंह को पीछे हटना था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. इन सबके चलते इस सीट पर मुकाबला बहुकोणीय हो गया है.
पिछली बार यहां से सपा नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति जीते थे. अबकी चुनावों में विवादों के चलते प्रजापति सबसे चर्चित हस्तियों में शुमार रहे हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपा के इस नेता के माध्यम से राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है. पिछले दिनों गैंगरेप और धमकी देने के मामले में उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए भी कहा है. फिलहाल गिरफ्तारी से बचे प्रजापति को पीएम नरेंद्र मोदी राज्य की लचर कानून व्यवस्था का जीता-जागता नमूना करार देते हैं. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रजापति के साथ चुनावी मंच साझा करने से इनकार कर दिया. वैसे भी ये जगजाहिर है कि अखिलेश उनको पसंद नहीं करते. इन सब वजहों से यह सीट सभी दलों के लिए अहम हो गई है.
दो रानियों और एक वजीर की लड़ाई
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी की सीट पर इस बार मामला बेहद रोचक है. इस सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस नेता संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह को टिकट दिया है. कांग्रेस की तरफ से संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह मैदान में हैं. हालांकि सपा-कांग्रेस गठबंधन के तहत सपा ने यहां से विवादित नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति को चुनावी मैदान में उतारा हैं. हालांकि गठबंधन के तहत अमिता सिंह को पीछे हटना था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. इन सबके चलते इस सीट पर मुकाबला बहुकोणीय हो गया है.
पिछली बार यहां से सपा नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति जीते थे. अबकी चुनावों में विवादों के चलते प्रजापति सबसे चर्चित हस्तियों में शुमार रहे हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपा के इस नेता के माध्यम से राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है. पिछले दिनों गैंगरेप और धमकी देने के मामले में उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए भी कहा है. फिलहाल गिरफ्तारी से बचे प्रजापति को पीएम नरेंद्र मोदी राज्य की लचर कानून व्यवस्था का जीता-जागता नमूना करार देते हैं. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रजापति के साथ चुनावी मंच साझा करने से इनकार कर दिया. वैसे भी ये जगजाहिर है कि अखिलेश उनको पसंद नहीं करते. इन सब वजहों से यह सीट सभी दलों के लिए अहम हो गई है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
अमेठी, अयोध्या, यूपी विधानसभा चुनाव 2017, गायत्री प्रसाद प्रजापति, Khabar Assembly Polls 2017, UP Poll 2017, UP Assembly Election 2017, Amethi, Ayodhya, UP Assembly Poll 2017, Gayatri Prasad Prajapati, BSP, बीएसपी, UP Fifth Phase Voting