मायावती बोलीं- मोदी के रोडशो में दूसरे राज्यों से 'तमाशबीनों' को लाया गया, असली भीड़ हमारी रैली में

खास बातें

  • 'भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन के बीच दूसरे, तीसरे स्थान के लिए लड़ाई'
  • 'पीएम के रोडशो में मौजूद लोग बीजेपी के लिए वोट नहीं करेंगे'
  • 'यूपी में अगली सरकार बसपा की ही बनने जा रही है'
वाराणसी:

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी रोड शो में दिखाई पड़ने वाले लोग सिर्फ दर्शक भर थे. उन्होंने कहा, भाजपा की टोपी पहनकर और भाजपा का झंडा लेकर सड़क के किनारे खड़े होकर प्रधानमंत्री के काफिले पर फूल बरसाने के लिए जिन लोगों को रखा गया है, वे चुनाव में पार्टी के लिए मतदान नहीं करेंगे. बसपा प्रमुख ने रोहनिया में एक चुनावी रैली में कहा कि भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन उत्तर प्रदेश चुनाव में दूसरे और तीसरे स्थान के लिए लड़ रहे हैं.

मायावती ने कहा, भाजपा यहां मोदी के रोड शो में जुटी भारी भीड़ की ओर टकटकी बांधकर देख रही है. हालांकि, जो लोग प्रधानमंत्री की जय-जयकार कर रहे थे, मुझे पता चला है कि वो सिर्फ तमाशबीन थे, जिन्हें अन्य जिलों से लाया गया था, जहां पहले ही मतदान हो चुका है. साथ ही बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी लोगों को लाया गया था.

उन्होंने कहा कि भाजपा ने समूचे केंद्रीय मंत्रिमंडल को लगा दिया है और पार्टी के आला अधिकारी प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में हैं. मायावती ने कहा, हमारी विशाल रैली में यहां स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया, जो साबित करता है कि यह बसपा है, जिसे वास्तव में जनता का समर्थन हासिल है और राज्य में अगली सरकार बनाने को तैयार है.

मायावती ने कहा, भाजपा अगर दुर्घटनावश उत्तर प्रदेश में सत्ता में आती है तो केंद्र सरकार के समर्थन से पार्टी आरक्षण को समाप्त करने के आरएसएस के एजेंडा को पूरा करने की दिशा में काम करेगी. उन्होंने कहा, दलितों के लिए आरक्षण बाबा साहब अंबेडकर के प्रयासों का सीधा नतीजा था. जब वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने मरणोपरांत अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया और मंडल आयोग को लागू किया, जिसके जरिए पिछड़ा वर्ग को आरक्षण की सुविधा प्रदान की गई.

बसपा सुप्रीमो ने कहा, हमारे दलित और ओबीसी मित्रों को इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि भाजपा ने ही वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस लिया था और भाजपा समर्थकों ने मंडल आयोग की सिफारिशों को वापस लेने के लिए हिंसक आंदोलन किया था

मायावती ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव का रोडशो करना इस बात को दर्शाता है कि भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन ने हार मान ली है और अब वे दूसरे स्थाने के लिए एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रही हैं. मायावती ने मौजूदा चुनाव में तकरीबन 100 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं. उन्होंने मुस्लिम समुदाय को सपा-कांग्रेस गठबंधन का समर्थन करके अपने वोट को बर्बाद नहीं करने के लिए आगाह किया.
(इनपुट एजेंसियों से)


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