सोनिया गांधी की फाइल तस्वीर
तिरुवनंतपुरम:
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा, इटली में मेरा परिवार है। मेरी 93 साल की बूढ़ी मां है, मैं इससे शर्मिंदा नहीं हूं। केरल में एक चुनावी रैली में सोनिया गांधी ने यह टिप्पणी की।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'हां, मैं इटली में पैदा हुई थी। मैं 1968 में इंदिरा गांधी की बहू के तौर पर भारत आई थी। मैंने भारत में अपनी जिंदगी के 48 साल बिताए हैं। यही मेरा घर है। यही मेरा देश है।' सोनिया ने कहा कि भारत में बिताए गए इन 48 सालों में आरएसएस, भाजपा और कुछ अन्य पार्टियों ने हमेशा मेरी पैदाइश पर मुझे शर्मिंदा करने की नीयत से मुझे ताने मारे।
भारत में मेरे प्रियजनों का खून समाया हुआ है
उन्होंने कहा, मैं ईमानदार माता-पिता की संतान हूं। मैं उन पर कभी शर्मिंदा नहीं होने वाली। हां, मेरे रिश्तेदार इटली में रहते हैं। मेरी मां 93 साल की हैं और मेरी दो बहनें हैं। लेकिन यहां, मेरे देश भारत में, इस हिस्से में मेरे प्रियजनों का खून समाया हुआ है। मैं यहीं अपनी आखिरी सांसें लूंगी। यहीं आपके और मेरे प्रियजनों के साथ मेरी अस्थियां घुलमिल जाएंगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सोनिया के इटली मूल के होने और अगस्तावेस्टलैंड मामले में मिलान कोर्ट के फैसले के बारे में तंज कसते हुए कहा था, 'इटली में मेरा कोई परिवार नहीं है। मैं वहां कभी नहीं गया।" पीएम इस बात पर जोर दे रहे थे कि इटली की अदालत के फैसले को उनकी सरकार प्रभावित नहीं कर सकती।
'लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों को गिरा रहा है केंद्र'
सोनिया गांधी ने केरल में अपने चुनाव प्रचार अभियान का आगाज करते हुए मोदी सरकार पर जमकर प्रहार किया और कहा कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारें 'असंवैधानिक और अंदरखाते की चालों' से गिराई जा रही हैं। तेकीनकाडु मैदान में एक चुनाव सभा को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में हमारी लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारें असंवैधानिक और अंदरखाते की सौदेबाजी से गिराई जा रही हैं।
'सरकार का विरोध करने वाले देशद्रोही करार दिए जा रहे'
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार विश्वविद्यालयों, न्यायपालिका, एनजीओ और सिविल सोसाइटी के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, 'विश्वविद्यालयों को नोटिस पर रखा गया है, न्यायपालिका को धमकी दी जा रही है, एनजीओ और सिविल सोसाइटी खामोश किए जा रहे हैं।' सोनिया ने कहा कि अल्पसंख्यक, दलित, महिलाएं और आदिवासी भी संकट में हैं तथा राजनीतिक पार्टियां एवं अन्य तबके, जो सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं, उनके साथ देशद्रोही जैसा बर्ताव किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के पास अपने भव्य कार्यक्रमों के लिए काफी वक्त है, लेकिन जब किसानों की दशा की बात आती है, तो वह मुंह फेर लेते हैं।' (इनपुट एजेंसियों से)
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'हां, मैं इटली में पैदा हुई थी। मैं 1968 में इंदिरा गांधी की बहू के तौर पर भारत आई थी। मैंने भारत में अपनी जिंदगी के 48 साल बिताए हैं। यही मेरा घर है। यही मेरा देश है।' सोनिया ने कहा कि भारत में बिताए गए इन 48 सालों में आरएसएस, भाजपा और कुछ अन्य पार्टियों ने हमेशा मेरी पैदाइश पर मुझे शर्मिंदा करने की नीयत से मुझे ताने मारे।
भारत में मेरे प्रियजनों का खून समाया हुआ है
उन्होंने कहा, मैं ईमानदार माता-पिता की संतान हूं। मैं उन पर कभी शर्मिंदा नहीं होने वाली। हां, मेरे रिश्तेदार इटली में रहते हैं। मेरी मां 93 साल की हैं और मेरी दो बहनें हैं। लेकिन यहां, मेरे देश भारत में, इस हिस्से में मेरे प्रियजनों का खून समाया हुआ है। मैं यहीं अपनी आखिरी सांसें लूंगी। यहीं आपके और मेरे प्रियजनों के साथ मेरी अस्थियां घुलमिल जाएंगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सोनिया के इटली मूल के होने और अगस्तावेस्टलैंड मामले में मिलान कोर्ट के फैसले के बारे में तंज कसते हुए कहा था, 'इटली में मेरा कोई परिवार नहीं है। मैं वहां कभी नहीं गया।" पीएम इस बात पर जोर दे रहे थे कि इटली की अदालत के फैसले को उनकी सरकार प्रभावित नहीं कर सकती।
'लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों को गिरा रहा है केंद्र'
सोनिया गांधी ने केरल में अपने चुनाव प्रचार अभियान का आगाज करते हुए मोदी सरकार पर जमकर प्रहार किया और कहा कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारें 'असंवैधानिक और अंदरखाते की चालों' से गिराई जा रही हैं। तेकीनकाडु मैदान में एक चुनाव सभा को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में हमारी लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारें असंवैधानिक और अंदरखाते की सौदेबाजी से गिराई जा रही हैं।
'सरकार का विरोध करने वाले देशद्रोही करार दिए जा रहे'
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार विश्वविद्यालयों, न्यायपालिका, एनजीओ और सिविल सोसाइटी के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, 'विश्वविद्यालयों को नोटिस पर रखा गया है, न्यायपालिका को धमकी दी जा रही है, एनजीओ और सिविल सोसाइटी खामोश किए जा रहे हैं।' सोनिया ने कहा कि अल्पसंख्यक, दलित, महिलाएं और आदिवासी भी संकट में हैं तथा राजनीतिक पार्टियां एवं अन्य तबके, जो सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं, उनके साथ देशद्रोही जैसा बर्ताव किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के पास अपने भव्य कार्यक्रमों के लिए काफी वक्त है, लेकिन जब किसानों की दशा की बात आती है, तो वह मुंह फेर लेते हैं।' (इनपुट एजेंसियों से)
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