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400 साल पहले अपनाया इस्लाम, लेकिन अपनी जड़ें नहीं भूला मुस्लिम ब्राह्मण, शादी का कार्ड हुआ वायरल

सोचिए, एक शादी का कार्ड जिसमें 1669 ईस्वी के जमींदार का जिक्र हो, बहूभोज और दावत-ए-वलीमा एक साथ लिखी हो और नाम हों...खालिद दूबे और नौशाद अहमद दूबे. इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहा यही कार्ड लोगों को हंसा भी रहा है और सोचने पर भी मजबूर कर रहा है.

400 साल पहले अपनाया इस्लाम, लेकिन अपनी जड़ें नहीं भूला मुस्लिम ब्राह्मण, शादी का कार्ड हुआ वायरल
1669 के जमींदार का 'दावत-ए-वलीमा' आखिर क्यों हो रहा है Viral, सोशल मीडिया पर छाया कार्ड

Dawat-e-Walima wedding card: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर इन दिनों एक शादी का कार्ड जमकर वायरल हो रहा है. इस कार्ड को snuffposting नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. कार्ड की खासियत सिर्फ शादी का न्योता नहीं, बल्कि उसमें लिखी गई जानकारी है, जिसने लोगों का ध्यान खींच लिया है. कार्ड में लिखा है कि यह समारोह 14 दिसंबर को आयोजित किया गया है, लेकिन सबसे दिलचस्प बात नीचे लिखी लाइन है 'श्री लाल बहादुर दूबे, 1669 ई. के जमींदार की 8वीं पीढ़ी के वंशज.' इसके बाद जिन नामों का जिक्र है, वो सोशल मीडिया पर चर्चा की सबसे बड़ी वजह बन गए हैं.

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क्या लिखा है इस वायरल वेडिंग कार्ड में? (Viral Wedding Card?)

कार्ड के मुताबिक, खालिद दूबे की शादी और बहूभोज (दावत-ए-वलीमा) के शुभ अवसर पर लोगों को आमंत्रित किया गया है. कार्ड में जिन नामों का उल्लेख है, उनमें खालिद दूबे के साथ-साथ नौशाद अहमद दूबे का नाम भी सामने आता है. हिंदू सरनेम 'दूबे' और मुस्लिम नाम 'खालिद' व नौशाद अहमद' का यह अनोखा कॉम्बिनेशन लोगों को हैरान भी कर रहा है और मुस्कुराने पर भी मजबूर कर रहा है. यही वजह है कि लोग इस कार्ड को बार-बार पढ़ रहे हैं और शेयर कर रहे हैं.

लोग क्यों ले रहे हैं इसे मजाक और मैसेज दोनों की तरह? (Instagram viral wedding card)

सोशल मीडिया यूजर्स इस कार्ड को सिर्फ एक शादी का न्योता नहीं, बल्कि एक सोशल मैसेज की तरह देख रहे हैं. कुछ लोग इसे भारत की गंगा-जमुनी तहजीब का उदाहरण बता रहे हैं, तो कुछ इसे मजाकिया अंदाज में 'ऑल-इन-वन' वेडिंग कार्ड कह रहे हैं. कमेंट सेक्शन में कोई लिख रहा है, 'इतिहास, भाईचारा और शादी...सब एक ही कार्ड में,' तो कोई कह रहा है, 'ऐसा कार्ड तो फ्रेम करवाने लायक है.' यही हल्का-फुल्का मजाक और पॉजिटिव रिएक्शन इसे और वायरल बना रहा है.

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क्या है इसके पीछे की वजह (Hindu Muslim wedding card viral)

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले का एक छोटा सा गांव डेहरी इन दिनों इतिहास, पहचान और विरासत को लेकर चर्चा में है. यहां कुछ मुस्लिम परिवार अपने नामों के साथ दुबे, तिवारी और ठाकुर जैसे हिंदू टाइटल जोड़कर अपनी जड़ों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं. यह पहल न सिर्फ एक शादी के कार्ड से सामने आई, बल्कि इसने धर्म, वंश और सामाजिक इतिहास को लेकर नई बहस भी छेड़ दी है. केराकत तहसील का डेहरी गांव इन दिनों सोशल मीडिया पर अचानक इसी वजह से सुर्खियों में आ गया है. नौशाद अहमद की मानें तो उनके पूर्वज पूर्व में हिंदू थे, यही वजह है कि अब वह अपने नाम के साथ अपने गोत्र का नाम भी लिख रहे हैं.

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