
कार्नेलिया सोराबजी को गूगल ने इस अंदाज में किया याद
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कार्नेलिया सोराबजी को गूगल ने डूडल बनाकर किया याद
सोराबजी को भारत की पहली महिला बैरिस्टर होने का प्राप्त है गौरव
सोराबजी का आज 151वां जन्मदिवस है
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अंतत: 1907 के बाद कार्नेलिया को बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम की अदालतों में सहायक महिला वकील का पद दिया गया. एक लम्बी जद्दोजहद के बाद 1924 में महिलाओं को वकालत से रोकने वाले कानून को शिथिल कर उनके लिए भी यह पेशा खोल दिया गया. 1929 में कार्नेलिया हाईकोर्ट की वरिष्ठ वकील के तौर पर सेवानिवृत्त हुयीं पर उसके बाद महिलाओं में इतनी जागृति आ चुकी थी कि वे वकालत को एक पेशे के तौर पर अपनाकर अपनी आवाज मुखर करने लगी थीं.
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वर्ष 1954 में कार्नेलिया की मृत्यु हो गई, लेकिन आज भी उनका नाम वकालत जैसे जटिल और प्रतिष्ठित पेशे में महिलाओं की बुनियाद है.
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