Tiger Attack Viral Video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो इन दिनों जमकर वायरल हुआ, जिसमें एक टाइगर अचानक जंगल से भागता हुआ आता है और गेस्ट हाउस के बाहर बैठे एक गार्ड पर हमला कर देता है. वीडियो को CCTV फुटेज बताया गया और देखने वालों के रोंगटे खड़े हो गए. लेकिन क्या ये वीडियो सच में असली था?
वायरल हुआ ‘ब्राह्मपुरी फॉरेस्ट गेस्ट हाउस' वीडियो
यह वीडियो एक्स पर @Himmu86407253 नाम के यूजर ने शेयर किया, जिसमें लिखा था- “ब्राह्मपुरी फॉरेस्ट गेस्ट हाउस की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग (चंद्रपुर डिस्ट्रिक्ट)”. कुछ ही घंटों में इस पोस्ट को 90 हजार से ज्यादा व्यूज़ और सैकड़ों लाइक्स मिल गए. लोगों ने इसे देखकर हैरानी जताई और डर भी.
देखें Video:
सीसीटीवी रिकॉर्डिंग at ब्राह्मपुरी फारेस्ट गेस्ट हाउस. (चंद्रपुर डिस्ट्रिक)👇👇👇 pic.twitter.com/d4SGS2Fu6N
— Himmu (@Himmu86407253) November 7, 2025
IFS सुशांता नंदा ने किया खुलासा
जब यह वीडियो वायरल हुआ तो पूर्व वन अधिकारी IFS सुशांता नंदा ने तुरंत इसका सच सामने लाया. उन्होंने अपने X अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा- “यह वीडियो AI जनरेटेड है. बाघ आदमखोर नहीं होते. वे इंसानों को इस तरह भोजन के लिए नहीं मारते. राजा का सम्मान करें और ऐसे फेक वीडियो पर भरोसा न करें.” उनकी इस टिप्पणी ने पूरे मामले की सच्चाई उजागर कर दी और लोगों को एहसास हुआ कि यह एक एडिटेड या AI से बना नकली वीडियो था.
This is AI generated. Tigers are not a man eater. It will never hunt humans like this for food. Respect the king.
— Susanta Nanda IFS (Retd) (@susantananda3) November 7, 2025
The reported human kill by Tigers are all circumstantial. Please don't fall prey to such videos. https://t.co/lXTvvY1u8G
यूजर्स ने भी पकड़ी फेक वीडियो की पोल
वीडियो को गौर से देखने पर यूजर्स ने उसमें कई खामियां ढूंढीं. एक यूजर ने लिखा- “60 किलो के इंसान को टाइगर घसीट रहा है, फिर भी एक पत्ता तक नहीं हिला.” दूसरे ने कहा- “AI की वजह से ऐसे फेक कंटेंट बनाना आसान हो गया है, लेकिन इससे वन्यजीवों की गलत छवि बनती है.” कई लोगों ने यह भी कहा कि ऐसे वीडियो न केवल अफवाह फैलाते हैं बल्कि लोगों में बाघों के प्रति डर और नफरत भी बढ़ाते हैं.
हर वायरल वीडियो पर यकीन नहीं
IFS अधिकारी और यूजर्स दोनों की बातों से यह साफ हो जाता है कि मॉर्डन टेक्नोलॉजी के युग में हर वीडियो पर यकीन करना सही नहीं है. AI और एडिटिंग टूल्स की मदद से ऐसे रियलिस्टिक वीडियो बनाए जा सकते हैं, जो पहली नजर में असली लगते हैं. इसलिए, किसी भी कंटेंट को शेयर करने से पहले उसका फैक्ट-चेक करना जरूरी है.
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