
रेलवे में गंदगी और दूषित भोजन को लेकर कई बार लोग सोशल मीडिया पर अपनी बात रखते दिखते हैं. लेकिन इस बार एक सोशल मीडिया यूजर ने ट्रेन में फैली अराजकता को लेकर पोस्ट किया है जो वायरल हो रहा है. एक Reddit यूजर ने अपने "सबसे बुरे यात्रा अनुभव" (Worst Travel Experience) को याद करते हुए बताया कि कैसे पातालकोट एक्सप्रेस (Patalkot Express) का एक AC कोच एक अस्थायी विवाह स्थल में बदल गया. पोस्ट के अनुसार, कथित तौर पर एक बड़े परिवार ने उस जगह पर कब्ज़ा कर लिया, और इसे मेहंदी, तंबोला, भजन और बड़े पैमाने पर भोजन के साथ एक शोरगुल भरे माहौल में बदल दिया. चलती ट्रेन में हुई पार्टी ने अन्य यात्रियों को हैरान और परेशान कर डाला.
रेडिट यूजर ने बताया कि उस परिवार में कम से कम 25-30 सदस्य थे, जिनमें 8-9 बच्चे शामिल थे, जो बहुत ही बढ़िया कपड़े पहने हुए थे और ऐसा व्यवहार कर रहे थे जैसे कि वे किसी शादी में जा रहे हों. वे तीन कूपों में भरे हुए थे. बीच में यूजर की सीटें थीं. वह शुरू में काफी व्यवस्थित लगे लेकिन जल्द ही अराजकता फैल गई. एक लड़की ने मेहंदी लगाना शुरू कर दिया, बच्चे चिल्लाते हुए गलियारे में इधर-उधर भागते रहे, और फिर दो विशाल कार्डबोर्ड बॉक्स से बहुत सारा भोजन निकला. परिवार ने कोल्ड ड्रिंक, ठंडाई, फल, ढोकला, केक, थेपला, चिप्स, सेव और आइसक्रीम सहित कई तरह के स्नैक्स और ड्रिंक्स का लुत्फ़ उठाया.
यूजर ने लिखा, "यह एक अमीर सिंधी परिवार था, न कि सिर्फ़ उच्च-मध्यम वर्ग का - वे वास्तव में संपन्न थे. एसी में यात्रा करते हुए, सोने की चेन चमकाते हुए, हर चीज़ ब्रांडेड. उनकी सीटें 3 बगल के कूपों में फैली हुई थीं - हमारी बीच में थी."
पोस्ट यहां देखें:
Earlier I used to defend Indians... but today I've lost all hope.
byu/godsfavourite17 inindianrailways
लंच के बाद स्थिति और बिगड़ गई, जब परिवार ने तंबोला बजाने के लिए स्पीकर निकाला, जिसमें एक कॉलर शादी की तरह नंबरों की घोषणा कर रहा था. यूजर ने रेल मदद से शिकायत की, और अधिकारियों ने एक स्टेशन पर हस्तक्षेप किया, समूह से शोर कम करने के लिए कहा. हालांकि, नियम मानने के बजाय, परिवार और भी अधिक शोर करने लगा, भजन गाने लगा, ताश खेलने लगा, और शिकायत करने के लिए शख्स को चिढ़ाते हुए कहने लगा, "और करो शिकायत!"
पोस्ट के आखिर में यूजर ने लिखा, "मैं कसम खाता हूं, यह मेरे जीवन का सबसे बुरा यात्रा अनुभव था. और मैंने कॉलेज के दिनों में स्लीपर में अनारक्षित यात्रा की है - वह एसी में इस बकवास से अधिक शांतिपूर्ण लगता था. शिक्षित, अच्छे कपड़े पहने, अमीर - लेकिन बिल्कुल जीरो क्लास या नागरिक भावना. सही मायने में पढ़े लिखे गंवार. मैं विदेश में भारतीय यात्रियों का बचाव करते हुए कहता था, "हम सभी ऐसे नहीं हैं."
सोशल मीडिया पर लोगों ने जतायी नाराजगी
सोशल मीडिया पर लोग शख्स के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए दिख रहे हैं और इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि लोग नागरिक भावना को भूलते जा रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, "ऐसा लगता है कि एक प्रवृत्ति है. जब संख्या (भीड़) की बात आती है, तो हम भारतीय (खासकर शिक्षित) सबसे बुरे होते हैं. इस पोस्ट से कुछ मिनट पहले ही यह देखा. सस्ती लोकप्रियता के लिए घृणित व्यवहार.
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