प्रतीकात्मक चित्र
इंदौर:
अगर सबकुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आंध्रप्रदेश के तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर समेत छह देवालयों के नाम डी-मैट खाते खोले जाएंगे। इन खातों के खुलने के बाद भक्त अपने ईष्ट को शेयर और प्रतिभूतियां भी दान कर सकेंगे जिससे मंदिरों की आय में इजाफा होगा।
धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग ने कलेक्टरों को लिखा पत्र
प्रदेश के धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के अपर सचिव राजेंद्र सिंह ने बताया, ‘हम उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर, खंडवा के ओंकारेश्वर मंदिर, सीहोर जिले के सलकनपुर स्थित बिजासन देवी मंदिर, सतना जिले के मैहर देवी मंदिर, इंदौर के खजराना गणेश मंदिर और टीकमगढ़ जिले के ओरछा स्थित रामराजा मंदिर के नाम डी-मैट अकाउंट खोलने की योजना पर विचार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग ने सभी छह जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि वे इस योजना का परीक्षण कर अपनी राय भेजें।
मंदिर की प्रशासक समिति तय करेगी कि दान में मिले शेयरों और प्रतिभूतियों को कब भुनाया जाए
सिंह ने कहा, ‘सभी संबंधित जिलाधिकारियों का अभिमत मिलने के बाद हम इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए जरूरी नियम-कायदे तय करेंगे।’ उन्होंने कहा कि प्रदेश के छह मंदिरों के प्रस्तावित डी-मैट अकाउंट खुलने के बाद भक्त अपने ईष्ट को शेयर और प्रतिभूतियां भी दान कर सकेंगे। यह संबंधित मंदिर की प्रशासक समिति तय करेगी कि दान में मिले शेयरों और प्रतिभूतियों को कब भुनाया जाए। शेयरों और प्रतिभूतियों से होने वाली कमाई को मंदिर के कोष में जमा किया जाएगा। उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर प्रदेश के उन प्रसिद्ध देवालयों में शामिल है जहां भक्त अपने ईष्ट को नकदी और जेवरात के रूप में सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ाते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
मंदिर के नाम डी-मैट खाता खुलवाने की प्रक्रिया
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक और उज्जैन के अपर कलेक्टर आरपी तिवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार से विस्तृत दिशा-निर्देश मिलने के बाद इस मंदिर के नाम डी-मैट खाता खुलवाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग ने कलेक्टरों को लिखा पत्र
प्रदेश के धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के अपर सचिव राजेंद्र सिंह ने बताया, ‘हम उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर, खंडवा के ओंकारेश्वर मंदिर, सीहोर जिले के सलकनपुर स्थित बिजासन देवी मंदिर, सतना जिले के मैहर देवी मंदिर, इंदौर के खजराना गणेश मंदिर और टीकमगढ़ जिले के ओरछा स्थित रामराजा मंदिर के नाम डी-मैट अकाउंट खोलने की योजना पर विचार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग ने सभी छह जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि वे इस योजना का परीक्षण कर अपनी राय भेजें।
मंदिर की प्रशासक समिति तय करेगी कि दान में मिले शेयरों और प्रतिभूतियों को कब भुनाया जाए
सिंह ने कहा, ‘सभी संबंधित जिलाधिकारियों का अभिमत मिलने के बाद हम इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए जरूरी नियम-कायदे तय करेंगे।’ उन्होंने कहा कि प्रदेश के छह मंदिरों के प्रस्तावित डी-मैट अकाउंट खुलने के बाद भक्त अपने ईष्ट को शेयर और प्रतिभूतियां भी दान कर सकेंगे। यह संबंधित मंदिर की प्रशासक समिति तय करेगी कि दान में मिले शेयरों और प्रतिभूतियों को कब भुनाया जाए। शेयरों और प्रतिभूतियों से होने वाली कमाई को मंदिर के कोष में जमा किया जाएगा। उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर प्रदेश के उन प्रसिद्ध देवालयों में शामिल है जहां भक्त अपने ईष्ट को नकदी और जेवरात के रूप में सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ाते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
मंदिर के नाम डी-मैट खाता खुलवाने की प्रक्रिया
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक और उज्जैन के अपर कलेक्टर आरपी तिवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार से विस्तृत दिशा-निर्देश मिलने के बाद इस मंदिर के नाम डी-मैट खाता खुलवाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं