प्रतीकात्मक तस्वीर
दमोह:
मध्य प्रदेश के दमोह जिले में डॉक्टरों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां के सरकारी अस्पताल में जन्मी नवजात शिशु को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, मगर जब उसे श्मशान घाट में दफनाया जा रहा था, तभी उसकी किलकारियां गूंज उठीं। नवजात शिशु को दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है। सिविल सर्जन डा. बी आर अग्रवाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
उधर अंतिम संस्कार की तैयारी, इधर गूंज उठी किलकारी
बताया गया है कि मड़ियादो निवासी मीना आठ्या ने सोमवार की दोपहर एक बच्ची को जन्म दिया था, कुछ ही देर बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन जब उस नवजात शिशु का शव लेकर श्मशान घाट पहुंचे और अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटे थे, तभी बालिका के शरीर में हरकत हुई और किलकारी गूंज उठी। नवजात शिशु को दोबारा अस्पताल लाया गया और उसका गहन चिकित्सा कक्ष में उपचार जारी है।
जन्म के समय शरीर में नहीं थी कोई हरकत
सिविल सर्जन डा. अग्रवाल ने बताया कि नवजात शिशु 20 सप्ताह का है और उसका वजन भी बहुत कम लगभग 540 ग्राम है। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने डा. अग्रवाल को बताया कि जब मीना आठ्या ने बच्ची को जन्म दिया था, तब उसके शरीर में न तो कोई हरकत थी और न ही सांस चल रही थी, लिहाजा उसे मृत घोषित करते हुए शव परिजनों को सौंप दिया था। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि बच्ची को दोबारा गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया है, जहां उपचार चल रहा है। वहीं लापरवाही की जांच कराई जा रही है, दोषियों पर कार्रवाई होगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उधर अंतिम संस्कार की तैयारी, इधर गूंज उठी किलकारी
बताया गया है कि मड़ियादो निवासी मीना आठ्या ने सोमवार की दोपहर एक बच्ची को जन्म दिया था, कुछ ही देर बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन जब उस नवजात शिशु का शव लेकर श्मशान घाट पहुंचे और अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटे थे, तभी बालिका के शरीर में हरकत हुई और किलकारी गूंज उठी। नवजात शिशु को दोबारा अस्पताल लाया गया और उसका गहन चिकित्सा कक्ष में उपचार जारी है।
जन्म के समय शरीर में नहीं थी कोई हरकत
सिविल सर्जन डा. अग्रवाल ने बताया कि नवजात शिशु 20 सप्ताह का है और उसका वजन भी बहुत कम लगभग 540 ग्राम है। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने डा. अग्रवाल को बताया कि जब मीना आठ्या ने बच्ची को जन्म दिया था, तब उसके शरीर में न तो कोई हरकत थी और न ही सांस चल रही थी, लिहाजा उसे मृत घोषित करते हुए शव परिजनों को सौंप दिया था। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि बच्ची को दोबारा गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया है, जहां उपचार चल रहा है। वहीं लापरवाही की जांच कराई जा रही है, दोषियों पर कार्रवाई होगी।
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